कोरोना मरीजों के लिए देशभर में ट्रेनों से भेजी जाएगी ऑक्सीजन, 9 सेक्टरों को छोड़ 22 अप्रैल से उद्योगों को सप्लाई बंद
By: Pinki Sun, 18 Apr 2021 10:38:54
कोरोना मरीजों की वजह से बढ़ी मांग और देशभर में ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाएगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने साेशल मीडिया पर बताया कि ट्रेनों से देशभर में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडर डिलीवर किए जाएंगे। जल्द ही इन ट्रेनों को चलाया जाएगा। फास्ट सप्लाई के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनेंगे।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का ट्रांसपोर्ट करने की संभावनाओं पर विचार करने को कहा था। इसके बाद रेलवे ने लिक्विड ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेशन की तकनीकी दिक्कतों के बारे में पता लगाया। सारी चीजें तय होने के बाद फैसला लिया गया कि मालगाड़ी की खाली बोगियों पर ऑक्सीजन टैंकर भेजे जाएंगे। मुंबई के बोइसर में रविवार को इसका ट्रायल किया गया। यहां एक भरे हुए टैंकर फ्लैट वैगन पर लोड करके देखा गया।
तीन शहरों में बनेंगे रैंप
इस मुद्दे पर 17 अप्रैल को रेलवे बोर्ड के अधिकारियों, स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर्स और इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के बीच मीटिंग हुई। इसमें जोनल रेलवे को निर्देश दिए गए कि ट्रेलर मंगाने और उन्हें वापस लोड करने में तेजी दिखाई जाए। इसके लिए विजाग, अंगुल और भिलाई में रैंप किए जाएंगे। मुंबई के कालांबोली में बने रैंप को और मजबूत बनाया जाना है।
Roll on Roll off Oxygen trucks getting loaded for Oxygen Express. Under PM @NarendraModi ji's leadership, Govt of India is committed to doing everything possible to help COVID-19 patients. pic.twitter.com/dFgHeKLRxr
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) April 18, 2021
सप्लाई के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनेगा
अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र से ऑक्सीजन लेने के लिए 10 खाली टैंकर सोमवार को विशाखापट्टनम, विजाग, जमशेदपुर, राउरकेला और बोकारो भेजे जाएंगे। इससे अगले कुछ दिनों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस शुरू होने की उम्मीद है। इससे हम जहां कहीं भी मांग है, वहां ऑक्सीजन भेज पाएंगे। ऑक्सीजन एक्सप्रेस को तेजी से चलाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल कहा कि पिछले साल कोरोना संक्रमण शुरू होने से पहले मेडिकल ऑक्सीजन की रोजाना खपत 1000-1200 मीट्रिक टन थी। 15 अप्रैल को देश में 4,795 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया गया। हमने पिछले एक साल में उत्पादन क्षमता बढ़ाई है।
गोयल ने कहा कि आज 12 राज्यों के साथ हुई मीटिंग में 6177 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर चर्चा हुई है। रेलवे के जरिए इन राज्यों को सप्लाई जल्द से जल्द की जा रही है।
22 अप्रैल से कुछ सेक्टर को छोड़ अन्य इंडस्ट्रीज पर पाबंदी
22 अप्रैल से 9 सेक्टर को छोड़कर बाकी उद्योगों को सप्लाई पर अस्थायी रूप से पाबंदी लगाई गई है। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'कोरोना से पहले भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की खपत 1000 से 1200 मीट्रिक टन थी। लेकिन, 15 अप्रैल को देश में 4,795 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की खपत हुई है। पिछले एक साल से देश में मेडिकल ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा रहा है।'
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को 1500 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी। दिल्ली को 350 मीट्रिक टन और उत्तर प्रदेश को 800 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई होगी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दो टूक शब्दों में कहा, 'कोरोना वायरस पर काबू की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की हैं। इसलिए राज्य सरकारों को मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड को नियंत्रण में रखना होगा। सप्लाई के साथ मांग को भी नियंत्रण में रखने की जरूरत है।'
गोयल ने कहा, 'अगर इसी तरह लगातार संक्रमण के मामले बढ़ते रहे तो देश की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी। हम राज्य सरकारों के साथ हैं, लेकिन उन्हें डिमांड का प्रबंधन करने की जरूरत है और कोरोना पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।'
दिल्ली सरकार ने केंद्र से मांगी मदद
बता दे, दिल्ली में तेजी से बढ़ती कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के चलते दिल्ली भारी ऑक्सीजन की कमी से जूझ रही है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस समय दिल्ली को सामान्य आपूर्ति की तुलना में बहुत अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता है।
राजधानी में जिस तेजी से कोरोना के मरीज मिल रहे हैं ऐसे में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़नी चाहिए थी, लेकिन इसके ठीक उलटा दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति घटा दी गई है।सीएम केजरीवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली के कोटे में ऑक्सीजन है उसको दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है, जिसके चलते दिल्ली के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कोरोना मरीजों के लिए 7000 बेड रिजर्व करने और तुरंत ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए कहा है।
मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की सप्लाई न होने पर 12 कोविड मरीजों की मौत
मध्यप्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम होने से शनिवार को 12 कोविड मरीजों की मौत हो गई। सभी ICU में भर्ती थे। यहां के उज्जैन में कुछ महीने पहले 4,200 रुपए में मिलने वाला ऑक्सीजन सिलेंडर 15 हजार रुपए देने पर भी नहीं मिल रहा है। इससे पहले 15 अप्रैल को जबलपुर में लिक्विड प्लांट में आई खराबी के कारण ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से 5 मरीजों की मौत हो गई थी।
उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन फैक्ट्रियों के बाहर लंबी कतारें
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अस्पतालों में भर्ती मरीजों के घरवाले खुद ऑक्सीजन सिलेंडर ढो रहे हैं। ऑक्सीजन फैक्ट्रियों के बाहर लंबी कतारें हैं। लखनऊ PGI में पहले रोज 50 सिलेंडर की खपत थी, अब 500 लग रहे हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने वालों के मुताबिक, पहले रोज 1200 सिलेंडर तैयार करते थे अब 1900 कर रहे हैं।
दूसरे राज्यों से मंगा रहा महाराष्ट्र
महाराष्ट्र 30-50 मीट्रिक टन ऑक्सीजन गुजरात और 50 टन छत्तीसगढ़ से मंगाने की कोशिश कर रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि उन्होंने ऑक्सीजन सप्लाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने की कोशिश की थी, लेकिन वे बंगाल में चुनाव प्रचार में व्यस्त थे।