न्यूज़
Bigg Boss 19 Tejashwi Yadav Donald Trump Narendra Modi Rahul Gandhi

'कैसे मान लूं मेरे अटलजी अब नहीं रहे', पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा भावुक ब्लॉग

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लेख के जरिये पूर्व पीएम अटल जी को श्रद्धांजलि दी है

Posts by : Priyanka Maheshwari | Updated on: Fri, 17 Aug 2018 1:02:48

'कैसे मान लूं मेरे अटलजी अब नहीं रहे', पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा भावुक ब्लॉग

भारतीय राजनीति के अजातशत्रु कहे जाने वाले भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में शाम 5 बजकर 5 मिनट पर निधन हो गया। वह बीते 11 जून से एम्स में भर्ती थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जाना राजनीति के एक युग के अंत के समान है। यही वजह है कि इस मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लेख के जरिये पूर्व पीएम अटल जी को श्रद्धांजलि दी है। इस लेख में उन्होंने अटल जी के साथ के पल को याद किया है और साथ ही अटल जी ने देश के लिए जो किया है, उसका बखान किया है।

मेरे अटल जी,

'अटल जी अब नहीं रहे। मन नहीं मानता। अटल जी, मेरी आंखों के सामने हैं, स्थिर हैं। जो हाथ मेरी पीठ पर धौल जमाते थे, जो स्नेह से, मुस्कराते हुए मुझे अंकवार में भर लेते थे, वे स्थिर हैं। अटल जी की ये स्थिरता मुझे झकझोर रही है, अस्थिर कर रही है। एक जलन सी है आंखों में, कुछ कहना है, बहुत कुछ कहना है लेकिन कह नहीं पा रहा। मैं खुद को बार-बार यकीन दिला रहा हूं कि अटल जी अब नहीं हैं, लेकिन ये विचार आते ही खुद को इस विचार से दूर कर रहा हूं। क्या अटल जी वाकई नहीं हैं? नहीं। मैं उनकी आवाज अपने भीतर गूंजते हुए महसूस कर रहा हूं, कैसे कह दूं, कैसे मान लूं, वे अब नहीं हैं।'

दिल को झकझोर देने वाले ये शब्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हैं, जो उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखे हैं। उन्होंने अपने ब्लॉग के जरिए अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है 'वे पंचतत्व हैं। वे आकाश, पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, सबमें व्याप्त हैं, वेअटल हैं, वे अब भी हैं। जब उनसे पहली बार मिला था, उसकी स्मृति ऐसी है जैसे कल की ही बात हो। इतने बड़े नेता, इतने बड़े विद्वान। लगता था जैसे शीशे के उस पार की दुनिया से निकलकर कोई सामने आ गया है। जिसका इतना नाम सुना था, जिसको इतना पढ़ा था, जिससे बिना मिले, इतना कुछ सीखा था, वो मेरे सामने था। जब पहली बार उनके मुंह से मेरा नाम निकला तो लगा, पाने के लिए बस इतना ही बहुत है। बहुत दिनों तक मेरा नाम लेती हुई उनकी वह आवाज मेरे कानों से टकराती रही। मैं कैसे मान लूं कि वह आवाज अब चली गई है।'

उन्होंने आगे लिखा है 'कभी सोचा नहीं था, कि अटल जी के बारे में ऐसा लिखने के लिए कलम उठानी पड़ेगी। देश और दुनिया अटल जी को एक स्टेट्समैन, धारा प्रवाह वक्ता, संवेदनशील कवि, विचारवान लेखक, धारदार पत्रकार और विजनरी जननेता के तौर पर जानती है। लेकिन मेरे लिए उनका स्थान इससे भी ऊपर का था। सिर्फ इसलिए नहीं कि मुझे उनके साथ बरसों तक काम करने का अवसर मिला, बल्कि मेरे जीवन, मेरी सोच, मेरे आदर्शों-मूल्यों पर जो छाप उन्होंने छोड़ी, जो विश्वास उन्होंने मुझ पर किया, उसने मुझे गढ़ा है, हर स्थिति में अटल रहना सिखाया है।

