जयपुर। राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल 2025 के प्रावधानों के अनुसार कोचिंग सेंटर्स मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे। एक साथ पूरी फीस की जगह स्टूडेंट 4 किस्तों में फीस जमा करवा सकेंगे। यदि कोई विद्यार्थी बीच में कोचिंग छोड़ता है तो उसे 10 दिन में फीस लौटानी होगी। साथ ही यदि स्टूडेंट हॉस्टल में रह रहा है तो बची हुई हॉस्टल की फीस भी विद्यार्थी को देनी होगी। इतना ही नहीं 50 या इससे ज्यादा स्टूडेंट्स वाले कोचिंग सेंटर को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा।
अगर कोचिंग सेंटर बच्चों पर दबाव बनाते हैं या मनमानी फीस वसूल करते हैं और बिल के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं तो रजिस्ट्रेशन रद्द भी हो सकता है। इसमें 2 लाख से 5 लाख रुपए तक जुर्माना और प्रॉपर्टी जब्त करने के प्रावधान को भी शामिल किया है।
उल्लंघन पर जुर्माना और प्रॉपर्टी जब्त
कोई कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन करता है तो पहली बार में उस पर 2 लाख का जुर्माना लगेगा। दूसरी बार उल्लंघन करने पर 5 लाख और उसके बाद उल्लंघन करने पर उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। इसके बाद भी कोई सेंटर जुर्माने की रकम नहीं देता है तो उसकी प्रॉपर्टी जब्त कर जुर्माना वसूला जाएगा।
राजस्थान कोचिंग सेंटर प्राधिकरण बनेगा
कोचिंग सेंटर पर निगरानी और कंट्रोल के लिए राजस्थान कोचिंग सेंटर प्राधिकरण बनेगा। इसमें उच्च शिक्षा विभाग के प्रभारी सचिव अध्यक्ष होंगे। इसके मेंबर्स में स्कूल शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, मेडिकल एजुकेशन के सचिव, आईजी, कॉलेज शिक्षा आयुक्त, डीएलबी डायरेक्टर, एक साइकोलॉजिस्ट, वित्त विभाग से नॉमिनेट एक सचिव, कोचिंग सेंटर से 2 प्रतिनिधि, अभिभावक समिति से 2 मेंबर होंगे। उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे।
जिला स्तर पर बनेंगे कॉल सेंटर
कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की शिकायतों के समाधान के लिए हर जिला लेवल पर 24 घंटे चलने वाले कॉल सेंटर खोले जाएंगे। कोचिंग सेंटर की शिकायतें सुनने और उनके निवारण के लिए जिला स्तर पर समिति भी बनेगी। कोचिंग सेंटर्स के रजिस्ट्रेशन और निगरानी के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला समिति बनेगी।
कमेटी में एसपी, संबंधित शहरी निकाय के आयुक्त, सीएमएचओ, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, कलेक्टर के नॉमिनेटेड मेंबर और एडीएम प्रशासन इसके मेंबर होंगे। जिला समिति को भी सिविल कोर्ट के वही पावर होंगे, जो प्राधिकरण को है।
50 या इससे ज्यादा स्टूडेंट तो रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
इस बिल के अनुसार, 50 या इससे ज्यादा स्टूडेंट्स वाले हर कोचिंग सेंटर को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। कोचिंग सेंटरों को जिला समिति के पास अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। जिला समिति कोचिंग का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करेगी। नियमों का उल्लंघन हुआ तो रिन्यू करने से इनकार भी कर सकेगी। जिला समिति कोचिंग सेंटर का नियमित रूप से निरीक्षण करेगी।
सरकारी स्कूल कॉलेज के शिक्षक नहीं पढ़ा सकेंगे
इस बिल के प्रावधानों के अनुसार कोई भी कोचिंग सेंटर अपने यहां सरकारी स्कूल या सरकारी कॉलेज के टीचर को नहीं रख सकेगा। जिला स्तरीय समिति की यह भी ड्यूटी होगी कि वह कोचिंग सेंटर में यह सुनिश्चित करें कि कोई भी सरकारी टीचर इसमें नहीं पढ़ा रहा हो। कोचिंग में पढ़ाने वाले शिक्षक किसी भी तरह के क्राइम में शामिल नहीं होना चाहिए। कोचिंग सेंटर की वेबसाइट बनानी होगी। इसमें शिक्षक और उनकी प्रोफाइल, फीस, कोर्स, हॉस्टल समेत अन्य जानकारी देनी होगी। इनमें से किसी भी तरह की जानकारी नहीं देने पर रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
ब्रांच को माना जाएगा अलग कोचिंग, करवाना होगा रजिस्ट्रेशन
अगर किसी कोचिंग सेंटर की कई ब्रांच है तो हर ब्रांच को भी अलग-अलग कोचिंग सेंटर के रूप में माना जाएगा और हर ब्रांच को अलग से अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। कोचिंग का रजिस्ट्रेशन 3 साल के लिए होगा और हर 3 साल बाद उसे रिन्यू करवाना होगा।
भ्रामक विज्ञापन नहीं दे सकेंगे
कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग में प्रति छात्र बैठने के लिए कम से कम एक वर्ग मीटर जगह होनी चाहिए। कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग के लिए फायर सेफ्टी कोड और बिल्डिंग सिक्योरिटी कोड की पालना करनी होगी। सेंटर में प्राइमरी फर्स्ट एड किट और रेफरल सेवाओं को रखना जरूरी है। कोचिंग सेंटर का पूरी तरह इलेक्ट्रीफाइड होना भी जरूरी है।
राज्य की कोचिंग सेंटर के लिए एक आचार संहिता होगी। इस आचार संहिता का सभी कोचिंग सेंटर को पालन करना होगा। कोचिंग सेंटर स्टूडेंट से मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे। फीस की पूरी रसीद देनी होगी।
कोचिंग सेंटर्स को अपने स्टूडेंट को नोट्स और स्टडी मटेरियल फ्री में देना होगा। इसके लिए अलग से फीस नहीं वसूली जा सकेगी। भ्रामक और लुभावने विज्ञापन नहीं दे सकेंगे।
स्टूडेंट को मनोवैज्ञानिक सहायता देनी होगी
कोचिंग सेंटर्स में स्टूडेंट्स को काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक सहायता देनी होगी। जिला स्तरीय समिति इसके लिए निरीक्षण भी करेगी। छात्रों में मानसिक तनाव और डिप्रेशन को कम करने के लिए उनको काउंसलिंग दी जाएगी और जरूरत पड़ने पर मेडिकल सहायता भी दी जाएगी।
हर कोचिंग सेंटर को अपने यहां नियमित तौर पर करियर काउंसलिंग करनी होगी। नियमित रूप से योग सहित मेडिटेशन और वर्कशॉप करके छात्रों को तनाव मुक्त रखने के उपाय करने होंगे।