भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों के केवाईसी (KYC) अपडेट प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सरल और ग्राहकों के अनुकूल बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके तहत बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने ग्राहकों को समय-समय पर केवाईसी अपडेट कराने के लिए उचित नोटिस, रिमाइंडर और विस्तृत सूचना देने का निर्देश दें, जिससे ग्राहक बिना किसी परेशानी के अपनी प्रक्रिया पूरी कर सकें।
पेंडिंग KYC मामलों को लेकर उठाया अहम कदम
आरबीआई ने अपने हालिया सर्कुलर में बताया कि देशभर में कई खातों में KYC अपडेट पेंडिंग हैं, जिनमें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT), इलेक्ट्रॉनिक लाभ अंतरण (EBT), और प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए खाते शामिल हैं। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए, आरबीआई ने ग्राहकों की सुविधा के लिए प्रक्रिया को सरल और तकनीकी रूप से सहज बनाने की दिशा में निर्देशों में संशोधन किया है।
नए KYC निर्देश और समयबद्ध सूचनाएं
आरबीआई द्वारा जारी "ग्राहक को जानो (संशोधन) निर्देश, 2025" में स्पष्ट कहा गया है कि सभी वित्तीय संस्थान ग्राहकों को KYC अपडेट कराने के लिए नियत तारीख से पहले कम से कम तीन बार संपर्क करें, जिनमें से कम से कम एक सूचना डाक या पत्र के माध्यम से भेजी जाए। यदि ग्राहक समय सीमा तक KYC अपडेट नहीं करता है, तो बैंक उन्हें तीन रिमाइंडर पत्रों के माध्यम से सूचित करेंगे, जिनमें KYC प्रक्रिया की सरल विधि और यदि अपडेट न किया जाए तो संभावित परिणामों की जानकारी दी जाएगी।
रिकॉर्ड-रखाव और कार्यान्वयन की समय सीमा
ग्राहकों को भेजे गए नोटिस और रिमाइंडर का पूरा रिकॉर्ड बैंक को ऑडिट और रेफरेंस के लिए संरक्षित रखना होगा। यह पूरी व्यवस्था देशभर में 1 जनवरी 2026 तक अनिवार्य रूप से लागू की जानी है।
स्व-घोषणा के जरिए ग्राहकों के लिए सुविधा
यदि कोई ग्राहक अपने KYC में बदलाव नहीं कर रहा है या केवल पता अपडेट करना चाहता है, तो वह स्व-घोषणा (self-declaration) के माध्यम से या अधिकृत बैंक प्रतिनिधि (BC) की मदद से यह कार्य आसानी से पूरा कर सकता है, जिससे दूरदराज के ग्राहकों को राहत मिल सके।
कम जोखिम वाले ग्राहकों को राहत
कम जोखिम श्रेणी में आने वाले ग्राहकों के मामले में बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) के पास यह छूट होगी कि वे KYC अपडेट के लिए उन्हें एक वर्ष का समय दें या अधिकतम 30 जून 2026 तक प्रक्रिया पूरी करें, इस दौरान उनके लेनदेन की अनुमति बनी रहेगी।
जागरूकता अभियान और केवाईसी शिविर
आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे केवाईसी अपडेट प्रक्रिया को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन करें और साथ ही गहन जागरूकता अभियान चलाएं, ताकि हर वर्ग के ग्राहक इस प्रक्रिया से जुड़े रहें और उनका बैंकिंग अनुभव सुरक्षित व निर्बाध बना रहे।
निष्क्रिय खाते और दावा न की गई जमा में बदलाव
आरबीआई ने इस अवसर पर निष्क्रिय खातों और दावा न की गई जमा राशि से संबंधित नियमों में भी आवश्यक संशोधन किए हैं ताकि पूरी वित्तीय प्रणाली को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और ग्राहकों के अनुकूल बनाया जा सके।