
एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की 42 साल की उम्र में अचानक मौत से हर कोई शॉक्ड है। बताया जा रहा है कि शेफाली को कार्डिएक अरेस्ट हुआ था। डॉक्टर्स के हवाले से चर्चा है कि शेफाली का ब्लड प्रेशर काफी लो हो गया था जिस वजह से उनको कार्डिएक अरेस्ट हुआ। कार्डिएक अरेस्ट में दिल अचानक से ब्लड पंप करना बंद कर देता है। इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं जिनमें से लो बीपी भी एक है। ब्लड प्रेशर बढ़ना या घटना दोनों ही खतरनाक है। कई बार इनक लक्षण पता नहीं चल पाने से खतरा बढ़ जाता है। यहां जानें किन वजहों से बीपी लो हो सकता है, इनके लक्षण और बचाव।
42 साल की उम्र में मशहूर एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की अचानक मौत ने हर किसी को हैरान कर दिया है। बताया जा रहा है कि उन्हें कार्डिएक अरेस्ट हुआ था, जिसकी एक बड़ी वजह उनका लो ब्लड प्रेशर रहा। डॉक्टरों के मुताबिक, शेफाली का बीपी बेहद गिर गया था, जिससे उनका दिल अचानक से ब्लड पंप करना बंद कर बैठा।
यह घटना न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि आम लोगों को भी इस बात का एहसास दिलाती है कि ब्लड प्रेशर की अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है।
कितना ब्लड प्रेशर माना जाता है लो?
लो ब्लड प्रेशर को मेडिकल भाषा में हायपोटेंशन (Hypotension) कहा जाता है। अगर आपका बीपी 90/60 mm Hg से कम है, तो इसे लो माना जाता है। सामान्य बीपी की रेंज 120/80 mm Hg होती है। कभी-कभी हल्का उतार-चढ़ाव सामान्य हो सकता है, लेकिन अचानक से बीपी गिरना खतरनाक संकेत होता है।
कितना ब्लड प्रेशर माना जाता है लो?
कभी-कभी हल्का चक्कर आना या थकावट महसूस होना महज थकान नहीं, लो बीपी का संकेत हो सकता है। मेडिकल की भाषा में लो ब्लड प्रेशर को Hypotension कहा जाता है। यह तब होता है जब ब्लड प्रेशर सामान्य से काफी कम हो जाए। आमतौर पर ब्लड प्रेशर को दो भागों में मापा जाता है – सिस्टोलिक (ऊपरी संख्या) और डायस्टोलिक (निचली संख्या)। अगर यह 90/60 mm Hg से कम हो जाए तो इसे लो ब्लड प्रेशर माना जाता है। जबकि एक स्वस्थ व्यक्ति का सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mm Hg के आसपास होना चाहिए। थोड़ा-बहुत उतार-चढ़ाव हर किसी के साथ होता है, लेकिन अचानक गिरावट जानलेवा भी बन सकती है।
कम उम्र में क्यों नहीं समझ पाते लक्षण?
बहुत से लोग यह सोचते हैं कि लो बीपी तो बुजुर्गों की परेशानी है, लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। ClevelandClinic.org की रिपोर्ट बताती है कि लो ब्लड प्रेशर किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। कम उम्र में इसके लक्षण अक्सर दिखते ही नहीं हैं, इसलिए खतरा और बढ़ जाता है। अगर आप बहुत ज्यादा एक्टिव हैं या एक्सरसाइज करते हैं, तो भी आपको इसका पता नहीं चल पाता।
लो ब्लड प्रेशर के लक्षण – इन्हें न करें नजरअंदाज:
कभी-कभी शरीर हमें पहले से संकेत देता है, बस ज़रूरत है उन्हें पहचानने की।
- अचानक बेहोश हो जाना या चक्कर आना
- उल्टी आना या जी मिचलाना
- नजर धुंधली होना
- सांस तेज चलना
- थकान या कमजोरी महसूस होना
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
- चिड़चिड़ापन या असामान्य व्यवहार
- दिल की धड़कन तेज महसूस होना
- त्वचा का पीला या सफेद पड़ना
- हाथ-पांव ठंडे पड़ना
- पेशाब बहुत कम आना
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण बार-बार महसूस होता है, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना समझदारी होगी।
किन वजहों से लो होता है बीपी?
