जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित सवाई मानसिंह स्टेडियम को बीते दिन बम से उड़ाने की धमकी मिली थी, जिससे शहर में हड़कंप मच गया। पाकिस्तानी आईपी एड्रेस से आए धमकी भरे ईमेल में लिखा था, "बचा सको तो बचा लो, ऑपरेशन सिंदूर के बाद स्टेडियम को उड़ाया जाएगा।" इस धमकी के बाद पुलिस, बम निरोधक दस्ते और खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई थीं। स्टेडियम को खाली कराकर सघन तलाशी अभियान चलाया गया था।
अगले दिन लापरवाही का आलम
लेकिन चौकाने वाली बात यह रही कि धमकी के महज एक दिन बाद ही स्टेडियम के बाहर और अंदर किसी तरह की कड़ी सुरक्षा नहीं दिखी। प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा जांच की व्यवस्था नहीं थी, न ही आने-जाने वालों से कोई पूछताछ की जा रही थी। गार्ड्स मौजूद तो थे, लेकिन सतर्कता नदारद थी। यह स्थिति तब है जब राज्यभर में भारत-पाक तनाव को देखते हुए हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
आईपीएल मैच स्थगित, अंतिम मुकाबला अनिश्चित
इस स्थिति को देखते हुए आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने भी बड़ा फैसला लिया है। 16 मई को जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स को एक मुकाबला खेलना था, लेकिन अब यह मैच स्थगित कर दिया गया है। गवर्निंग काउंसिल ने अपने बयान में कहा कि "क्रिकेट जरूरी है, लेकिन देश की सुरक्षा सर्वोपरि है।"
इस बार जयपुर को आईपीएल के कुल 5 मैचों की मेजबानी मिली थी, जिनमें से चार खेले जा चुके हैं। 16 मई का मुकाबला अब अनिश्चित काल तक टाल दिया गया है। वहीं, धर्मशाला में भी पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच चल रहा मैच बीच में ही रोकना पड़ा।
धमकी की जांच जारी, लेकिन स्टेडियम असुरक्षित
राजस्थान स्पोर्ट्स काउंसिल को यह धमकी मेल एक पाकिस्तानी आईपी एड्रेस से भेजा गया था, जिसमें स्पष्ट रूप से सवाई मानसिंह स्टेडियम को बम से उड़ाने की बात कही गई थी। मेल मिलते ही पुलिस को सूचित किया गया और पूरे स्टेडियम की तलाशी ली गई। हालांकि सुरक्षा व्यवस्था केवल एक दिन तक ही सीमित रही, उसके बाद की ढिलाई ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रश्न उठाता है सुरक्षा पर रवैया
जब देश और राज्य हाई अलर्ट पर हैं, तो किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल स्टेडियम की सुरक्षा में ऐसी लापरवाही प्रशासनिक और पुलिसिकीय व्यवस्था की पोल खोलती है। ऐसे समय में सुरक्षा का केवल एक-दिवसीय प्रदर्शन न केवल असंवेदनशीलता दर्शाता है, बल्कि आतंकी तत्वों को भी खुला संकेत देता है।
जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम को लेकर मिली धमकी को लेकर सुरक्षा एजेंसियां भले ही सतर्क दिखीं, लेकिन सतत निगरानी और मजबूत सुरक्षा की आवश्यकता अब और अधिक स्पष्ट हो चुकी है। जब देशभर में क्रिकेट के नाम पर लाखों लोग इकट्ठा होते हैं, तो ऐसी धमकियों को हल्के में लेना बेहद खतरनाक हो सकता है।