ग्रीन लाइसेंस प्लेट को सरकार की मंजूरी, ई-व्हीकल्स चलाने के लिए 16 साल के किशोरों को भी लाइसेंस देने पर विचार
By: Priyanka Maheshwari Thu, 10 May 2018 08:33:34
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार 16 से 18 साल के युवाओं को ई-स्कूटर चलाने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। सरकार ने ई-व्हीकल्स (इलेक्ट्रिक वाहनों) को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन लाइसेंस प्लेट को मंजूरी दे दी है। सरकार इसके लिए 16 साल तक किशोरों को ड्राइविंग लाइसेंस देने पर विचार कर रही है। बुधवार को केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने निजी ई-वाहनों के लिए सफेद और टैक्सियों के लिए पीला रंग निर्धारित कर ग्रीन लाइसेंस प्लेट्स को मंजूरी दी है।
हेलमेट के लिए बीआईएस मानक अनिवार्य
- सरकार ने सड़क हादसों में हताहतों की संख्या को कम करने के लिए दो पहिया वाहन चालकों के लिए बीआईएस मानक वाले हेलमेट को अनिवार्य करने करने का फैसला किया है।
- गडकरी ने कहा कि भारतीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नया हेलमेट डिजाइन किया गया है। यह 300 ग्राम का होगा, जो मौजूदा हेलमेट से कहीं कम है।
- मंत्री ने कहा, बाजार में खराब गुणवत्ता के हेलमेट बिक रहे हैं, जिनकी कीमत कम है और ये सिर्फ चालान से बचाते हैं। लेकिन इन हेलमेट में व्यक्ति की सुरक्षा से समझौता किया जाता है।
युवाओं को इलेक्ट्रिक स्कूटर का मिल सकेगा लाइसेंस
- गडकरी के अनुसार, सरकार ई-स्कूटर चलाने के लिए 16 साल तक के किशोरों को भी मंजूरी देने पर विचार कर रही है। यह गियरलेस होगा। इससे ई-स्कूटर की बड़ी मांग होगी।
- मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत 16 से 18 साल के उम्र के किशोरों को 50 सीसी तक क्षमता के बिना गियर वाले स्कूटर चलाने के लिए लाइसेंस देने का प्रावधान है। हालांकि, इस श्रेणी में भारत में कोई स्कूटर बनता ही नहीं है।
टैक्सी एग्रीगेटर्स को अनिवार्य करने की भी योजना
- सरकार ई-व्हीकल फ्लीट का एक निश्चित प्रतिशत रखने के लिए टैक्सी एग्रीगेटर्स को अनिवार्य करने की भी योजना बना रही है।
- गडकरी ने कहा, "सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष ग्रीन लाइसेंस प्लेट्स को मंजूरी दे दी है। इसके तहत निजी कारों के लिए सफेद अक्षर और टैक्सी के लिए पीले और हरे रंग की लाइसेंस प्लेट्स अनिवार्य रूप से लगानी होगी।"
- उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक सप्ताह के अंदर अधिसूचना जारी होगी। विशिष्ट संख्या प्लेट्स से पार्किंग में वाहनों की पहचान आसानी से हो सकेगी। इससे टोल में भी रियायत मिलेगी।
ई-वाहन के परमिट पर छूट का विचार
- गडकरी ने कहा, "परमिट से छूट एक गेम चेंजर साबित होगा। ई-रिक्शा की परमिट छूट पर मांग बढ़ना इसका उदाहरण है। इसी तरह, ई-बसों, ई-टैक्सियों, ई-ऑटो में परिमट छूट देकर विस्तार का दायरा बढ़ाया जा सकता है। ई-ऑटो और ई-बसों का बड़ा प्रभाव हो सकता है, क्योंकि नया परमिट हासिल करना बहुत मुश्किल होता है।
- इसी प्रकार, ई-बाइक को भी एक बड़े रूप में देखना चाहिए, क्योंकि यह भी एक नया क्षेत्र है।
इन प्रस्तावों पर भी किया जा रहा विचार
- गडकरी ने कहा, "सरकार 2020 से इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती हिस्सेदारी रखने के लिए टैक्सी एग्रीगेटर्स से पूछने पर भी विचार कर रही है, जो हर साल फ्लीट का 1 प्रतिशत हो सकती है।"
- इसी प्रकार, सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स को भी 2020 के बाद से 1 प्रतिशत इंक्रीमेंटल फ्लीट बढ़ाने का प्रस्ताव अनिवार्य किया जा सकता है।
- वर्तमान में भारत में 1 से 1.5 लाख इलेक्ट्रिक वाहन हैं और अगले पांच वर्षों में कुल वाहनों में से इनकी संख्या लगभग 5 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है।
- विशेषज्ञों के मुताबिक, 2017-18 में भारत में लगभग 24 मिलियन वाहन की बिक्री हुई है। इनमें इलेक्ट्रिक वाहनों का आंकड़ा करीब 1 फीसदी है।
- गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिल व्हीकल से प्रदूषण कम होगा।
भारत में हैं 4 प्रकार की नंबर प्लेटें
- वर्तमान में, देश में निजी कारों के लिए सफेद प्लेट पर काले रंग के नंबर वाली, वाणिज्यिक वाहनों के लिए पीली प्लेट पर काले रंग के नंबर वाली, सेल्फ-ड्राइविंग रेंटल वाहनों के लिए काली प्लेट पर पीले रंग के नंबर वाली और दूतावासों और उच्चायोगों के लिए नीली प्लेट पर सफेद रंग के नंबर वाली 4 तरह की नंबर प्लेटों का इस्तेमाल होता है।
- इसके अलावा सेना के वाहन रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई एक अलग पंजीकरण प्रणाली का पालन करते हैं। राष्ट्रपति और गवर्नर के वाहनों के पास राष्ट्रीय प्रतीक के साथ लाल लाइसेंस प्लेटें होती हैं।