मन की बात : प्रकृति के प्रति संवेदनशील होना, उसकी रक्षा करना, हमारा स्वभाव होना चाहिए : पीएम मोदी

By: Pinki Sun, 27 May 2018 1:09:07

मन की बात : प्रकृति के प्रति संवेदनशील होना, उसकी रक्षा करना, हमारा स्वभाव होना चाहिए : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 44वीं बार देशवासियों से 'मन की बात' की। 'मन की बात' की शुरूआत उन्होंने भारतीय नौ-सेना की 6 महिला कमांडरों द्वारा 250 से भी ज्यादा दिन समुद्र के माध्यम से आईएनएसवी तारिणी में पूरी दुनिया की सैर करने और 21 मई को भारत वापस आने पर उन्हें नौ सेना और भारत का मान-सम्मान बढ़ाने के लिये बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन 6 महिला कमांडरों ने विभिन्न महासागरों और कई समुद्रों में यात्रा करते हुए लगभग बाईस हजार नौटिकल माइल्स की दूरी तय की। यह विश्व में अपने आप में एक पहली घटना थी।

भारत की इन बेटियों ने दुनिया को यह सन्देश दिया है कि भारत की बेटियां किसी से काम नहीं हैं। मन की बात के 44वें संस्करण को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिटनेस चैंलेज के बारे में बात की और कहा कि हम जितना खेलेंगे, देश उतना ही खिलेगा। साथ ही पीएम मोदी ने ईद की बधाई भी दी और कहा कि ईद का त्योहार समाज में सद्भाव का बंधन मजबूत करेगा।
मन की बात

- पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम मानव जाति की विकास यात्रा देखें तो पायेंगे कि किसी-न-किसी एडवेंचर की कोख में ही प्रगति पैदा हुई है। विकास एडवेंचर की गोद में ही तो जन्म लेता है। कुछ लीक से हटकर कर गुजरने का इरादा, कुछ असाधारण करने का भाव, इनसे युगों तक, कोटी-कोटी लोगों को प्रेरणा मिलती रहती है।

- चंद्रपुर के बच्चों द्वारा एवरोस्ट फतह करने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सदियों से एवरेस्ट मानव जाति को ललकारता रहा है और बहादुर लोग इस चुनौती को स्वीकारते भी रहे हैं। 16 मई को महाराष्ट्र के चंद्रपुर के आश्रम-स्कूल के 5 आदिवासी बच्चों–मनीषा धुर्वे, प्रमेश आले, उमाकान्त मडवी, कविदास कातमोड़े, विकास सोयाम ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की है।

- इन युवाओं को ‘मिशन शौर्य’ के तहत चुना गया था और नाम के ही अनुरूप एवेरेस्ट फतह कर उन्होंने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। मैं चंद्रपुर के स्कूल के लोगों को, इन मेरे नन्हे-मुन्हे साथियों को, ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

- सबसे कम उम्र में एवरेस्ट जीतने वाली शिवांगी पाठक को बधई देते हुए पीएम ने कहा कि हाल ही में 16 वर्षीय शिवांगी पाठक, नेपाल कि ओर से एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला बनी। बेटी शिवांगी को बहुत-बहुत बधाई।

- अजीत बजाज और उनकी बेटी दीया एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाली पहली भारतीय पिता-पुत्री की जोड़ी बन गयी। ऐसा ही नहीं कि केवल युवा ही एवरेस्ट की चढ़ाई कर रहे हैं। संगीता बहल ने 19 मई को एवेरेस्ट की चढ़ाई की और संगीता बहल की आयु 50 से भी अधिक है।

- बीएसएफ के जवानों द्वारा सबसे ऊंची चोटी को साफ करने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि अभी पिछले दिनों ‘स्वच्छ गंगा अभियान’ के तहत बीएसएफ के एक ग्रुप ने एवरेस्ट की चढ़ाई की, पर पूरी टीम एवरेस्ट से ढ़ेर सारा कूड़ा अपने साथ नीचे उतार कर लायी। यह कार्य प्रशंसनीय तो है ही, साथ-ही-साथ यह स्वच्छता के प्रति, पर्यावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

