सोरायसिस के लक्षण और कारण, निदान के लिए अपनाएं यह डाइट प्लान
By: Karishma Sat, 25 June 2022 5:44:39
सोरायसिस एक त्वचा विकार है। जो आज के समय में अधिक से अधिक लोगों को प्रभावित कर रहा है। सोरायसिस टी लिम्फोसाइट्स नामक कोशिकाओं के कारण होता है, सोरायसिस में त्वचा की कोशिकाएं असामान्य रूप से विकसित होने लगती हैं, वे आपकी त्वचा के ऊपर तक उठती हैं और सफ़ेद स्केल्स से ढकी लाल प्लाक को पीछे छोड़ते हुए मर जाती हैं। सोरायसिस आम तौर पर घुटनों, कोहनी और कभी-कभी आपके स्कैल्प में होते हैं। सोरायसिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसका आपकी उम्र से कोई ताल्लुक नही है, लेकिन यह मूल रूप से वयस्कों को होता है।
सोरायसिस के लक्षण
मुख्य रूप से कुछ ऐसे लक्षण है जिनके आधार पर सोरायसिस का पता लगया जा सकता है, जो इस प्रकार है... त्वचा में सूजन के साथ लाल चकते बन जाना, शरीर में सफ़ेद कलर की मोती परत का जमना। चकतों पर खुजली होना और दर्द होना। कभी-कभी इनमें दरार होने से खून आने की समस्या भी हो सकती है। नाखूनों और पैर की उंगलियों का रंग बदल सकता है। वे उखड़ना भी शुरू हो सकते हैं या नाखून की जड़ से अलग हो सकते हैं।सोरायसिस के रोगियों की त्वचा में सूखापन आने लगता है साथ ही सिर पर स्केल्स और धब्बे या पपड़ी बन सकती है।
सोरायसिस होने के कारण
सोरायसिस होने का कोई एक कारण नहीं है। यह कई कारणों से हो सकता है। अभी तक हुई रिसर्च के अनुसार सोरायसिस की उत्पत्ति जेनेटिक प्री- डिस्पोजिशन और एनवायरमेंटल फैक्टर के कारण मानी जाती है। वहीँ सोरायसिस हेरिडिटी श्रेणी में भी आने वाली बीमारी है, जो परिवार के किसी भी सदस्य को हो सकती है।
सोरायसिस का निदान कैसे करे ?
आपको आगे पता लगे कि आपको सोरायसिस है तो सबसे पहले आप एक अच्छे स्किन स्पेशलिस्ट से बात करे आपका डॉक्टर जांच कर सकता है कि क्या आपको सोरायसिस है या नहीं। यदि आपके कान, नाखून, कोहनी, स्कैल्प, नाभि और घुटनों पर प्लाक हैं तो वह आपकी त्वचा का एक छोटा सा नमूना लेगा जिसे बायोप्सी के रूप में जाना जाता है। इस टेस्ट से यह स्पष्ट हो जाएगा कि आपको किस प्रकार का सोरायसिस है या आप किस प्रकार के संक्रमण या बीमारी से पीड़ित हैं।
सोरायसिस ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट
सोरायसिस के अधिकांश उपचार को सुरक्षित माना जाता है और इसे वर्षों से सिद्ध किया गया है। चिंता होने पर आप अपने डॉक्टर से जांच करा सकते हैं। सोरायसिस बीमारी का ट्रीटमेंट आपकी त्वचा के प्रकार निर्भर हो सकता है। आपकी त्वचा को कोमल बनाने वाली टोपिकल क्रीम लाइट होती और इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। हालांकि, यदि एडवांस्ड प्रोसिजर्स के लिए जा रहे हैं, तो संभावना है कि इससे आप में कुछ एलर्जी हो सकती है।
सोरायसिस में कैसी हो डाइट
त्वचा रोग से संबंधित फ्लेयर-अप से
लड़ने के लिए एक स्वस्थ आहार हमेशा महत्वपूर्ण होता है। लक्षणों की गंभीरता
को नियंत्रित करने के लिए सोरायसिस के मामले अत्यधिक शराब के सेवन से बचना
चाहिए। आप अपने आहार में एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ शामिल करें जैसे
कि फल और सब्जियां जिनमें जामुन और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल हैं। जैतून
के तेल के साथ अपने आहार में सीड्स और नट्स शामिल करें। इसके अलावा आप
ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करें। कम कार्बोहाइड्रेट और कम वसा वाला आहार
लेना चाहिए साथ ही ग्लूटेन-मुक्त आहार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
लाइफस्टाइल में करें बदलाव
सोरायसिस
के कारण व्यक्ति को अपने जीवन में कई बदलाव करने पड़ते हैं। सोरयासिस होने
पर आपको तेज सूर्य की किरणों से बचना चाहिए। बहार कड़ी धुप में जब भी निकले
तो छतरी और स्कार्फ का इस्तेमाल करे। आरामदायक कपड़े पहने, जिससे सोरायसिस
वाले भाग पर कपड़ा न रगड़े। रोजाना नहाये और अपनी त्वचा की साफ़-सफाई का ख्याल
रखे। अपने कमरे में हुमुडिफायर लगवा कर रखे। खुजली होने पर त्वचा को बहुत
ज्यादा खरोंचने से बचें।