इन 8 योगासन को दिनचर्या में शामिल कर दूर करें पीरियड्स में उठा दर्द
By: Priyanka Maheshwari Fri, 12 July 2024 08:24:06
पीरियड्स सभी के लिए अलग-अलग होते हैं, कुछ महिलाओं को बहुत कम या कोई असुविधा नहीं होती है, अन्य को अत्यधिक शरीर में दर्द और गंभीर ऐंठन का अनुभव होता है। पीरियड का दर्द हर महिला के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। पीरियड्स के दौरान हर महिला को पीठ दर्द, पेट दर्द से लेकर मांसपेशियों में दर्द आदि का सामना करना पड़ता है। पीरियड्स में दर्द के कारण ना केवल आपका दिमाग काम में नहीं लगता बल्कि आपकी प्रोडक्टिविटी भी काफी कम हो जाती है। ऐसे में महिलाओं के लिए योग काफी फायदेमंद होता है। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें दिनचर्या में शामिल कर पीरियड्स में उठा दर्द दूर किया जा सकता हैं। आइये जानते हैं इन योगासन के बारे में...
बालासन
अपने घुटनों को मोड़कर अपनी योगा मैट पर फर्श पर बैठ जाएं। आपकी एड़ी बाहर की तरफ होनी चाहिए। आप आगे ओर झुकें। अपने माथे को जमीन पर रखें। अपने हाथों को आगे की ओर फैलाएं। इस मुद्रा में कुछ देर रहें और फिर वापस उसी स्थिति में लौट आएं।
मार्जरी आसन
कमर पीठ, स्पाइन में दर्द या अकड़न जकड़न को दूर करने के लिए इसका अभ्यास काफी फायदेमंद होता है। इसे करने के लिए आप वज्रासन में घुटनों को मोड़कर बैठें। फिर कोहनी को घुटनों से सटाकर इस तरह रखें कि हथेलियां सामने मैट पर रखी हों। अब एक हाथ आगे बढ़ते हुए घुटनों और हाथों पर वजन दें और पूरे शरीर को उठा लें। अब सिर को उठाएं और कमर को अंदर की तरफ स्ट्रेच कर गहरी सांस छोड़ें। फिर पीठ को उठाते हुए गोल बनाएं और गर्दन को नीचे करते हुए शरीर को स्ट्रेच करें। गहरी सांस लें। ये प्रक्रिया आप 10 बार करें। फिर रिलैक्स करें।
बद्ध कोणासन
पीरियड्स के दौरान शरीर का निचला हिस्सा ही होता है, जो अक्सर भारी और फूला हुआ महसूस होता है। तो बैठ जाइए बद्ध कोणासन में, यह आपके पेट के अंगों, अंडाशय और मूत्राशय को एक्टिव करने में बहुत मदद करता है। जिसके कारण रक्तस्राव आसानी से हो पाता है। यह आसन आपके शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को आराम दिलाता है। इसे धीरे-धीरे से शुरू करें और अपने घुटनों को फर्श छूने के लिए ज्यादा दबाव न डालें। केवल उस सीमा तक खिंचाव करें, जितनी आपका शरीर अनुमति देता है।
मरकट आसन
अगर आपके कमर में दर्द रहता है तो इसे शांत करने के लिए आप मैट पर पीठ करते हुए लेट जाएं। अब दोनों हाथों को दोनों तरफ सीधा खोल लें। इन्हेल करें और सांस को छोड़ते हुए दोनों घुटनों को बाई तरह जमीन पर रखें। इस समय आपकी गर्दन दूसरी दिशा में रहेगी। ध्यान रहे कि घुटने और एडि़यां एक दूसरे से जुड़े हों। फिर सांस भरें और दूसरी दिशा में अपने घुटनों को स्ट्रेच करें। अब आप 10 की गिनती तक होल्ड करें। ये अभ्यास आप 10 की गिनती तक करें।
मत्स्यासन
इस आसन को मछली के रूप में भी जाना जाता है। इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं। सिर और कूल्हे को चटाई पर रखते हुए शरीर को ऊपर की ओर उठाएं। गर्दन पीछे मुड़ी हुई होनी चाहिए। इस मुद्रा में कुछ देर रहें और फिर वापस उसी स्थिति में लौट आएं।
चक्रासन
पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़कर हिप्स के पास ले आएं। अब दोनों हथेलियों को कंघों के पास सटाकर रखें और पूरे शरीर को चक्र की तरह उठा लें। अब आप 20 की गिनती तक होल्ड करें। अपनी आती जाती सांसों पर ध्यान रखें। महिलाएं इसका नियमित अभ्यास कर सकती हैं। लेकिन जिनकी सर्जरी हुई है या जो हाई बीपी की मरीज हैं उन्हें यह अभ्यास नहीं करना चाहिए।
अपनासन
यदि आप तीव्र अवधि की ऐंठन का अनुभव कर रहे हैं, तो यह मुद्रा
मुख्य रूप से रक्त के संचलन के कारण अत्यंत सहायक होती है, और दूसरी बात यह
है कि इसमें न्यूनतम गति की आवश्यकता होती है। इसके लिए अपनी पीठ के बल
लेट जाएं और अपने घुटनों को अपनी छाती की ओर खींच लें। फिर इन्हें
धीरे-धीरे छोड़ें। जब आप अपने घुटनों को अपनी छाती की ओर खींच रहे हों तब
श्वास लें और इन्हें छोड़ते हुए सांस छोड़ें। ये आसन पेट और कमर दर्द को
ठीक करने में मदद करता है।
सेतुवज्रासन
आप मैट पर पीठ के बल
लेटें और घुटनों को हिप्स से सटाकर रखें। अब गहरी सांस लें और धीरे धीरे
अपने शरीर को उठाएं। कुछ देर होल्ड करें और फिर मैट पर लेट जाएं। ऐसा करने
से कमर, हिप्स, कंघे, आदि की स्ट्रेचिंग होती है और दर्द से आराम मिलता है।