हमारे देश में अनेक ऋषि, मुनि, संत आत्माओं ने जन्म लिया है। देश की आज़ादी से लेकर आज तक की विकास यात्रा के लिए भी असंख्य लोगों ने अपना जीवन समर्पित किया है। लेकिन स्वतंत्रता के बाद लोकतंत्र की रक्षा और 21वीं सदी के सशक्त, सुरक्षित भारत के लिए अटल जी ने जो किया, वह अभूतपूर्व है।

उनके लिए राष्ट्र सर्वोपरि था -बाकी सब का कोई महत्त्व नहीं। इंडिया फर्स्ट –भारत प्रथम, ये मंत्र वाक्य उनका जीवन ध्येय था। पोखरण देश के लिए जरूरी था तो चिंता नहीं की प्रतिबंधों और आलोचनाओं की, क्योंकि देश प्रथम था।सुपर कंप्यूटर नहीं मिले, क्रायोजेनिक इंजन नहीं मिले तो परवाह नहीं, हम खुद बनाएंगे, हम खुद अपने दम पर अपनी प्रतिभा और वैज्ञानिक कुशलता के बल पर असंभव दिखने वाले कार्य संभव कर दिखाएंगे। और ऐसा किया भी।दुनिया को चकित किया। सिर्फ एक ताकत उनके भीतर काम करती थी- देश प्रथम की जिद।

pm narendra modi,atal bihari vajpayee,atal bihari vajpayee news

काल के कपाल पर लिखने और मिटाने की ताकत, हिम्मत और चुनौतियों के बादलों में विजय का सूरज उगाने का चमत्कार उनके सीने में था तो इसलिए क्योंकि वह सीना देश प्रथम के लिए धड़कता था। इसलिए हार और जीत उनके मन पर असर नहीं करती थी। सरकार बनी तो भी, सरकार एक वोट से गिरा दी गयी तो भी, उनके स्वरों में पराजय को भी विजय के ऐसे गगन भेदी विश्वास में बदलने की ताकत थी कि जीतने वाला ही हार मान बैठे।'

पीएम मोदी ने आगे लिखा है 'अटल जी कभी लीक पर नहीं चले। उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक जीवन में नए रास्ते बनाए और तय किए। 'आंधियों में भी दीये जलाने' की क्षमता उनमें थी। पूरी बेबाकी से वे जो कुछ भी बोलते थे, सीधा जनमानस के हृदय में उतर जाता था। अपनी बात को कैसे रखना है, कितना कहना है और कितना अनकहा छोड़ देना है, इसमें उन्हें महारत हासिल थी।

राष्ट्र की जो उन्होंने सेवा की, विश्व में मां भारती के मान सम्मान को उन्होंने जो बुलंदी दी, इसके लिए उन्हें अनेक सम्मान भी मिले। देशवासियों ने उन्हें भारत रत्न देकर अपना मान भी बढ़ाया। लेकिन वे किसी भी विशेषण, किसी भी सम्मान से ऊपर थे।

जीवन कैसे जीया जाए, राष्ट्र के काम कैसे आया जाए, यह उन्होंने अपने जीवन से दूसरों को सिखाया। वे कहते थे, 'हम केवल अपने लिए ना जीएं, औरों के लिए भी जीएं।।।हम राष्ट्र के लिए अधिकाधिक त्याग करें। अगर भारत की दशा दयनीय है तो दुनिया में हमारा सम्मान नहीं हो सकता। किंतु यदि हम सभी दृष्टियों से सुसंपन्न हैं तो दुनिया हमारा सम्मान करेगी'।

देश के गरीब, वंचित, शोषित के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए वे जीवनभर प्रयास करते रहे। वे कहते थे 'गरीबी, दरिद्रता गरिमा का विषय नहीं है, बल्कि यह विवशता है, मजबूरी है और विवशता का नाम संतोष नहीं हो सकता'। करोड़ों देशवासियों को इस विवशता से बाहर निकालने के लिए उन्होंने हर संभव प्रयास किए। गरीब को अधिकार दिलाने के लिए देश में आधार जैसी व्यवस्था, प्रक्रियाओं का ज्यादा से ज्यादा सरलीकरण, हर गांव तक सड़क, स्वर्णिम चतुर्भुज, देश में विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर, राष्ट्र निर्माण के उनके संकल्पों से जुड़ा था।'

