5वीं बार टली उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई, सिब्बल को मिली 4 सप्ताह बाद की तारीख
By: Rajesh Bhagtani Tue, 12 Sept 2023 6:05:37
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र रहे उमर खालिद को दिल्ली की तिहाड़ जेल में तीन साल पूरे हो रहे हैं। वह फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों की साजिश रचने के आरोप में कैद हैं। उमर खालिद पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम-UAPA के तहत मामला दर्ज है। फिलहाल जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ उमर खालिद की विशेष जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है। पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका सुनवाई होनी थी लेकिन इसे चार हफ्तों के लिए स्थगित कर दिया गया है।
पांच बार स्थगित हो चुकी है सुनवाई
उमर खालिद की जमानत याचिका के 18 मई को सुप्रीम कोर्ट में लिस्ट किए जाने के बाद से अब तक सुनवाई पांच बार स्थगित हो चुकी है। न्यायाधीश जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा भी खुद को इस मामले से अलग कर चुके हैं, जिन्हें पिछले महीने सुनवाई करनी थी। आज एक बार फिर सुनवाई चार हफ्तों के लिए स्थगित कर दी गई है। लाइव लॉ के मुताबिक पीठ ने उमर खालिद की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल से कहा, हमें रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों को देखना होगा और हर दस्तावेज की जांच करनी होगी ताकि यह आंकलन किया जा सके कि उमर खालिद के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सामग्री क्या है।
उमर खालिद के मामले में लगातार तारीख पर तारीख
उमर खालिद दो साल और ग्यारह महीने से अधिक समय से जेल में है। उमर खालिद को 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली सांप्रदायिक दंगा मामले में गिरफ्तार किया गया था, इस केस में और भी कई लोग जेल में बंद हैं। उमर खालिद पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13, 16, 17 और 18, शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 25 और 27 और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आज कोर्ट में उमर खालिद के वकील कपिल ने सिब्बल ने चार हफ्ते के बाद की तारीख पर सहमति जताते हुए कहा, हमने इस मामले में सब कुछ सामने रख दिया है, सबूतों के अलावा हमारा पहला निवेदन यह है कि धारा 16, 17 और 18 बिल्कुल भी लागू नहीं होती हैं। जस्टिस बोस ने जवाब देते हुए कहा, हमें सबूतों के आधार पर इसे भी सत्यापित करना होगा।