‘बेईमानी-बदला, खून-खराबा, हार-जीत’ इन्हीं को दिखाती चम्बल के बागियों की ‘सोन चिडिया’

By: Geeta Wed, 09 Jan 2019 2:46:24

‘बेईमानी-बदला, खून-खराबा, हार-जीत’ इन्हीं को दिखाती चम्बल के बागियों की ‘सोन चिडिया’

दो दिन पूर्व निर्देशक अभिषेक चौबे की फिल्म ‘सोन चिडिया’ का ट्रेलर जारी किया गया था। जब से यह ट्रेलर जारी हुआ है तब से यह लगातार सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। चम्बल की बीहड को एक बार फिर से इस फिल्म के जरिये परदे पर उतारा गया है। इस फिल्म की कहानी 1975 में लगी इमरजेंसी के दौरान की है और यह मध्यप्रदेश के चम्बल में फैले डकैतों के खौफ के इर्द-गिर्द बुनी गई है। हिन्दी सिनेमा में डकैतों पर 70 के दशक में अनेक फिल्मों का निर्माण हुआ है, जिनमें चार ऐसी फिल्में हैं, जिन्हें दर्शक आज भी याद करता है। ये फिल्में हैं—शोले, मुझे जीने दो, रेशमा और शेरा एवं बैंडिट क्वीन। शेखर कपूर की बैंडिट क्वीन इन सभी में सर्वोपरि फिल्म थी, जो कि वास्तविक बॉयोपिक थी। हालांकि ‘शोले’ काल्पनिक कथानक के बावजूद आज तक सर्वाधिक लोकप्रिय फिल्मों में शुमार है।

bollywood,sonchiraiya,sonchiraiya movie,sushant singh rajput,bhumi pednekar ,बॉलीवुड,सोन चिडिया,सुशांत सिंह राजपूत

सोन चिडिया की कहानी डकैतों की एक ऐसी गैंग की है जो बाद में आपस में ही लड जाती है। इसमें सुशांत सिंह राजपूत और भूमि के अलावा मनोज बाजपेयी, रणवीर शौरी और आशुतोष राणा जैसे बडे सितारे नजर आएंगे। अभिषेक चौबे इससे पहले विशाल भारद्वाज के सहायक के तौर पर काम किया करते थे। विशाल ने ही उन्हें अपने बैनर की ‘इश्किया’ और ‘डेढ इश्किया’ निर्देशित करने का मौका दिया था। इसके बाद उन्होंने अनुराग कश्यम के फैंटम फिल्मस के लिए ‘उडता पंजाब’ का निर्देशन किया था।

जब से सोन चिडिया का ट्रेलर जारी हुआ है तभी से इसके संवादों ने दर्शकों के दिलों में घर कर लिया है। फिल्म में सितारों ने इस कदर देसी लुक अपनाया हुआ है कि उन्हें पहचान पाना मुश्किल हो रहा है। इसमें भूमि पेडनेकर एक विधवा डकैत के रोल में दिखायी देंगी।

कल हमने अपने सुधि पाठकों को इस फिल्म के कुछ संवादों से परिचित कराया था, जो हिन्दी में लिखे गए थे। हालांकि मूल रूप से यह जिस भाषा में बोले गए हैं वह इस प्रकार हैं—

1. सभी डकैतन को सूचित किया जात है कि पुलिस को घेरो बन चुको है और जे घेरो ना है चक्रव्यूह है. . . . .
2. सरकारी गोली से कोओ कभऊं मरे हैं? इनके तो वादन से मरे हैं सब, बहनों-भाइयों. . . . .

3. सोच ले। गैंग से भाजने वाले के लिए पूरो बीहड छोटो पड जात है।

ट्रेलर में बोले गए संवाद जब दर्शकों को इतना प्रभावित कर सकते हैं तो उम्मीद जगती है कि यह फिल्म अपने कथानक, प्रस्तुतीकरण और निर्देशन के बलबूते पर दर्शकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब होगी। लम्बे समय बाद इस पृष्ठभूमि पर कोई फिल्म आई है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए बॉलीवुड, टीवी और मनोरंजन से जुड़ी News in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com