बैंकों के विलय से बैंक कर्मचारी संघ नाराज, आज मनाएंगे 'काला दिवस', कहा - फैसले से कमजोर होगी बैंकिंग प्रणाली

By: Pinki Sat, 31 Aug 2019 09:09:28

बैंकों के विलय से बैंक कर्मचारी संघ नाराज, आज मनाएंगे 'काला दिवस', कहा - फैसले से कमजोर होगी बैंकिंग प्रणाली

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की ओर से शुक्रवार को बैंकिंग सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान किया गया। 10 सरकारी बैंकों का विलय होकर 4 बड़े बैंक बनेंगे। इनका कुल कारोबार 55.81 लाख रुपए करोड़ का होगा। 2017 में देश में 27 सरकारी बैंक थे, अब यह 12 रह जाएंगे। हालाकि सरकार के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है। पीएसबी (PSB) के कार्यकर्ताओं ने कहा है कि इस विलय से बैंकों में न तो स्थिरता आएगी और न ही उनकी वित्तीय स्थिति में कोई सुधार होगा। पीएसबी कार्यकर्ताओं ने कहा है कि वे शनिवार को वित्त मंत्रालय की ओर से उठाए गए कदम का विरोध करेंगे। कर्मचारी संघों ने शनिवार को इसके विरोध में काला दिवस मनाने की घोषणा की है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने कहा है कि सरकार का बैंकों के विलय करने का प्रस्ताव बिना सोच-विचार कर लाया गया कदम है। इसका कोई तार्किक आधार नहीं है।

इस फैसले से कमजोर होगी बैंकिंग प्रणाली : देबाशीष बसु चौधरी

बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) के महासचिव देबाशीष बसु चौधरी ने कहा, यह फैसला बैंकिंग प्रणाली को कमजोर करने वाला है और वित्तीय समावेशन के उद्देश्य के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हम सभी बैंक यूनियन साथ में इस फैसले का विरोध करेंगे। हमारे इस प्रदर्शन में भारत के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के नौ संघ और उनके प्रतिनिधित्व शामिल होंगे।

चौधरी ने कहा, हम इस विलय के खिलाफ हैं। एक सबसे बड़ा कारण यह है कि पहले जिस तरह से बैंकों का विलय किया गया उससे कर्मचारियों को काफी नुकसान हुआ है। पहले के विलय में हमने देखा है कि कई शाखाएं और कार्यालय बंद कर दिए गए थे।

बैकों के विलय की घोषणा करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों के विलय का मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैंकों को मजबूत करना है, जिससे देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सके। निर्मला सीतारमण ने कहा, 'पिछले साल तीन बैंकों के विलय से फायदा हुआ, रिटेल लोन ग्रोथ में 25% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।' निर्मला सीतारमण ने कहा- 'विलय से कर्ज देने की लागत कम होगी और सरकारी बैंकों की अर्थव्यवस्था में मौजूदगी मजबूत होगी। विलय से बैंकों की बैलेंस शीट मजबूत होगी।' सरकार का कहना है कि बैंकों को अंतरराष्ट्रीय आकार का बनाने के लिए यह फैसला लिया गया। यह सही वक्त है कि बैंकों को इस लायक बनाया जाए कि वे 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य में भागीदार बन सकें। वित्त सचिव राजीव कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि बैंक के कर्मचारियों को किसी भी चरण में कोई नुकसान नहीं होगा। कोई छंटनी नहीं की जाएगी। मर्जर से कर्मचारियों की सुविधाएं बेहतर होंगी।

किस बैंक में होगा किसका विलह

निर्मला सीतारमण ने पंजाब नेशनल बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक के विलय का ऐलान किया। इस विलय के बाद पीएनबी देश का दूसरा बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा। कुल 1794526 करोड़ रुपये का बिज़नेस होगा।कासा (करंट अकाउंट सेविंग अकाउंट) अनुपात 40 फीसदी होगा। इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक के विलय का भी ऐलान किया। विलय के बाद केनरा बैंक का बिज़नेस होगा 1520295 करोड़ रुपये का हो जाएगा। निर्मला सीतारमण ने बताया कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का भी विलय होगा। ये देश का 5वां सबसे बड़ा बैंक होगा। बिजनेस बढ़कर 14.59 लाख करोड़ का हो जाएगा। इसके अलावा इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक के विलय का ऐलान किया गया। ये 7वां सबसे बड़ा बैंक होगा। इसका बिजनेस बढ़कर 8.08 लाख करोड़ रुपये का होगा।

किस बैंक को क्‍या मिलेगा


वित्त मंत्री ने बताया कि मर्जर के दौरान पंजाब नेशनल बैंक को लगभग 16,000 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 11,700 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा को 7,000 करोड़, केनरा बैंक को 6,500 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक को 2,500 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके अलावा इंडियन ओवरसीज बैंक को लगभग 3,800 करोड़, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 3,300 करोड़, यूको बैंक 2,100 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,600 करोड़ और पंजाब ऐंड सिंध बैंक को 750 करोड़ रुपये मिलेंगे।

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