कल से खुलेंगे स्कूल, 71% माता-पिता नहीं भेजना चाहते बच्चों को, जानिए क्या हैं नियम

By: Pinki Wed, 14 Oct 2020 7:15:39

कल से खुलेंगे स्कूल, 71% माता-पिता नहीं भेजना चाहते बच्चों को, जानिए क्या हैं नियम

केंद्र सरकार ने अनलॉक 5 के लिए जारी गाइडलाइंस में कुछ शर्तों के साथ 15 अक्टूबर से स्कूल खोलने की भी इजाजत दे दी है। केंद्र सरकार ने हायर सेकेंडरी के बाद सेकेंडरी- प्राइमरी स्‍कूल खोलने को कहा है। हालांकि, केंद्र ने इसका आखिरी फैसला राज्यों पर छोड़ दिया है। कुछ राज्‍यों ने छूट मिलते ही स्‍कूल खोलने के लिए राज्य की गाइडलाइन बना लीं। लेकिन कई राज्य 15 अक्टूबर से स्कूल खोलने को तैयार नहीं हैं। वहीं अभ‍िभावक भी अभी बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं।

इस बार स्कूल खोलने में दिल्ली-एनसीआर अलग-अलग रूल फॉलो कर रहा है। दिल्ली में जहां अभी स्कूल खोलने की अनुमति सरकार ने नहीं दी है। वहीं सरकार के द‍िशानिर्देश पर एनसीआर में आने वाले नोएडा-गाजियाबाद के स्कूल खुल रहे हैं। यहां कक्षा 9 से 12वीं के स्कूल खुल रहे हैं।

एक कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म LocalCircles की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पूरे भारत में पेरेंट्स के बीच सर्वे किया गया। इसमें शामिल 71% माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं, जबकि 9% इसके बारे में अनिश्चित नजर आए। माता-पिता बच्चों को कोरोना संकट और त्योहारी सीजन के चलते बच्चों को अभी स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं।

ट्विटर पर ट्रेंड हुआ- #school_खुलने_दीजिए

इस बीच ट्विटर पर इसे लेकर जबर्दस्त चर्चा छिड़ गई है कि जब कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है तो स्कूल खोलना सही है या नहीं। इसी गहमागहमी को लेकर ट्विटर पर #school_खुलने_दीजिए ट्रेंड करने लगा है। ट्विटर हैंडल @SisodiaPragya ने 15 अक्टूबर से स्कूल खोलने का समर्थन में कई दलीलें दीं। उन्होंने लिखा, 'वो (बच्चे) जूम कॉल पर संस्कृत होमवर्क की जगह हिंदी होमवर्क दिखा रहे हैं। विभिन्न वीडियो में जो पढ़ाए जा रहे हैं, बच्चे उनसे एक भी शब्द नहीं सीख रहे। उनकी परीक्षा के पेपर हम (गार्जियन) लिख रहे हैं। वो जूम ऐप पर यह बहाना बनाकर जवाब नहीं देते कि उनके पर्सनल कंप्यूटर में माइक नहीं है। वो (बच्चे) मोटे हो रहे हैं।' एक अन्य यूजर @NikhilG19540827 ने यूजीसी और इसके वाइस-चेयरमैन भूषण पटवर्धन को टैग कर उच्च शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की मांग की। उन्होंने अपनी मांग के समर्थन में कहा, 'विड जांच की पूरी व्यवस्था और सतर्कता के साथ उच्च शैक्षिक संस्थानों को खोला जाए। एमबीए, इंजीनियरिंग, मेडिसिन जैसे प्रफेशनल कोर्सेज की पढ़ाई घर पर नहीं की जा सकती है। आठ महीना खराब हो चुका है। अब क्लास शुरू करें।' उन्होंने अपने ट्वीट में कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री को भी टैग किया है।

हालांकि, ज्यादातर ट्विटर यूजर स्कूल खोले जाने के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि जब टेक्नॉलजी की मदद से घर में भी पढ़ाई संभव है ही तो बच्चों को कोविड-19 महामारी के खतरे में क्यों डालें। ट्विटर हैंडल @nuryanana_kaush ने कहा, 'बच्चे राष्ट्रीय संपत्ति माने जाते हैं, इसलिए उनकी जिंदगी को खतरे में नहीं डालना चाहिए। मेरा पूरा विश्वास है कि स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी तभी खोले जाएं जब देश कोरना फ्री घोषित हो जाए। अन्यथा जो बच्चे फाइनल ईयर्स में नहीं है, उन्हें अगले क्लास में प्रमोट कर दीजिए।'

एक यूजर ने लिखा, 'जब ऑनलाइन क्लासेज की सुविधा है तो हमें स्कूल खोलने की जरूरत ही क्या है। स्कूल खुले तो देश में महामारी की स्थिति और बिगड़ सकती है। अभी स्कूल खोलने की कोई जरूरत नहीं है।'

वहीं, राज्यों की बात करे तो उत्तर प्रदेश में 19 अक्टूबर से 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने की तैयारी कर चुका है।

वहीं बिहार में 15 अक्टूबर से ही स्कूल खुल रहे हैं। लेकिन पश्च‍िम बंगाल, दिल्ली और झारखंड आदि सरकारें अभी राजी नहीं हैं।

झारखंड सरकार ने अभिभावकों और शिक्षा जगत के लोगों से राय लेने के बाद स्कूलों को 31 अक्टूबर, 2020 तक नहीं खोलने का फैसला किया।

आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री वाईएस जगन रेड्डी ने कहा है कि राज्‍य के स्‍कूल 2 नवंबर से खोल दिये जाएंगे।

मेघालय में स्‍कूल खोलने को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं। कक्षा 6 से 8 तक के बच्‍चों को केवल कंसल्‍टेशन के लिए स्‍कूल आने की अनुमति है। कक्षा 9-10 के छात्र भी कंसल्‍टेशन के लिए स्कूल आएंगे।

छत्‍तीसगढ़ सरकार फिलहाल स्‍कूल बंद रखने का फैसला लिया है।

हरियाणा सरकार कक्षा 6 से 9 तक के बच्‍चों के लिए स्‍कूल खोल सकती है।

इन नियमों का करना होगा पालन

- फर्नीचर, स्टेशनरी, कैंटीन, लैब के साथ ही पूरा परिसर और क्लास रूम का रोज सैनिटाइजेशन होगा

- एक क्लास में एक दिन 50% ही बच्चे ही बैठेंगे

- दूसरे दिन बाकी के बच्चों की पढ़ाई होगी

- दो स्टूडेंट्स के बीच 6 फीट की दूरी अनिवार्य होगी

- कोई भी स्टूडेंट अपने अभ‍िभावक की ब‍िना ल‍िख‍ित अनुमत‍ि के स्कूल नहीं आ सकेगा

- सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा। प्रयास ये रहेगा कि अभिभावक खुद बच्चे को लाएं और लेकर जाएं

- बच्चे को यूनिफार्म में फुल आस्तीन की शर्ट, फुल पैंट और जूते-मोजे पहनना जरूरी होगा। गाइडलाइंस का पालन बहुत अनिवार्य होगा

- क्लासरूम में मास्क उतारने की अनुमति नहीं होगी

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