तमिल सुपरस्टार रजनीकांत को मिलेगा 51वां दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, PM मोदी ने दी बधाई
By: Pinki Thu, 01 Apr 2021 12:11:49
सिनेमा जगत के 'थलाइवा' अभिनेता और दक्षिण फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत को 51वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। इसे तमिलनाडु चुनाव से जोड़कर देखे जाने के एक सवाल पर उन्होंने कहा कि रजनीकांत का फिल्म इंडस्ट्री के योगदान के लिए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है। इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। दरअसल, तमिलनाडु में 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए वाेटिंग होनी है।
दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड अनाउंस करते हुए प्राकश जावड़ेकर ने कहा, 'मुझे ये बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि इस बार 51वां दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड भारतीय सिनेमा के इतिहास के सबसे बेहतरीन अभेनिता रजनीकांत को दिया जाएगा। एक अभिनेता के तौर पर, निर्माता के तौर पर और स्क्रीनराइटर के तौर पर उनका योगदान आइकॉनिक है’।
प्रकाश जावड़ेकर ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी इस बात की खुशी ज़ाहिर की और बताया कि रजनीकांत के नाम पर पांचों ज्यूरी मैंबर्स का एकमत ही फैसला था। ये पांचों ज्यूरी मैंबर्स थे आशां भोंसले, मोहनलाल, विश्वजीत चटर्जी, शंकर महादेवन और सुभाष घई।
26 दिन में छोड़ दी थी राजनीति
रजनीकांत का राजनीति में आने का सपना अधूरा ही रह गया। 3 दिसंबर को रजनीकांत ने कहा था कि वे नई पार्टी बनाएंगे और 2021 का विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे। 31 दिसंबर को नई पार्टी का ऐलान किया जाएगा, लेकिन ऐसा हो ना सका और खराब के चलते उन्होंने 26 दिन के अंदर ही राजनीति छोड़ दी थी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अभिनेता रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरुस्कार का सम्मान पाने पर बधाई दी है। मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर कहा कि कई पीढ़ियों तक लोकप्रिय रहे, एक ऐसे शख्स जो कई तरह की भूमिकाएं निभा सकते हैं और लोकप्रिय हैं... वो शख्स रजनीकांत आपके लिए। यह बेहद खुशी की बात है कि 'थलाइवा' को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें बधाई।
Popular across generations, a body of work few can boast of, diverse roles and an endearing personality...that’s Shri @rajinikanth Ji for you.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 1, 2021
It is a matter of immense joy that Thalaiva has been conferred with the Dadasaheb Phalke Award. Congratulations to him.
चार साल की उम्र में मां का हो गया था निधन
12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरु के एक मराठी परिवार में जन्मे रजनी का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। जीजाबाई और रामोजी राव की चार संतानों में शिवाजी सबसे छोटे थे। उनकी स्कूलिंग बेंगलुरु में हुई।
रजनीकांत चार साल के थे, तभी उनकी मां का निधन हो गया था। घर की माली हालत बहुत अच्छी नहीं थी। इसलिए रजनीकांत ने कुली से लेकर बस कंडक्टर तक का काम किया। बस में टिकट काटने के अनोखे अंदाज की वजह से ही वे पॉपुलर हुए और दोस्तों ने उन्हें फिल्मों में एक्टिंग करने की सलाह दी।