गिड़गिड़ाइए, उधार लीजिए या चुराइए लेकिन ऑक्सीजन लेकर आइए, हम मरीजों को मरते नहीं देख सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

By: Pinki Wed, 21 Apr 2021 10:58:38


गिड़गिड़ाइए, उधार लीजिए या चुराइए लेकिन ऑक्सीजन लेकर आइए, हम मरीजों को मरते नहीं देख सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

देश में कोरोना संकट के बीच अस्‍पतालों में हो रही ऑक्‍सीजन की कमी को लेकर दिल्‍ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। बेंच ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यह कैसे मुमकिन है कि सरकार जमीनी हकीकत से इतनी बेखबर है? हम लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं। कल हमें बताया गया था कि आप ऑक्सीजन खरीदने की कोशिश कर रहे हैं, उसका क्या हुआ? यह आपातकाल का समय है। सरकार को सच्चाई बतानी चाहिए। इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को इंडस्ट्रीज की ऑक्सीजन सप्लाई फौरन रोकने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि स्थिति विकट है। अस्‍पतालों को तुरंत ऑक्‍सीजन दें। दिल्‍ली हाईकोर्ट ने कहा है, 'हमारी चिंता सिर्फ दिल्‍ली ही नहीं बल्कि देश के हर हिस्‍से के लिए है।' सुनवाई के दौरान केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि ऑक्सीजन की सप्लाई रास्ते में है और जल्द ही अस्पताल पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि मैक्स के एक अन्य अस्पताल में ऑक्सीजन की डिलीवरी हो गई है।

बता दे, कोर्ट ने मैक्स अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन पर पहला हक मरीजोें का है। जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि मरीजों के लिए अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। ऐसे में सरकार इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है? आप गिड़गिड़ाइए, उधार लीजिए या चुराइए लेकिन ऑक्सीजन लेकर आइए, हम मरीजों को मरते नहीं देख सकते।

सुनवाई के दौरान दिल्‍ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वो स्‍टील प्‍लांट और पेट्रोलियम प्‍लांट में उत्‍पादित होने वाली ऑक्‍सीजन को तुरंत अपने अंतर्गत ले और उसे मेडिकल इस्‍तेमाल के लिए सप्‍लाई करे। हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी कहा है कि वह जहां ऑक्‍सीजन का उत्‍पादन हो रहा है और जहां उसका सप्‍लाई होनी है, वहां तक सरकार उसे भेजने के लिए सुरक्षित रास्‍ता मुहैया कराए।

8 घंटे की ऑक्सीजन बची

मैक्स अस्पताल के वकील संदीप सेठी ने कोर्ट को बताया कि मैक्स अस्पताल, वैशाली और गुड़गांव के अस्पतालों में केवल 8 घंटे की ऑक्सीजन बची हुई है। केंद्र सरकार की ओर से SG तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए सरकार काम कर रही है। जल्द ही ऑक्सीजन अस्पताल पहुंच जाएगी।

सरकार आदेश पारित करे, कोई इंडस्ट्रीज सवाल नहीं करेगी


बेंच ने आगे कहा कि आपने पटपड़गंज अस्पताल को 2 घंटे में ऑक्सीजन की सप्लाई की। अन्य अस्पतालों को भी ऑक्सीजन कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए आप एक आदेश पारित कर सकते हैं कि यह एक नेशनल इमरजेंसी है। कोई उद्योग सवाल नहीं करेगा। हमें पूरा विश्वास है कि बाकी के अस्पतालों में भी जल्द से जल्द सप्लाई सुनिश्चित करेगी।

फैक्ट्रियां ऑक्सीजन का इंतजार सकती हैं, मरीज नहीं

जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की बेंच ने मंगलवार को भी सर गंगाराम अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को लेकर एक याचिका पर सुनवाई की थी। बेंच ने कल भी केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि औद्योगिक संस्थान में ऑक्सीजन की जो सप्लाई हो रही है उसे क्यों न कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों को दिया जाए।

कोर्ट ने कहा है कि इंडस्ट्री ऑक्सीजन का इंतजार कर सकती हैं लेकिन मरीज नहीं। कोर्ट ने आगे कहा है कि मानवीय जान खतरे में है। बेंच ने कहा कि ये सुनने में आया है कि गंगा राम अस्पताल में डॉक्टरों को कोविड-19 रोगियों को ऑक्सीजन देने को कम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था, क्योंकि वहां ऑक्सीजन की कमी थी। कोर्ट ने कहा, 'ये कौन से उद्योग हैं जिनकी ऑक्सीजन की आपूर्ति पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।'

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