अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की त्रासदी ने न सिर्फ भारत को, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक हादसे में कुल 241 यात्रियों की जान चली गई, जिनमें 53 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे। इस दुखद घटना के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए ब्रिटिश शाही परिवार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
ब्रिटेन के किंग चार्ल्स शनिवार को अपने जन्मदिन के अवसर पर होने वाली पारंपरिक ‘ट्रूपिंग द कलर’ परेड में अहम बदलाव कर रहे हैं। बकिंघम पैलेस के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि इस वर्ष शाही परिवार के सभी सदस्य काली पट्टी पहनेंगे और समारोह की शुरुआत एक मिनट के मौन के साथ की जाएगी। यह श्रद्धांजलि एयर इंडिया की उस फ्लाइट के पीड़ितों को दी जाएगी जो अहमदाबाद से उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
किंग चार्ल्स इससे पहले भी इस त्रासदी पर गहरा दुख प्रकट कर चुके हैं। उन्होंने एक बयान में कहा था, “मेरी पत्नी और मैं इस भयावह घटना से बेहद सदमे में हैं। हम उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं जो इस दुर्घटना से प्रभावित हुए हैं और अपने प्रियजनों की खबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।”
ब्रिटिश प्रधानमंत्री की संवेदना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इस घटना को “दिल दहला देने वाला” करार देते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट में गहरी संवेदना जताई। उन्होंने लिखा, “आज का दिन कई ब्रिटिश और भारतीय परिवारों के लिए अत्यंत पीड़ादायक है।”
इस हादसे के बाद यूके की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB) और यूएस की फेडरल एविएशन एजेंसी (FAA) ने भारतीय एजेंसियों को तकनीकी जांच में मदद देने की पेशकश की है।
कैसे हुआ हादसा?
दुर्घटनाग्रस्त विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था, जो गुरुवार दोपहर अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद तकनीकी खराबी के कारण क्रैश हो गया। विमान में 169 भारतीय और 53 ब्रिटिश नागरिकों समेत कुल 241 लोग सवार थे। हादसे के तुरंत बाद विमान में भीषण आग लग गई, जिससे काले धुएं का गुबार आसमान में फैल गया। मौके पर फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीमें तेजी से पहुंचीं, लेकिन जान-माल का बड़ा नुकसान पहले ही हो चुका था।
ब्रिटिश शाही परिवार द्वारा शोक में काली पट्टी पहनने और मौन रखने का निर्णय इस अंतरराष्ट्रीय त्रासदी पर उनकी गंभीर संवेदनशीलता को दर्शाता है। यह कदम एकजुटता और सांस्कृतिक संवेदनाओं की मिसाल पेश करता है। वहीं, यह हादसा विमानन सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली पर भी कई बड़े सवाल खड़े करता है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग से होने वाली जांच से यह उम्मीद की जा रही है कि दुर्घटना के पीछे के कारणों को स्पष्ट किया जा सकेगा और भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सकेगा।