अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को चीन पर अमेरिका के साथ हुए हालिया व्यापार समझौते का "पूरी तरह उल्लंघन" करने का आरोप लगाया। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने "Mr. Nice Guy" बनने की बहुत बड़ी कीमत चुकाई है और अब चीन ने एक बार फिर अपने वादों से पीछे हटकर अमेरिका को धोखा दिया है।
ट्रंप का आरोप
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा, "दो सप्ताह पहले चीन गंभीर आर्थिक संकट में था! मैंने जो उच्च टैरिफ लगाए थे, उससे चीन के लिए अमेरिकी बाजार में व्यापार करना लगभग असंभव हो गया था। हमने प्रभावी रूप से चीन के साथ 'कोल्ड टर्की' किया, और यह उनके लिए विनाशकारी था। कई फैक्ट्रियाँ बंद हो गईं और 'सामाजिक अशांति' भी हुई। मैंने जो देखा, वह मुझे अच्छा नहीं लगा, उनके लिए नहीं, हमारे लिए। मैंने चीन को एक त्वरित समझौता किया ताकि उन्हें एक बहुत बुरी स्थिति से बचा सकें, और मैं नहीं चाहता था कि ऐसा हो। इस समझौते के कारण, सब कुछ जल्दी से स्थिर हो गया और चीन ने सामान्य व्यापार शुरू कर दिया। सभी खुश थे! यह अच्छी खबर है!!! बुरी खबर यह है कि चीन, शायद कुछ लोगों को आश्चर्यचकित न करते हुए, हमारे साथ किए गए समझौते का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। इतना सब कुछ 'मि. नाइस गाइ' बनने का!"
अमेरिकी प्रशासन की चिंता
यह बयान अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट के उस बयान के कुछ घंटों बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता ठप हो गई है और इसे आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सीधी भागीदारी की आवश्यकता है। बेसेंट ने फॉक्स न्यूज से कहा कि वार्ता की जटिलता के कारण प्रगति धीमी हो गई है, जबकि इस महीने की शुरुआत में एक अस्थायी 90-दिन की संघर्षविराम सहमति हुई थी।
क्या कहता है ट्रंप प्रशासन?
इस महीने की शुरुआत में, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेम्सन ग्रीर ने कहा था कि ट्रंप प्रशासन ने पिछले महीने लगाए गए 145 प्रतिशत टैरिफ को घटाकर 30 प्रतिशत करने पर सहमति जताई थी, जबकि चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर अपने टैरिफ को 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने पर सहमति जताई थी। दोनों देशों ने एक-दूसरे के सामानों पर टैरिफ को शुरू में 90 दिनों के लिए कम करने पर सहमति जताई थी, ताकि व्यापार युद्ध को कम किया जा सके।
यह घटनाक्रम जिनेवा, स्विट्जरलैंड में आयोजित व्यापार वार्ता के बाद आया है, जो ट्रंप द्वारा चीनी आयातों पर भारी टैरिफ लगाने के बाद वाशिंगटन और बीजिंग के बीच पहली उच्च-स्तरीय वार्ता थी।
बाज़ार पर असर
इस बयान के बाद अमेरिकी स्टॉक मार्केट में गिरावट दर्ज की गई है, और निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ गई है कि क्या अमेरिका और चीन के बीच नया ट्रेड वॉर (व्यापार युद्ध) फिर से शुरू हो सकता है।