केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाएं नहीं कर सकीं प्रवेश, एक महीने के लिए कपाट बंद

By: Priyanka Maheshwari Mon, 22 Oct 2018 12:07:41

केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाएं नहीं कर सकीं प्रवेश, एक महीने के लिए कपाट बंद

केरल का सबरीमाला मंदिर Sabarimala Temple के कपाट पांच दिन की पूजा के बाद सोमवार रात 10 बजे बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर के कपाट 18 अक्टूबर को खोले गए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद पिछले पांच दिनों में कोई भी महिला सबरीमाला मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकी। अब तक दो पत्रकारों समेत सात महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों के कड़े विरोध पर उन्हें प्रवेश किए बिना ही लौटना पड़ा।

रविवार को भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं ने तीन तेलुगु भाषी महिलाओं को मंदिर तक जाने वाली पहाड़ियों पर चढ़ने से रोक दिया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले महीने 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं के भगवान अयप्पा के मंदिर में दर्शन पर लगी सदियों पुरानी रोक हटाने संबंधी फैसला देने के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने अयप्पा मंत्रोच्चारण करते हुए महिलाओं को पहाड़ी पर चढ़ने से रोक दिया। जबकि पत्रकारों समेत कुछ अन्य महिलाओं ने भी मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें मंदिर से पहले ही मैदान में रोक दिया और कहा कि वे परंपरा को तोड़ने की अनुमति नहीं देंगे। इस मामले पर केरल बीजेपी ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए विशेष विधानसभा सत्र की मांग की है। जबकि कांग्रेस ने एनडीए सरकार से अध्यादेश मांगा है। जबकि पत्रकारों समेत कुछ अन्य महिलाओं ने भी मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें मंदिर से पहले ही मैदान में रोक दिया और कहा कि वे परंपरा को तोड़ने की अनुमति नहीं देंगे। मंदिर प्रशासन ने सरकार को लिखा है कि यदि कोई परम्परा तोड़ी गई, तो वे मंदिर में ताला लगा देंगे, और सभी रस्मों को रोक देंगे। मंदिर प्रशासन के अनुसार, अब चिंताजनक बात यह है कि मंदिर के भीतर 1,000 से भी ज़्यादा पुरुष कैम्प किए बैठे हैं, जो 50 वर्ष से कम आयु की महिलाओं को प्रवेश से रोकने के लिए कानून को अपने हाथ में ले सकते हैं।

वहां उपस्थित एक बुजुर्ग महिला भक्त ने कहा कि महिला के पहचान पत्र से पता चला कि उनका जन्म 1971 में हुआ था। जिसके कारण प्रदर्शनकारियों ने उसे प्रवेश नहीं करने दिया। अन्य दो महिलाओं को भी मंदिर के तलहटी पर रोक दिया गया। महिलाओं के साथ उनके रिश्तेदार भी थे।

महिलाओं को सुरक्षित ले जाने वाली पुलिस ने बताया कि महिलाओं को मंदिर के रीति रिवाजों के बारे में जानकारी नहीं थी। जबकि जो महिला प्रतिबंधित आयु वर्ग में नहीं थीं, उन्हें पवित्र पहाड़ियों पर चढ़ने की इजाजत थी। मामले पर सीपीआई (एम) के सदस्य एस रामचंद्रन पिल्लई ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करने वाले भक्त अल्पसंख्यक थे और उन्हें पूरे केरल समाज का समर्थन नहीं मिला था। उन्होंने सबरीमाला पर कोर्ट के फैसले का समर्थन किया था।

केरल मुस्लिम जमैथ काउंसिल ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता रेहाना फातिमा ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की थी। लाखों हिंदू भक्तों की भावनाओं को चोट पहुंचाने के लिए उसे धर्म निकाला किया गया है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com