आज भारत जिस टेक्नोलॉजी के शिखर पर खड़ा है उसकी आधारशिला अटल जी ने ही रखी थी। वे अपने समय से बहुत दूर तक देख सकते थे- स्वप्न दृष्टा थे लेकिन कर्म वीर भी थे। कवि हृदय, भावुक मन के थे तो पराक्रमी सैनिक मन वाले भी थे। उन्होंने विदेश की यात्राएं कीं। जहां-जहां भी गए, स्थाई मित्र बनाये और भारत के हितों की स्थाई आधारशिला रखते गए। वे भारत की विजय और विकास के स्वर थे।

अटल जी का प्रखर राष्ट्रवाद और राष्ट्र के लिए समर्पण करोड़ों देशवासियों को हमेशा से प्रेरित करता रहा है। राष्ट्रवाद उनके लिए सिर्फ एक नारा नहीं था बल्कि जीवन शैली थी। वे देश को सिर्फ एक भूखंड, ज़मीन का टुकड़ा भर नहीं मानते थे, बल्कि एक जीवंत, संवेदनशील इकाई के रूप में देखते थे। 'भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष है।' यह सिर्फ भाव नहीं, बल्कि उनका संकल्प था, जिसके लिए उन्होंने अपना जीवन न्योछावर कर दिया। दशकों का सार्वजनिक जीवन उन्होंने अपनी इसी सोच को जीने में, धरातल पर उतारने में लगा दिया। आपातकाल ने हमारे लोकतंत्र पर जो दाग लगाया था उसको मिटाने के लिए अटल जी के प्रयास को देश हमेशा याद रखेगा।

राष्ट्रभक्ति की भावना, जनसेवा की प्रेरणा उनके नाम के ही अनुकूल अटल रही। भारत उनके मन में रहा, भारतीयता तन में। उन्होंने देश की जनता को ही अपना आराध्य माना। भारत के कण-कण, कंकर-कंकर, भारत की बूंद-बूंद को, पवित्र और पूजनीय माना।

जितना सम्मान, जितनी ऊंचाई अटल जी को मिली उतना ही अधिक वह ज़मीन से जुड़ते गए। अपनी सफलता को कभी भी उन्होंने अपने मस्तिष्क पर प्रभावी नहीं होने दिया। प्रभु से यश, कीर्ति की कामना अनेक व्यक्ति करते हैं, लेकिन ये अटल जी ही थे जिन्होंने कहा, हे प्रभु! मुझे इतनी ऊंचाई कभी मत देना। गैरों को गले ना लगा सकूं, इतनी रुखाई कभी मत देना।'

राज्य
View More

Shorts see more

सावधान! एक गलत तरबूज बन सकता है कैंसर की वजह, खरीदते वक्त ध्यान रखें ये बातें

सावधान! एक गलत तरबूज बन सकता है कैंसर की वजह, खरीदते वक्त ध्यान रखें ये बातें

  • तरबूज में हानिकारक केमिकल मिलाए जा रहे हैं
  • तरबूज से कैसे हो सकता है कैंसर?
  • कैसे करें सही तरबूज की पहचान?
read more

