भारत को यूरोप से जोड़ने वाले शिपिंग-रेलवे प्रोजेक्ट पर होगा एग्रीमेंट, अमेरिका-सऊदी अरब भी होंगे शामिल

By: Shilpa Sat, 09 Sept 2023 6:24:42

भारत को यूरोप से जोड़ने वाले शिपिंग-रेलवे प्रोजेक्ट पर होगा एग्रीमेंट, अमेरिका-सऊदी अरब भी होंगे शामिल

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत की G20 ग्रुप की अध्यक्षता के वक्त में जो कोशिशें की हैं, उनका नतीजा अब दिखाई देने लगा है। अमेरिका, सऊदी अरब और अन्य देश मध्य पूर्व इलाके को भारत और यूरोप से जोड़ने के लिए एक प्रमुख रेलवे और बंदरगाह परियोजना के निर्माण के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन में एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। अमेरिकी अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी है। न्यूज एजेंसी ‘एएफपी’ के मुताबिक अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने कहा कि ‘एक शिपिंग और रेल परियोजना की संभावना का पता लगाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाएगा, जो भारत से मध्य पूर्व से यूरोप तक बिजनेस, एनर्जी और डेटा के प्रवाह को सक्षम करेगा।’

दिल्ली में आज से शुरू हुई G20 Summit से पहले पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ शुक्रवार को द्विपक्षीय वार्ता की। समिट के दौरान प्रधानमंत्री 15 देशों के राष्ट्रप्रमुखों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस दौरान सऊदी अरब और अन्य देश मध्य पूर्व इलाके को भारत और यूरोप से जोड़ने के लिए एक प्रमुख रेलवे और बंदरगाह परियोजना के निर्माण के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन में एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। अमेरिकी अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी है।

न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने कहा कि ‘एक शिपिंग और रेल परियोजना की संभावना का पता लगाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाएगा। जो भारत से मध्य पूर्व से यूरोप तक बिजनेस, एनर्जी और डेटा के प्रवाह को सक्षम करेगा।’ भारत, यूएई और सऊदी के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख रेलवे सौदे पर, व्हाइट हाउस के प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने कहा, “सबसे पहले, यह सिर्फ रेलवे परियोजना नहीं है, यह शिपिंग और रेलवे परियोजना है और महत्वपूर्ण है लोगों को यह समझना होगा कि यह कितना व्यापक, महत्वाकांक्षी और अभूतपूर्व होगा।”

जॉन फाइनर ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सऊदी अरब और भारत के साथ-साथ इस परियोजना में प्रमुख हिस्सेदारों में संयुक्त अरब अमीरात और यूरोपीय संघ शामिल होंगे। यह द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौता महीनों की कूटनीतिक कोशिशों का नतीजा है। इस परियोजना में अपार संभावनाएं हैं हालांकि, इसमें कितना समय लगेगा यह मुझे नहीं पता है।

भारत-अमेरिका के बीच समझौते

जो बाइडेन और पीएम मोदी ने जैव प्रौद्योगिकी और जैव-विनिर्माण इनोवेशन में वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान सहयोग को सक्षम बनान के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन (एनएसएफ) और भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के बीच एक कार्यान्वयन व्यवस्था पर हस्ताक्षर करने की भी सराहना की। वार्ता के बाद जारी बयान में कहा गया, ‘‘दोनों नेताओं ने सेमीकंडक्टर अनुसंधान, अगली पीढ़ी की संचार प्रणालियों, साइबर सुरक्षा और हरित प्रौद्योगिकियों और इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम में एकेडमिक और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एनएसएफ और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव आमंत्रित किये जाने का स्वागत किया।’’

दोनों नेताओं ने प्रौद्योगिकी मूल्य श्रृंखलाओं के निर्माण और रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को जोड़ने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन नीतियों को बढ़ावा देने और नियमों को अपनाने के लिए अपने प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहरायी जो भारतीय और अमेरिकी उद्योग, सरकार और अकादमिक संस्थाओं के बीच अधिक प्रौद्योगिकी साझाकरण, सह-विकास और सह-उत्पादन के अवसरों को प्रदान करते हैं।

बताया जा रहा है कि इस परियोजना पर चर्चा करने का समझौता शिखर सम्मेलन के सबसे ठोस नतीजों में से एक हो सकता है, क्योंकि जी-20 देशों के नेता यूक्रेन में रूस के हमले के मुद्दे पर विभाजित हैं और कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए एक समझौता तय होने पर गतिरोध की हालत हैं। फाइनर ने रिपोर्टरों से कहा कि ‘जबकि हम सभी ने पढ़ा है और शायद आप सभी ने इस बारे में बहुत सारे विश्लेषण लिखे हैं कि शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली में कौन आया है या नहीं आया, और ऐसा क्यों या क्यों नहीं हो सकता है। अमेरिका इस तथ्य पर फोकस कर रहा है कि राष्ट्रपति बाइडेन यहां हैं और वास्तविक नतीजे हासिल करने के लिए अन्य जी-20 देशों और साझेदारों के साथ काम कर रहे हैं।’

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