महिलाऐं कब करें कौनसे पैड का इस्तेमाल, बहुत आवश्यक है यह जानकारी
By: Ankur Thu, 17 Jan 2019 10:37:34
आपने महिलाओं द्वारा काम में लिए जाने वाले सैनिटरी पैड के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन इसी तरह का एक मैटर्निटी पैड भी आता है जिसे महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता हैं। लेकिन ऐसे बहुत कम लोग हैं जो इसके बारे में जानते हैं। यहाँ तक कि अधिकाँश महिलाओं को भी इनके बारे में नहीं पता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए इससे जुड़ी आवश्यक जानकारी लेकर आए हैं।
बच्चे को जन्म देने के बाद महिलाओं के यूटेरस से बहुत ज्यादा मात्रा में ब्लीडिंग होने लगती है। इस समय में सामान्य दिनों की तुलना में ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होने लगती है। ये ब्लीडिंग सामान्य ब्लीडिंग से बहुत अलग होती है। इस दौरान ब्लड क्लॉट भी बहुत ज्यादा निकलते है। इस दौरान होने वाली ब्लीडिंग बहुत दिनों तक और घंटो तक रहती है। डिलीवरी के बाद होने वाली ब्लीडिंग दो से छह सप्ताह तक रहती है। एक दिन में छह से 12 घंटों तक खून का बहाव जारी रहता है।
वजाइनल ब्लीडिंग को लोचिया कहा जाता है और यह डिलीवरी के बाद एक सामान्य सी प्रक्रिया है और जो गर्भाशय की सतह पर मौजूद अतिरिक्त प्लासेन्टा (placenta) बहने तक होती है। ब्लीडिंग की वजह से इंफेक्शन न हो इसलिए इस समय ज्यादा रख-रखाव की जरुरत होती है। प्रेग्नेंसी के बाद वेजाइना बहुत नाजुक हो जाती है और स्टिच लगे होने के कारण इंफैक्शन फैलना के खतरा भी बहुत बढ़ जाता है। ऐसे में डॉक्टर सैनिटरी पैड की बजाय मैटर्निटी पैड इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
मैटर्निटी पैड सैनिटरी पैड की तुलना में ज्यादा लंबे होते हैं। यह अधिक फ्लो को भी बहुत आसानी से सोख लेते हैं और बहुत ज्यादा नर्म भी होते हैं। लीकेज से भी पूरी तरह बचाव करते हैं। जिससे स्टिचेस को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता। इसके अलावा साधारण पैड से ये ज्यादा लंबे होते हैं। मैटरनिटी पैड साधारण सैनिटरी पैड के ऊपर एक बुनी हुई पतली परत होती है जो आपके शरीर पर लगे टांकों या स्टिच की तकलीफ बढ़ा सकती हैं। जबकि मैटर्निटी पैड नर्म और मोटे होते हैं जो लेटते और बैठते समय आरामदायक होते हैं। ये बहुत कम्फर्टेबल होते हैं, इससे आपके कपड़ों पर कोई दाग नहीं लगता और आपके टांकों वाले स्थान पर भी तकलीफ नहीं होती।
ये डिलीवरी के बाद महिला की स्थिति पर निर्भर करता है। लेकिन इनके आकार इतने बड़े होते हैं कि आप शुरु में 2-3 बड़े पैड से आपका काम चल सकता है। पर इसके बाद आप अपनी जरुरत के अनुसार यूज में ले सकती है। डिलीवरी के बाद आपके पास कम से कम 2 पैकेट रखने चाहिए। इस समय प्रसूता की हाइजीन का ध्यान रखना भी जरुरी होता है। इसलिए डिलीवरी के बाद महिला को बार-बार पेड बदलते रहने की जरुरत है।