
बॉलीवुड की दमदार एक्ट्रेस काजोल सालों से फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं और आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी पहले थीं। वो एक फिल्मी परिवार से आती हैं—उनकी मां तनुजा एक जानी-मानी एक्ट्रेस रही हैं और पिता शोमू मुखर्जी एक फिल्म डायरेक्टर थे। दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे जैसी आइकोनिक फिल्म देकर उन्होंने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है। लेकिन ये सफलता उन्हें आसानी से नहीं मिली—काजोल ने अपने स्किन टोन और लुक्स की वजह से काफी आलोचनाओं का सामना किया।
स्किन कलर और बॉडी शेमिंग का भी किया सामना
काजोल ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें शुरूआत में डार्क स्किन और मोटे शरीर को लेकर काफी ट्रोल किया गया। लोग उन्हें ‘डार्क, मोटी और चश्मा पहनने वाली लड़की’ कहकर बुलाते थे। लेकिन इन बातों का उन्होंने कभी दिल से असर नहीं लेने दिया। काजोल को शुरू से ही पता था कि वो बाकी सबसे अलग, स्मार्ट और आत्मविश्वासी हैं। उन्होंने कहा था, “जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक खुद को यकीन दिलाते रहिए—अंत में आप यकीन करने लगते हैं।”
स्किन व्हाइटनिंग ट्रीटमेंट की अफवाहें
ऐसी कई अफवाहें सामने आई थीं कि काजोल ने स्किन व्हाइटनिंग ट्रीटमेंट करवाया है। लेकिन काजोल ने इन खबरों का खंडन करते हुए साफ किया कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्होंने 10 साल तक लगातार धूप में काम किया, जिससे उनकी स्किन टैन हो गई थी। जब वो लंबे समय तक घर पर रहीं और धूप में जाना बंद किया, तो उनकी नेचुरल स्किन टोन लौट आई।
काजोल की कुछ यादगार फिल्में
काजोल ने 1992 में फिल्म बेखुदी से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने बाजीगर, ये दिल्लगी, करण अर्जुन, हलचल, गुप्त, इश्क, प्यार किया तो डरना क्या, दुश्मन, होते होते प्यार हो गया, कभी खुशी कभी ग़म, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, गुंडाराज, देवी और दिलवाले जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। उन्होंने हमेशा अपने अभिनय से साबित किया कि टैलेंट रंग या शरीर से नहीं, आत्मविश्वास और मेहनत से चमकता है।














