पाकिस्तान में आतंकवाद से जुड़े मामले एक बार फिर चर्चा में हैं, और इस बार पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान पर अपनी मुहर लगाई है। भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान का आतंकवाद से गहरा संबंध रहा है, और इसी आतंकवादियों ने उनकी मां की हत्या की थी। वे खुद आतंकवाद का शिकार रहे हैं।
स्काई न्यूज से बात करते हुए बिलावल भुट्टो ने यह भी स्वीकार किया कि पाकिस्तान का एक अतीत रहा है और देश ने इसके कारण बहुत भारी कीमत चुकाई है। उन्होंने कहा, "हमने चरमपंथ की लहरों से गुजरते हुए बहुत कुछ सीखा और आंतरिक सुधार किए हैं। अब यह सब इतिहास है और हम इसमें अब शामिल नहीं हैं।"
बिलावल का यह बयान उस वक्त आया जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी इस बात को माना था कि पाकिस्तान ने कई दशकों तक आतंकवादी संगठनों को समर्थन और फंडिंग दी है। आसिफ ने यह बयान स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में दिया था, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए गंदा काम किया और इसे अपनी बड़ी गलती माना, जिसकी सजा पाकिस्तान ने भुगती।
आसिफ के बयान के बाद पाकिस्तान के आतंकवाद से जुड़े अतीत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। यह कबूलनामा ऐसे वक्त पर आया है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था, जो पाकिस्तान से संचालित एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है।
भुट्टो ने गुरुवार को मीरपुरखास में एक रैली को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन अगर भारत ने उकसाया तो पाकिस्तान युद्ध के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर किसी ने पाकिस्तान के सिंधु पर हमला किया तो उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।
इन बयानों से पाकिस्तान की दोहरी नीति और आतंकवाद के प्रति उसके रवैये पर सवाल उठ रहे हैं, और यह साबित होता है कि पाकिस्तान के नेताओं की बयानबाजी में विरोधाभास है।