भारतीय सेना के हाथों करारी हार के बाद पाकिस्तान अब भारत के सामने पानी के लिए गिड़गिड़ा रहा है। बुधवार, 14 मई 2025 को पाकिस्तान सरकार ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उसने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की है।
पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सय्यद अली मुर्तज़ा द्वारा भेजी गई इस चिट्ठी में कहा गया है कि संधि के स्थगन के चलते पाकिस्तान में खरीफ फसलों के लिए पानी की भारी कमी हो गई है। हालांकि भारत की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
पानी को लेकर पहले ही पीएम मोदी दे चुके हैं सख्त चेतावनी
राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और सैन्य ठिकानों पर कार्रवाई को सिर्फ फिलहाल के लिए स्थगित किया गया है और भविष्य में पाकिस्तान के रवैये के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। पीएम मोदी ने दो टूक कहा कि यह युग न युद्ध का है और न ही आतंकवाद का।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने दी परोक्ष धमकी
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने मंगलवार, 13 मई 2025 को कहा कि यदि भारत सिंधु जल संधि को पुनः लागू नहीं करता और पाकिस्तान की ओर आने वाले पानी को मोड़ने की कोशिश करता है, तो भारत-पाक संघर्ष विराम खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच हुए हालिया सैन्य अभियानों को देखते हुए जल विवाद को जल्द सुलझाना ज़रूरी है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का कड़ा रुख
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का निर्णय लिया। इस निर्णय की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में की गई थी। इस बैठक में अन्य कठोर निर्णय भी लिए गए थे जैसे कि पाकिस्तान के लिए सभी वीज़ा रद्द करना, पाक हाई कमीशन के स्टाफ को कम करना और वाघा-अटारी बॉर्डर को बंद करना।