
फर्जी राजनयिक बनकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेटवर्क खड़ा करने वाले हर्षवर्धन जैन का मामला हर दिन नया मोड़ ले रहा है। नोएडा एसटीएफ की छानबीन में खुलासा हुआ है कि जैन ने बीते 10 वर्षों में 162 बार विदेश यात्राएं कीं। इन यात्राओं के दौरान उसने 19 देशों में कदम रखा, जहां उसने फर्जी कंपनियों के माध्यम से लाइजनिंग और दलाली का एक जाल बिछाया। सबसे ज्यादा बार वह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) गया — कुल 54 बार। इसके अलावा, उसने 22 बार यूनाइटेड किंगडम (यूके) का भी रुख किया। अब तक की जांच में उसके नाम पर 25 कंपनियां और 20 बैंक खाते सामने आ चुके हैं।
चंद्रास्वामी के नेटवर्क का सहारा, हथियार डीलरों से संपर्क
एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक, हर्षवर्धन जैन ने तंत्र-मंत्र और प्रभावशाली संपर्कों के जरिये अपना गोरखधंधा खड़ा किया। उसकी पहचान चर्चित तांत्रिक चंद्रास्वामी के करीबियों में से एक के रूप में सामने आई है। यही नेटवर्क उसकी अंतरराष्ट्रीय पहुंच का आधार बना। चंद्रास्वामी ने ही उसे कुख्यात हथियार तस्कर अदनान खशोगी से मिलवाया था। इतना ही नहीं, जैन ने चंद्रास्वामी के माध्यम से कई प्रभावशाली विदेशी व्यक्तियों से भी मेलजोल बढ़ाया। एसटीएफ इन सभी मुलाकातों और गठजोड़ों का दस्तावेजी ब्योरा जुटा रही है।
लंदन से लेकर दुबई तक फर्जी कंपनियों का मायाजाल
हर्षवर्धन का आपराधिक सफर वर्ष 2000 में चंद्रास्वामी से मुलाकात के बाद तेजी से आगे बढ़ा। 2000 के दशक की शुरुआत में वह लंदन पहुंचा, जहां उसकी मुलाकात अदनान खशोगी और एहसान नामक व्यक्ति से कराई गई। एहसान के साथ मिलकर उसने दर्जनों कंपनियां लंदन में बनाई, जिनका इस्तेमाल बिचौलगी और सौदों के लिए किया गया। 2006 में उसने अपना ठिकाना दुबई बना लिया। वहां उसकी जान-पहचान शफीक और इब्राहिम से हुई। इन दोनों के साथ मिलकर उसने कई और कंपनियों की नींव रखी। दुबई के अलावा उसने अन्य खाड़ी देशों और यूरोप में भी कई फर्में खड़ी कीं।
विदेश यात्राओं की पूरी लिस्ट तैयार, जांच में जुटी एसटीएफ
एसटीएफ ने हर्षवर्धन के पासपोर्ट और यात्रा रिकॉर्ड खंगालकर यह पाया कि उसने 2005 से 2015 के बीच कुल 162 बार विभिन्न देशों की यात्राएं कीं। यह आंकड़ा एक आम कारोबारी के लिए भी असाधारण है। खास बात यह है कि इन यात्राओं का मकसद सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि संदिग्ध आर्थिक गतिविधियों और संपर्क निर्माण का हिस्सा था।
अब रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी
एसटीएफ अब हर्षवर्धन को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में आवेदन कर चुकी है। अफसरों का मानना है कि रिमांड के दौरान उससे हवाला नेटवर्क और मनी लॉन्ड्रिंग के कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। उसके पास मौजूद डेटा और दस्तावेज़ कई नामों को बेनकाब कर सकते हैं।
25 कंपनियों और 20 से अधिक बैंक खातों का काला सच
अब तक की जांच में सामने आया है कि हर्षवर्धन जैन के पास 25 से अधिक कंपनियों का मालिकाना या संचालन संबंधी डेटा मौजूद है। ये कंपनियां किन-किन कारोबारों में शामिल थीं, उन्हें कैसे आर्थिक लाभ पहुंचाया गया — इन सभी पहलुओं पर गहराई से जांच जारी है। इसके साथ ही 20 बैंक खाते भी जांच के घेरे में हैं। इनमें से 8 बैंक अकाउंट दुबई में, 3 यूके में, एक मॉरिशस में और शेष 8 भारत में स्थित हैं। इन खातों में हुए संदिग्ध लेन-देन की ट्रांजेक्शन हिस्ट्री खंगाली जा रही है।
एजेंसियां लगातार खोल रहीं परतें
एसटीएफ के एएसपी आर.के. मिश्रा ने जानकारी दी कि फिलहाल 25 कंपनियों और 20 बैंक खातों का डेटा एजेंसी के पास मौजूद है। हर्षवर्धन की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य फर्जी नेटवर्क का भंडाफोड़ होने की आशंका जताई जा रही है। सोमवार को कोर्ट में उसकी रिमांड पर सुनवाई प्रस्तावित है, जिसके बाद पूछताछ और तेज की जाएगी।