- वर्षों से लोग एवरेस्ट की चढ़ाई करते रहे हैं और ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने सफलतापूर्वक इसे पूरा किया है। मैं इन सभी साहसी वीरों को, खासकर के बेटियों को ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

- फिट इंडिया के इस अभियान से आज हर कोई जुड़ रहा है। सोशल मीडिया पर लोग fitness challenge के वीडियो शेयर कर रहे हैं। उसमें एक-दूसरे को टैग कर उन्हें चैलेंज कर रहे हैं। चारों तरफ़ से एक ही गूंज सुनाई दे रही है – ‘हम फिट तो इंडिया फिट’। मेरे लिए खुशी की बात है कि मुझे भी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली जी ने चैलेंज किया है और मैंने भी उनके चैलेंज को स्वीकार किया है। मैं मानता हूं कि ये बहुत अच्छी चीज है और इस तरह का चैलेंज हमें फिट रखने और दूसरों को भी फिट रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा। : पीएम मोदी

- खेलों की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह बात सही है कि जो खेल कभी गली-गली, हर बच्चे के जीवन का हिस्सा होते थे, वे आज कम होते जा रहे हैं। ये खेल खासकर गर्मी की छुट्टियों का विशेष हिस्सा होते थे।

- कुछ खेल तो ऐसे भी हैं, जो पूरा परिवार साथ में खेला करता था– पिट्ठू हो या कंचे हो, खो-खो हो, लट्टू हो या गिल्ली-डंडा हो, न जाने कितने ही अनगिनत खेल कश्मीर से कन्याकुमारी, कच्छ से कामरूप तक हर किसी के बचपन का हिस्सा हुआ करते थे। हम में से शायद ही कोई हो जिसने बचपन में गिल्ली-डंडा न खेला हो। ये तो गांव से लेकर शहरों तक में खेले जाने वाला खेल है। आंध्रप्रदेश में इसे गोटिबिल्ला या कर्राबिल्ला के नाम से जानते हैं। उड़ीसा में गुलिबाड़ी तो महाराष्ट्र में इसे वित्तिडालू कहते हैं।

- मौसम में आ रहे परिवर्तन पर बात करते हुए पीएम ने बताया कि जब भयंकर गर्मी होती है, बाढ़ होती है, बारिश थमती नहीं है, असहनीय ठंड पड़ जाती है तो हर कोई विशेषज्ञ बनकर ग्लोबल वार्मिंग, मौसम बदलाव की बातें करता है लेकिन बातें करने से बात नहीं बनती है।

- प्रकृति के प्रति संवेदनशील होना, उसकी रक्षा करना, हमारा स्वभाव होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से योग की विरासत को आगे बढ़ाने और एक स्वस्थ, खुशहाल और सद्भावपूर्ण राष्ट्र का निर्माण करने की अपील की। हमें प्रकृति के साथ सद्भाव से रहना है, प्रकृति के साथ जुड़ करके रहना है। महात्मा गांधी ने जीवन भर इस बात की वकालत की थी, आज भारत जलवायु न्याय की बात करता है और भारत ने कॉप 21 और पेरिस समझौते में प्रमुख भूमिका निभाई।

- लोगों को वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बारिश का मौसम आने वाला है और हम इस बार रिकॉर्ड वृक्षारोपण का लक्ष्य ले सकते हैं और केवल वृक्ष लगाना ही नहीं बल्कि उसके बड़े होने तक उसके रख-रखाव की व्यवस्था करने का भी संकल्प ले सकते हैं।

- पिछले कुछ हफ्तों में देश के अलग-अलग क्षेत्रों में धूल-आंधी चली, तेज़ हवाओं के साथ-साथ भारी वर्षा भी हुई, यह चीजे मूलतः मौसम में जो बदलाव आया है, उसी का परिणाम है।

- नेहरु को पुण्यतिथि पर याद करते हुए उन्होंने कहा कि आज 27 मई को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की पुण्यतिथि है। मैं पंडित जी को प्रणाम करता हूं। अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों को आने वाले ईद के त्यौहार की शुभकामनाएं दी।

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