इसका कारण सिर्फ थकान या गर्मी नहीं, कई बार शरीर के अंदर की कोई गंभीर समस्या भी हो सकती है:
- पार्किंसन जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियां
- अचानक खून की कमी या डिहाइड्रेशन
- दिल की अनियमित धड़कन, पल्मोनरी इम्बॉलिज्म या फेफड़ों से जुड़ी दिक्कतें
- एलर्जी रिएक्शन या इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी
- कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट, जैसे हाई बीपी, डिप्रेशन, हार्ट फेलियर आदि के लिए ली जाने वाली दवाएं
- हर्बल सप्लीमेंट्स, घरेलू उपचार या कुछ विटामिन्स भी बीपी कम कर सकते हैं
- बेहद ठंडा या गर्म मौसम भी शरीर पर असर डाल सकता है
- खाली पेट रहना या लंबे उपवास भी लो बीपी की बड़ी वजह है
तेजी से क्यों लो होता है बीपी?
कई बार हमारा शरीर बिना किसी बड़ी चेतावनी के ब्लड प्रेशर को तेजी से गिरा देता है। जब किसी अंग तक खून नहीं पहुंच पाता है, तो शरीर में अजीब सी घबराहट, चक्कर या बेहोशी जैसा महसूस होने लगता है। इस स्थिति को नज़रअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
जब ब्लड प्रेशर अचानक गिरता है, तो शरीर अपने बचाव में खुद एक्टिव हो जाता है। दिल की धड़कन तेज हो जाती है, और ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगते हैं, ताकि शरीर जरूरी अंगों तक खून पहुंचा सके। अगर ये उपाय कारगर नहीं होते, तो शरीर लक्षण दिखाने लगता है – लेकिन कई बार लोगों को यह समझ ही नहीं आता कि बीपी गिरा है।
अचानक से खड़े होने पर क्यों गिर जाता है बीपी?
क्या आपको कभी ऐसा महसूस हुआ कि आप लेटे या बैठे हुए थे, और जैसे ही अचानक खड़े हुए… तो दुनिया घूमने लगी? यह 'Orthostatic Hypotension' कहलाता है। ऐसा तब होता है जब शरीर तेजी से पोजीशन बदलने पर दिमाग तक पर्याप्त खून नहीं पहुंचा पाता। अगर आपका दिल की धड़कन असामान्य है, या फेफड़े ठीक से काम नहीं कर रहे, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
यह भी संभव है कि हार्ट वीक हो रहा हो या हृदय रोग की शुरुआत हो रही हो, और आप बस इसे लो बीपी समझकर टाल रहे हों।
लो बीपी हो तो क्या करें?
अगर आपको बार-बार चक्कर आते हैं, या हर थोड़े समय में घबराहट, थकान या उलझन महसूस होती है, तो इसे नज़रअंदाज न करें।
डॉक्टरी सलाह सबसे पहला कदम होना चाहिए।
# जरूरी टेस्ट करवाएं – हो सकता है कोई अंदरूनी समस्या हो जिसे आप समझ नहीं पा रहे।
# दवाएं कभी भी खुद से न लें – चाहे वो बीपी कम करने की हों या बढ़ाने की।
# अगर आपका बीपी लो निकलता है, तो
- घर पर बीपी मॉनिटर रखें
- डॉक्टर से मापने का सही तरीका सीखें
- और नियमित जांच करते रहें।
डायट और जीवनशैली में लाएं ये बदलाव:
- खाने में नमक की मात्रा थोड़ा बढ़ाएं – लेकिन डॉक्टर की सलाह से
- कार्बोहाइड्रेट कम करें और एक साथ ज्यादा खाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा करके खाएं
- पानी की मात्रा बढ़ाएं, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे
- स्मोकिंग और शराब से दूरी बनाए रखें
- लो बीपी के लक्षणों को पहचानना सीखें, जैसे थकावट, चक्कर, हल्का सिरदर्द
- डॉक्टर से जानें कि आपको इमरजेंसी में क्या करना चाहिए, जब बीपी अचानक गिर जाए
याद रखें, लो ब्लड प्रेशर एक साइलेंट खतरा हो सकता है। अगर इसे समय रहते न समझा जाए, तो ये बड़ी दिक्कत में बदल सकता है।
अपने शरीर के संकेतों को समझें और ज़िम्मेदारी से कार्रवाई करें।














