अंतरिक्ष में 9 महीने बिताने के बाद, भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स सुरक्षित और स्वस्थ धरती पर लौट आई हैं। जब उन्हें वापस लाने वाला स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा के समुद्र में उतरा, तो यह विज्ञान जगत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बन गया। भारत समेत पूरी दुनिया में लाखों लोगों ने नासा के लाइव टेलिकास्ट को अपने गैजेट्स पर देखा।
ड्रैगन कैप्सूल की ऐतिहासिक लैंडिंग
जब ड्रैगन कैप्सूल समुद्र में तेज आवाज के साथ स्प्लैशडाउन हुआ, तो कुछ ही देर में एक अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। डॉल्फिन मछलियों का एक समूह यान के चारों ओर जमा हो गया और उछल-कूद करने लगा, मानो वे सुनीता विलियम्स का स्वागत कर रही हों। यह दृश्य बेहद मनमोहक था।
स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी इस यादगार पल का वीडियो X (ट्विटर) पर शेयर किया, जिसे लाखों लोग देख चुके हैं।
सुनीता के साथ अन्य अंतरिक्ष यात्री भी लौटे
इस सफल मिशन के साथ ही, सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर, निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री एलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी सुरक्षित धरती पर लौट आए। यह मिशन तकनीकी परेशानियों की वजह से कई महीनों तक अटका रहा, लेकिन आखिरकार 19 मार्च 2025 को सफलता पूर्वक पूरा हुआ।
कैसे हुआ स्प्लैशडाउन?
भारतीय समयानुसार, आज तड़के 3:58 बजे ड्रैगन कैप्सूल ने फ्लोरिडा के समुद्र में लैंड किया। चार पैराशूट की मदद से कैप्सूल की गति को नियंत्रित किया गया और जैसे ही उसने समुद्र की सतह को छुआ, NASA कमेंट्री में गूंज उठा - "स्प्लैशडाउन! क्रू-9 धरती पर आ चुका है।"
लाखों लोगों ने इस ऐतिहासिक लम्हे को तालियों और मुस्कुराहटों के साथ देखा। कंट्रोल सेंटर ने भी अंतरिक्ष यात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया - "निक, एलेक, बुच, सुनी… स्पेसएक्स की ओर से घर वापसी पर आपका स्वागत है!"
9 महीने की लंबी प्रतीक्षा का अंत
5 जून 2024 को, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर मात्र 8 दिनों के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए थे, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के चलते उनकी वापसी लगातार टलती रही। बोइंग का स्टारलाइनर यान, जो उन्हें वापस लाने वाला था, खराब हो गया, जिससे यह मिशन महीनों तक लंबित रहा।
अंततः डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद, उन्होंने यह जिम्मेदारी एलन मस्क को सौंपी और स्पेसएक्स ने 19 मार्च 2025 को यह ऐतिहासिक मिशन पूरा किया।
नया कीर्तिमान: अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला
इस मिशन के दौरान, सुनीता विलियम्स ने 286 दिन अंतरिक्ष में बिताए, जो उनके मूल 8 दिनों के मिशन से 278 दिन अधिक थे। उन्होंने न केवल 900 घंटे का शोध कार्य पूरा किया, बल्कि 150 से अधिक प्रयोग किए और 9 बार स्पेसवॉक कर कुल 62 घंटे और 9 मिनट स्पेस के बाहर बिताए।
9 महीने तक अंतरिक्ष में रहने के बाद, जब सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर पृथ्वी की ओर लौटे, तो यह सिर्फ एक सफर नहीं था – यह विज्ञान और इंसानी कोशिशों की एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी।
Astronauts greeted by Dolphins 🐬 pic.twitter.com/AZB4D7opgv
— Rob Schmitt (@SchmittNYC) March 18, 2025
A pod of Dolphins stopped by to say welcome home to the Astronauts! 🐬 pic.twitter.com/0XXdMJbKG8
— DogeDesigner (@cb_doge) March 18, 2025
17,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर
ड्रैगन कैप्सूल की यह वापसी यात्रा 17 घंटे की थी। जब कैप्सूल पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल हुआ, तब इसकी रफ्तार करीब 27,000 किमी प्रति घंटा थी—यानी हर सेकंड 7.5 किमी का सफर! जैसे-जैसे यह निचले वायुमंडल में आया, घर्षण से तापमान 1927°C तक बढ़ गया। लेकिन हीट शील्ड ने यात्रियों को इस भीषण गर्मी से बचा लिया।
जब कुछ मिनटों के लिए दुनिया से टूटा संपर्क
धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते ही कैप्सूल का संपर्क टूट गया—इसे "कम्युनिकेशन ब्लैकआउट" कहते हैं। पूरे 6 मिनट तक नासा कंट्रोल सेंटर से कोई संवाद नहीं हुआ। यह वह क्षण था जब सबकी धड़कनें थमी हुई थीं।
पैराशूट खुले और समंदर में हुआ स्प्लैशडाउन
सुबह 3:24 बजे, जैसे ही कैप्सूल ने धरती की ओर अंतिम कदम बढ़ाया, पहले दो छोटे ड्रोग पैराशूट खुले, फिर दो बड़े पैराशूट। धीरे-धीरे गति कम होती गई और आखिरकार फ्लोरिडा के तट के पास महासागर में कैप्सूल ने लैंडिंग की।
डॉल्फिन्स ने किया स्वागत!
सबसे दिलचस्प नज़ारा लैंडिंग के बाद दिखा—कैप्सूल के चारों ओर डॉल्फिन्स की टोली आ गई और पानी में उछल-कूद करने लगी, मानो कह रही हों, "वेलकम बैक, सुनीता!"
नासा का ऐतिहासिक संदेश
जैसे ही स्प्लैशडाउन हुआ, नासा कंट्रोल सेंटर से आवाज आई: "निक, एलेक, बुच, सुनी...स्पेसएक्स की ओर से घर वापस आने का स्वागत है!"
9 महीने की प्रतीक्षा और फिर सफलता
ध्यान देने वाली बात यह है कि सुनीता विलियम्स सिर्फ 8 दिनों के लिए अंतरिक्ष गई थीं, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उन्हें 9 महीने तक वहां रहना पड़ा। जब आखिरकार मिशन पूरा हुआ, तो यह विज्ञान और टेक्नोलॉजी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था।