जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर को आधुनिक और टिकाऊ पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर मेट्रो फेज-2 की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह निर्णय परिवहन, पर्यावरण और आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। फेज-2 के अंतर्गत टोडीमोड़ (सीकर रोड) से लेकर प्रहलादपुरा (टोंक रोड) तक 42.8 किलोमीटर लंबे मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण प्रस्तावित है, जिसमें 36 स्टेशन शामिल होंगे। इस परियोजना का क्रियान्वयन राजस्थान मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (RMRCL) द्वारा राज्य और केंद्र सरकार की 50:50 साझेदारी में किया जाएगा।
फेज-2 के प्रस्तावित स्टेशन
फेज-2 में जिन स्टेशनों को शामिल किया गया है, उनमें टोडीमोड़, हरमाड़ा घाटी, हरमाड़ा, वीकेआई 14 नंबर, वीकेआई रोड नंबर 9, वीकेआई रोड नंबर 5, विद्याधर नगर, सेक्टर 2 विद्याधर नगर, भवानी निकेतन, अंबाबाड़ी, पानीपेंच, चिंकारा कैंटीन तिराहा, कलेक्ट्रेट सर्किल, खासा कोठी, गवर्नमेंट हॉस्टल, अशोक मार्ग, एसएमएस अस्पताल, नारायण सिंह सर्किल, रामबाग सर्किल, नेहरू प्लेस, गांधीनगर जंक्शन, गोपालपुरा, दुर्गापुरा, बी-2 बायपास सर्किल, जयपुर एयरपोर्ट, सांगानेर थाना, पिंजरापोल गौशाला, हल्दीघाटी गेट, कुंभा मार्ग, जेईसीसी, सीतापुरा, गोनेर मोड़, बीलवा, बीलवा कल्याण, सहारा सिटी और प्रहलादपुरा शामिल हैं।
उत्तर से दक्षिण की सीधी कनेक्टिविटी
यह कॉरिडोर जयपुर के उत्तर और दक्षिण हिस्सों को सीधे जोड़ता है। कुल 36 स्टेशन में से 34 एलिवेटेड और 2 अंडरग्राउंड होंगे। यह कॉरिडोर वीकेआई औद्योगिक क्षेत्र, सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र सहित प्रमुख आवासीय, शैक्षणिक, व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ता है। साथ ही हवाई अड्डे के प्रस्तावित नए टर्मिनल के नीचे एक भूमिगत स्टेशन भी प्रस्तावित है, जिससे यात्रियों को सीधे और सुविधाजनक कनेक्टिविटी मिलेगी।
निर्विघ्न इंटरकनेक्शन से मिलेगा लाभ
फेज-2 को फेज-1 (मानसरोवर से बड़ी चौपड़) से जोड़ने के लिए खात कोठी मेट्रो स्टेशन से रेलवे स्टेशन मेट्रो स्टेशन तक फुट ओवर ब्रिज, और गवर्नमेंट हॉस्टल व चांदपोल स्टेशन के बीच स्पर लाइन भी प्रस्तावित है। इससे दोनों फेज के बीच निर्बाध यात्रा सुनिश्चित हो सकेगी। यह कॉरिडोर जयपुर शहर के लिए एक समग्र बदलाव लेकर आएगा, जो एयरपोर्ट टर्मिनल तक सीधी कनेक्टिविटी के साथ ट्रैफिक जाम को कम करेगा और पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान करेगा।
शुरुआती चरण और प्रक्रिया
मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद DPR को केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय को भेजा जाएगा। वहां से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद वित्तीय सहमति और लोन एग्रीमेंट की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके अंतर्गत एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) और एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) के साथ समझौता किया जाएगा। इसके बाद सिविल वर्क, इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग और रोलिंग स्टॉक आदि के लिए टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ होगी। उम्मीद है कि वर्ष के अंत तक टोडीमोड़ से एयरपोर्ट तक की खुदाई व सुरंग निर्माण का कार्य शुरू हो सकता है।
परियोजना से संभावित लाभ
फेज-2 के पूरा होने पर जयपुर की ट्रैफिक समस्या में बड़ी राहत मिलेगी। यातायात दबाव कम होने से प्रदूषण में कमी आएगी और वायु गुणवत्ता में सुधार होगा। यह परियोजना पर्यटन, रोजगार, और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी। स्मार्ट सिटी जयपुर को लॉजिस्टिक सपोर्ट मिलेगा और लोगों के लिए सफर सरल, तेज और सुगम होगा। मुख्यमंत्री की स्वीकृति ने इस योजना को नीतिगत बल प्रदान किया है और अब पूरा ध्यान केंद्र सरकार की अंतिम मंजूरी और निर्माण कार्य की शुरुआत पर टिका है।
वित्तीय पक्ष और संस्था की भूमिका
लगभग 12,260 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना को राज्य और केंद्र सरकार की 50:50 संयुक्त कंपनी RMRCL द्वारा निष्पादित किया जाएगा। यह कंपनी न केवल फेज-2, बल्कि भविष्य की सभी मेट्रो परियोजनाओं की भी ज़िम्मेदारी उठाएगी। ADB और AIIB ने इस योजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की सैद्धांतिक सहमति दी है, जो इसे आर्थिक दृष्टि से भी मजबूती प्रदान करती है।