उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को दिल दहला देने वाली घटना में छह वर्षीय मासूम बच्ची को कुत्तों ने इतना नोचा कि उसकी मौत हो गई। बच्ची अपनी मां के साथ दूध लेने जा रही थी, तभी यह हादसा हुआ। अफजलगढ़ के मोहल्ला फैजी कॉलोनी में यह वारदात हुई, जहां पहले से ही कुत्तों का खौफ बना हुआ था।
बताया गया कि महबूब नामक व्यक्ति की बेटी यासमीन, जो सिर्फ छह साल की थी, सुबह अपनी मां गुलशन के साथ दूध लेने निकली थी। वह रास्ते में अपनी मां से कुछ कदम पीछे रह गई और तभी कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। कुत्तों ने बच्ची के शरीर को पचास से ज्यादा जगहों से काटा, जिससे उसके शरीर पर गहरे घाव हो गए।
मां और मोहल्लेवालों ने काफी कोशिश की बच्ची को कुत्तों से बचाने की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। यासमीन को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस दर्दनाक हादसे के बाद पूरे मोहल्ले में मातम पसरा है और लोगों में भय व आक्रोश का माहौल है।
बच्चों पर कुत्तों के हमले के पिछले मामले भी डरावने:
केस 1: नजीबाबाद के जलालाबाद में 12 वर्षीय मोहम्मद कैफ अपने दोस्तों के साथ आम के बाग में लकड़ी बीनने गया था। वहीं कुत्तों ने हमला कर दिया। बाकी बच्चे पेड़ पर चढ़ गए, लेकिन कैफ को कुत्तों ने मार डाला।
केस 2: नहटौर में तीन साल पहले ईदगाह मोहल्ले में दो वर्षीय मासूम को आवारा कुत्तों ने मौत के घाट उतार दिया था। इसके अलावा ग्राम सादिकाबाद में स्कूल जाती बालिका रानी को कुत्तों ने काट लिया था, जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
केस 3: 13 मई 2015 को बिजनौर के मछली बाजार क्षेत्र में एक चार वर्षीय बच्चे आलीशान को घर के बाहर से कुत्ते खींचकर ले गए थे और उसे बुरी तरह नोचा। पड़ोसियों ने जान जोखिम में डालकर बच्चे को छुड़ाया।
इस तरह की घटनाओं से लोग खासे दहशत में हैं, लेकिन नगर पालिका प्रशासन की तरफ से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोगों की मांग है कि आवारा कुत्तों और बंदरों से निजात पाने के लिए प्रशासन सख्त और स्थायी समाधान निकाले।