
लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके ने पूरी दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींचा। भारत सरकार ने इस घटना को स्पष्ट रूप से आतंकी हमला बताया है। इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इसे आतंकवादी हमले के रूप में मान्यता दी और भारतीय जांच एजेंसियों की पेशेवर क्षमता की सराहना की।
अमेरिकी विदेश मंत्री का बयान
रुबियो ने कहा, “भारतीय जांच एजेंसियों की प्रशंसा करनी चाहिए। वे इस मामले की जांच सावधानीपूर्वक और पेशेवर तरीके से कर रहे हैं। यह स्पष्ट रूप से एक आतंकवादी हमला था। विस्फोटक कार में भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ था, जिसमें कई लोग मारे गए।”
उन्होंने आगे जोड़ा कि अमेरिका ने जांच में सहयोग की पेशकश की है, लेकिन भारत पूरी तरह से इस मामले की जांच में सक्षम है। रुबियो ने कहा, “मुझे लगता है कि भारतीय टीम बहुत अच्छे से जांच कर रही है। जब उनके पास तथ्य होंगे, वे उन्हें साझा करेंगे। हमें उनकी क्षमता पर भरोसा है और हमारी मदद की फिलहाल जरूरत नहीं है।”
जी-7 बैठक में द्विपक्षीय चर्चा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने कनाडा के नियाग्रा में जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान मुलाकात की। इस दौरान रुबियो ने दिल्ली धमाके में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। बैठक में द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा हुई।
आतंकी नेटवर्क का प्रारंभिक खुलासा
प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिला है कि इस धमाके का संबंध सफेदपोश आतंकी नेटवर्क से है। जांच एजेंसियों को इस आतंकी घटना के तार पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद (AGH) से जुड़े मिले हैं।
जांच जारी है और सुरक्षा एजेंसियां इस हमले के पीछे मौजूद पूरी साजिश और नेटवर्क का पता लगाने में लगी हुई हैं। अमेरिका की मदद की पेशकश के बावजूद, भारत ने साफ कर दिया है कि वह इस जांच को खुद संभालने में पूरी तरह सक्षम है।