ताजा खबरें
View More

‘दिल्ली का प्रदूषण तो आसमान छू रहा है, एक सिगरेट से क्या फर्क पड़ेगा’—संसद में स्मोकिंग विवाद पर TMC सांसद का अनोखा जवाब
‘दिल्ली का प्रदूषण तो आसमान छू रहा है, एक सिगरेट से क्या फर्क पड़ेगा’—संसद में स्मोकिंग विवाद पर TMC सांसद का अनोखा जवाब
थरूर की गैरमौजूदगी से कांग्रेस में खलबली, राहुल गांधी की रणनीतिक बैठक में एक और नेता नज़र नहीं आए
थरूर की गैरमौजूदगी से कांग्रेस में खलबली, राहुल गांधी की रणनीतिक बैठक में एक और नेता नज़र नहीं आए
चांदी ने रचा इतिहास, पहली बार ₹2 लाख पार; सोना भी नई ऊँचाइयों पर पहुँचा
चांदी ने रचा इतिहास, पहली बार ₹2 लाख पार; सोना भी नई ऊँचाइयों पर पहुँचा
AAP की नई राजनीतिक कोशिश: गोवा में 50 पंचायत सीटों पर उम्मीदवार उतारे, आतिशी को मिली अहम जिम्मेदारी
AAP की नई राजनीतिक कोशिश: गोवा में 50 पंचायत सीटों पर उम्मीदवार उतारे, आतिशी को मिली अहम जिम्मेदारी
उत्तराखंड में विकास को नई गति: CM धामी ने 210 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं को दिखाई हरी झंडी, आपदा राहत में शामिल होंगी 71 नई गाड़ियां
उत्तराखंड में विकास को नई गति: CM धामी ने 210 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं को दिखाई हरी झंडी, आपदा राहत में शामिल होंगी 71 नई गाड़ियां
भारत में मैरिटल रेप की अनदेखी, पत्नी की सहमति के बिना संबंध को बलात्कार माना जाना चाहिए: शशि थरूर
भारत में मैरिटल रेप की अनदेखी, पत्नी की सहमति के बिना संबंध को बलात्कार माना जाना चाहिए: शशि थरूर
बैंकॉक से अमृतसर पहुँचा यात्री, बैग से मिला 3 किलो गांजा; कस्टम विभाग की बड़ी कार्रवाई
बैंकॉक से अमृतसर पहुँचा यात्री, बैग से मिला 3 किलो गांजा; कस्टम विभाग की बड़ी कार्रवाई
सर्दियों में बालों के लिए वरदान साबित होगा यह ‘स्पेशल विंटर ऑयल’, सिर्फ एक महीने में नजर आने लगेगा बदलाव
सर्दियों में बालों के लिए वरदान साबित होगा यह ‘स्पेशल विंटर ऑयल’, सिर्फ एक महीने में नजर आने लगेगा बदलाव
धर्मेंद्र की प्रेयर मीट में  रो पड़ीं हेमा मालिनी, ईशा-अहाना ने मां को दिया सहारा
धर्मेंद्र की प्रेयर मीट में रो पड़ीं हेमा मालिनी, ईशा-अहाना ने मां को दिया सहारा
15000 फीट की ऊँचाई पर मौत से आमना-सामना! प्लेन से उलझा पैराशूट, विमान के नीचे लटकता रहा स्काईडाइवर; वीडियो ने मचाई सनसनी
15000 फीट की ऊँचाई पर मौत से आमना-सामना! प्लेन से उलझा पैराशूट, विमान के नीचे लटकता रहा स्काईडाइवर; वीडियो ने मचाई सनसनी
'10 हजार दो या 1 लाख… ये मुझे वोट नहीं देंगे', हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान
'10 हजार दो या 1 लाख… ये मुझे वोट नहीं देंगे', हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान
क्या BCCI में भी होती हैं सरकारी तरह की नौकरियां? जानें कैसे पता चलता है वैकेंसी का पूरा प्रोसेस
क्या BCCI में भी होती हैं सरकारी तरह की नौकरियां? जानें कैसे पता चलता है वैकेंसी का पूरा प्रोसेस
पिता की चिता को अग्नि देकर बेटी ने किया परंपरा का अंत, मुंडन कर निभाया बेटों जैसा धर्म
पिता की चिता को अग्नि देकर बेटी ने किया परंपरा का अंत, मुंडन कर निभाया बेटों जैसा धर्म
प्रेयर मीट के बाद ईशा देओल का भावुक पोस्ट, शेयर किया वीडियो—जिसमें झलकी प्रकाश कौर और सनी देओल की अनदेखी यादें
प्रेयर मीट के बाद ईशा देओल का भावुक पोस्ट, शेयर किया वीडियो—जिसमें झलकी प्रकाश कौर और सनी देओल की अनदेखी यादें