महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित सपा विधायक अबू आजमी औरंगजेब पर दिए अपने बयान के बाद बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। उनकी व्यापक आलोचना हुई, जिसके चलते उन्होंने अपने बयान को वापस ले लिया। इस बीच, उन्होंने छत्रपति संभाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की।
आजमी ने ट्वीट कर लिखा, "स्वराज के दूसरे छत्रपति, पराक्रमी योद्धा, धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज के शहादत दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि।" वहीं, वे अपने निलंबन को रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को पत्र लिख चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके बयान की गलत व्याख्या की गई।
आजमी ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणियां इतिहासकारों और लेखकों के उद्धरणों पर आधारित थीं और उन्होंने छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं कहा। उन्होंने यह भी दोहराया कि वे छत्रपति संभाजी महाराज और छत्रपति शिवाजी महाराज का गहरा सम्मान करते हैं।
बजट सत्र के शेष समय के लिए निलंबित किए गए आजमी के बयान का शिवसेना (यूबीटी), शिवसेना (शिंदे गुट), बीजेपी समेत अन्य दलों ने विरोध किया। यहां तक कि औरंगजेब की कब्र को गिराने की मांग भी उठी, जिस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सभी निर्णय कानून के तहत ही लिए जाएंगे।
अबू आजमी का विवादित बयान:
समाजवादी पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष अबू आजमी ने कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल में भारत की सीमाएं अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमार) तक फैली थीं। उन्होंने यह भी दावा किया कि औरंगजेब कोई "क्रूर प्रशासक" नहीं था और उसने कई मंदिरों का निर्माण करवाया था। मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक आजमी ने औरंगजेब और छत्रपति संभाजी महाराज के संघर्ष को महज एक राजनीतिक लड़ाई करार दिया था, जिसके बाद यह विवाद खड़ा हुआ।