मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र महीना रमजान जल्द ही शुरू होने जा रहा है। इस महीने में रोजा रखा जाता है और अल्लाह की इबादत की जाती है। देश में 1 मार्च को चांद दिखने की उम्मीद है और 2 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा। इस खास मौके पर लखनऊ स्थित इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मुसलमानों के लिए 15 सूत्रीय एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने रमजान के दौरान देश की सलामती और आपसी भाईचारे की दुआ करने की अपील की है।
सऊदी अरब और केरल में आज दिख सकता है चांद
आज, शुक्रवार को सऊदी अरब में रमजान का चांद दिखने की संभावना है। चूंकि भारत के केरल राज्य में भी चांद अरब देशों के साथ ही दिखता है, इसलिए वहां भी आज चांद नजर आ सकता है। देश के अन्य राज्यों में आमतौर पर एक दिन बाद चांद दिखाई देता है, ऐसे में अगर आज चांद नजर आता है, तो कल से पहली तरावीह की नमाज और 2 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा। इसके साथ ही इबादत और रोजे का सिलसिला पूरे महीने चलेगा।
रमजान से पहले मुसलमानों के लिए 15 सूत्रीय एडवाइजरी
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने रमजान को लेकर 15 सूत्रीय एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने मुसलमानों से इस पाक महीने में अधिक से अधिक इबादत करने और रोजे रखने की अपील की है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि:
- देश की सलामती और आपसी भाईचारे की दुआ करें।
- सहरी के समय शोर-शराबा न करें, ताकि अन्य लोगों को कोई परेशानी न हो।
- पड़ोसियों और मोहल्ले वालों का ध्यान रखें, खासतौर पर उन लोगों का जो बीमार या बुजुर्ग हैं।
- रमजान सबसे पाक महीना है, इसे इबादत और नेक कामों में बिताएं।
- रोजा सबसे अफजल इबादत है, इसलिए इसे पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ रखें।
मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि रमजान सिर्फ भूखा रहने का महीना नहीं, बल्कि सब्र, सेवा और भाईचारे का महीना है। इस दौरान सभी को मिलकर जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए और धार्मिक अनुशासन का पालन करना चाहिए।
पड़ोसियों का रखें ख्याल, इफ्तार में गरीबों को दें जगह – मौलाना खालिद रशीद
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि सहरी और इफ्तार का पूरा एहतमाम किया जाए, लेकिन इस दौरान पड़ोसियों और मोहल्ले वालों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए।
सहरी और तरावीह के दौरान न हो शोर-शराबा
मौलाना ने कहा कि सहरी सुन्नत है और इसका ध्यान रखना जरूरी है, लेकिन बार-बार माइक पर ऐलान न किया जाए। सहरी और तरावीह के समय किसी भी तरह का शोर न किया जाए, जिससे आसपास के लोग प्रभावित न हों। उन्होंने मस्जिदों में तरावीह की नमाज के दौरान भी व्यवस्था बनाए रखने और ट्रैफिक प्रभावित न होने देने की अपील की। नमाजियों को अपनी गाड़ियां उन्हीं जगहों पर पार्क करनी चाहिए, जो पहले से तय की गई हैं।
इफ्तार पार्टी में गरीबों को भी करें शामिल
मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि रमजान के दौरान आयोजित होने वाली बड़ी इफ्तार पार्टियों में गरीबों को जरूर शामिल किया जाए। मस्जिदों में इफ्तार की व्यवस्था हो और इसमें जरूरतमंदों का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मालदार मुसलमान अपनी जकात का ढाई प्रतिशत हिस्सा गरीबों में बांटें, ताकि रमजान का असली उद्देश्य पूरा हो सके।
सफाई और भाईचारे का रखें विशेष ध्यान
उन्होंने कहा कि रमजान इबादत, संयम और सेवा का महीना है, इसलिए मस्जिदों और आसपास के इलाकों की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जाए। रोजेदारों को इस पाक महीने में अपने घरवालों, देश की तरक्की और आपसी भाईचारे के लिए दुआ करने की भी अपील की गई।
"रमजान सिर्फ इबादत का ही नहीं, बल्कि समाज सेवा और जरूरतमंदों की मदद करने का महीना भी है," – मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली