इस परिवार ने पेश की हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल, जानकर आप भी करेंगे तारीफ
By: Ankur Tue, 20 Aug 2019 09:39:11
वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि कई लोग हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर राजनीति करते हुए अपना नाम बनाने में लगे हुए हैं। जिससे लोगों में एक-दूसरे के प्रति हीन भावना होने लगी हैं। लेकिन वहीँ दूसरी ओर आज भी लोग हिन्दू-मुसलमान एकता को दर्शाते हुए कई ऐसे काम करते हैं जो दर्शाता हैं कि यह जात-धर्म हम देशवासियों को अलग नहीं कर सकते हैं। आज हम आपको उत्तर प्रदेश के भदोही के एक मुस्लिम परिवार द्वारा उठाए कदम की जानकारी देने जा रहे हैं जो हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल को दर्शाता हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
दरअसल इस परिवार ने अपनी फर्म के कर्मचारी मुरारी लाल श्रीवास्तव की मृत्यु पर पूरे हिंदू रिति रिवाज के साथ उनका दाह संस्कार किया और 13वीं की रस्म भी पूरी की। 13वीं के भोज के लिए छपे कार्ड में नीचे शोकाकुल परिवार में इरफ़ान अहमद खान और फरीद खान का नाम छपा होने के साथ भवदीय में उनकी फर्म का नाम लिखा गया था।
तेरहवीं के लिए इस ब्राह्मण भोज में इरफान और फरीद ने मुरारी लाल श्रीवास्तव की आत्मा की शांति की प्रार्थना की। उन्होंने तेरहवीं के लिए हरिरामपुर में बड़ा भोज रखा जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के हजारों लोग पहुंचे थे। मुरारी लाल श्रीवस्तव की उम्र 65 साल थी और 13 जून को उनकी मौत हो गई थी।
मुरारी लाल श्रीवास्ताव को खेत में किसी जहरीले जानवर ने काट लिया था जिसके बाद 13 जून को अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद मुरारी के परिवार में किसी के भी न होने के चलते उनका शव इरफान के परिवार को सौंप दिया गया। ऐसे में कुछ सहयोगियों की मदद से मुरारी की पूरा क्रियाक्रम किया गया। इरफान और फरीद ने बताया कि मुरारी हमारे साथ पिछले 15 साल से जुड़े हुए हैं और घर के सदस्य की तरह हो गए थे। वह हमारे घर से सबसे बुजुर्ग सदस्य थे।
इरफान ने बताया कि जब हम तेरहवीं का कार्ड बांटने गए तो लोगों ने आश्चर्य जाहिर किया। मुस्लिम परिवार ने ब्राह्मण भोज से पहले सिर मुंडवाने की रस्म को भी अदा किया। ये पूरा घटनाक्रम इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। इस ब्राह्मण भोज में हिंदू, मुस्लिम सभी ने बड़ी संख्या में शिरकत किया।