जयपुर: देश के नए वक्फ संशोधन कानून को लेकर जहां सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है, वहीं मुस्लिम संगठनों ने भी इस कानून के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने का संकल्प कर लिया है। आज राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैनर तले बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने संशोधन बिल के खिलाफ जमकर विरोध जताया। धरने में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं, जिन्होंने हाथों में “वक्फ संशोधन कानून वापस लो” जैसी तख्तियां लेकर प्रदर्शन में हिस्सा लिया। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि नया वक्फ संशोधन कानून किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है और जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानुखान बुधवाली ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान सभी को समानता का अधिकार देता है, पर केवल एक समुदाय में सुधार की बात क्यों की जाती है? उन्होंने कहा कि नए वक्फ कानून के तहत भ्रष्ट कलेक्ट्रेट विभाग को वक्फ संपत्तियों का पूर्ण नियंत्रण दे दिया गया है, जबकि न्यायपालिका को गलत ठहराया जा रहा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, और हमें उम्मीद है कि न्यायालय से हमें उचित न्याय मिलेगा।
बुधवाली ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाया कि मोदी सरकार देवस्थान विभाग और अन्य धार्मिक संस्थाओं में बदलाव क्यों नहीं करती? उन्होंने पूछा कि यदि किसी मंदिर के ट्रस्ट में मुसलमान को नहीं लिया जाता तो मुस्लिमों के बोर्ड ट्रस्ट में गैर-मुस्लिम की नियुक्ति क्यों की जा रही है? उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी केवल एक समुदाय को निशाना बनाकर काम कर रही है और देश में संविधान को कमजोर करने का प्रयास हो रहा है।
पूरे कानून पर आपत्ति, वापस होना चाहिए
मुस्लिम तेली महापंचायत के अध्यक्ष अब्दुल लतीफ आरको ने स्पष्ट कहा कि उनकी मांग है कि केंद्र सरकार पूरे वक्फ संशोधन कानून को वापस ले। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए बनाया गया है और सरकार की मंशा ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि वे पूरी ताकत से इस कानून के खिलाफ आंदोलन करेंगे। यह केवल सांकेतिक धरना था, आगे अनिश्चितकालीन धरने और अन्य विरोध के माध्यम अपनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब देश के दूसरे धर्मों के लोग भी समझ गए हैं कि केंद्र सरकार किस तरह मुसलमानों को परेशान कर रही है। उनका कहना था कि कल सिखों का नंबर आएगा, परसों ईसाइयों का।
जामा मस्जिद कमेटी के पूर्व सचिव अनवर शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 140 करोड़ लोगों की बात करते हैं, लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि देश एक शरीर की तरह है। यदि शरीर का कोई हिस्सा—जैसे हाथ या पैर—बीमार हो तो शरीर स्वस्थ नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन कानून मुसलमानों की राय के बिना बनाया गया है, जिसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से किसानों के खिलाफ लगाए गए कानूनों को किसानों के आंदोलन और शहादत के बाद वापस लिया गया, उसी तरह सरकार को मुस्लिमों की भावनाओं का सम्मान करते हुए यह कानून वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आज का सांकेतिक धरना है, आगे कुर्बानी देनी पड़ेगी तो पीछे नहीं हटेंगे।
विरोध करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है
जमात-ए-इस्लामी हिंद के प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद नाजिम ने बताया कि धरने के बाद उन्होंने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से लगातार वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और 7 जुलाई तक ये कार्यक्रम जारी रहेंगे। उन्होंने सरकार से अपील की कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सदस्य यासमीन फारूकी ने कहा कि विरोध करना हमारा संविधानिक अधिकार है, जिसके तहत वे वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ धरना दे रहे हैं। जमात-ए-इस्लामी हिंद से जुड़ी सबिया परवीन ने कहा कि यह बिल पूरी तरह गैरसंवैधानिक है और इसे तुरंत वापस लेना चाहिए।