आर-पार के मूड में किसान, गाजीपुर बॉर्डर पर लगाई कीलें किसानों ने उखाड़ी

By: Pinki Thu, 04 Feb 2021 11:04:05

आर-पार के मूड में किसान, गाजीपुर बॉर्डर पर लगाई कीलें किसानों ने उखाड़ी

देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सिंघु बॉर्डर पर 71वां और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को आज 69वां दिन है। वहीं, विपक्षी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंच गया है। हालांकि विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने रोक दिया है। आपको बता दें कि विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके सांसद कनिमोझी, एसएडी सांसद हरसिमरत कौर बादल और टीएमसी सांसद सौगत रॉय समेत कई नेता शामिल हैं। वहीं, दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी की हिंसा को ध्यान में रखते हुए सीमा पर कई किस्म की बैरिकेडिंग की थी, जिसमें सड़क पर कीलें लगाना भी शामिल था। गुरुवार को लोगों ने उसे भी उखाड़ दिया। मिली जानकारी के अनुसार गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को दिल्ली में जाने से रोकने के लिए लगाई गई नुकीली कीलों को मोड़ दिया गया है। गुरुवार सुबह सड़क पर लगी कीलें मुड़ीं दिखाई दी।

बता दें सीमा पर लगी यह कीलें कई दिनों से चर्चा का विषय बनी हुईं थी। किसान आंदोलन से लेकर संसद तक में इस पर चर्चा हुई। इसके साथ ही विपक्षी नेताओं ने सवाल खड़े किये कि आखिर किसानों के आंदोलन में इस तरह की किलेबंदी का क्या काम है।

अब मंत्रियों से बात नहीं होगी, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री आगे आएं

कानून वापसी की मांग पर अड़े किसानों ने हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में बुधवार को महापंचायत की। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शामिल हुए। महापंचायत में उन्होंने कहा कि अब कृषि मंत्री या फिर किसी और मंत्री से बातचीत नहीं करेंगे। अब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बातचीत के लिए आगे आना होगा। टिकैत ने आगे कहा, 'अभी तो किसान कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं, जब गद्दी वापसी की मांग करेंगे तब सरकार क्या करेगी? जब कोई राजा डरता है तो किले बंदी का सहारा लेता है। ठीक ऐसा ही हो रहा है। बॉर्डर पर जो कीलबंदी की गई है, ऐसे तो दुश्मन के लिए भी नहीं की जाती है। लेकिन किसान डरेगा नहीं। किसान इसके ऊपर लेटेंगे और उसे पार करके जाएंगे।

सरकार द्वारा बातचीत के लिए किसानों की कमेटी के सदस्यों की संख्या कम करने से भी टिकैत ने साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, कभी भी बीच लड़ाई में घोड़े नहीं बदले जाते। जो कमेटी के सदस्य हैं, वहीं रहेंगे।

इस बीच भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि वह रुड़की के मंगलौर में किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है और कृषि कानून निरस्त होने तक यह जारी रहेगा। छह फरवरी को भारत बंद में किसान पूरे अनुशासन के साथ शामिल होंगे। टिकैत भारतीय किसान यूनियन, उत्तराखंड किसान मोर्चा और किसान कामगार मोर्चा की ओर से बुलाई गई महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। इसमें मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली और बागपत से बड़ी संख्या में किसान पहुंचे।

ये भी पढ़े :

# किसानों से मिलने गाजीपुर पहुंचे विपक्ष के नेताओं को पुलिस ने रोका

# अब मंत्रियों से बात नहीं होगी, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री आगे आएं: किसान नेता

# यूपी: प्रियंका गांधी के काफिले के साथ हादसा, कई गाड़ियां आपस में टकराईं

# किसान आंदोलन पर अमेरिका की पहली प्रतिक्रिया, कहा- हम शांतिपूर्ण विरोध के साथ, बातचीत से सुलझे मतभेद

# Video Viral: किसान नेता चढूनी ने कहा - टिकैत समेत कुछ संगठन भाजपा की गोद में...

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com