उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से सुभासपा विधायक और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषण (हेट स्पीच) के मामले में मऊ की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाते हुए दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अब्बास के साथ उनके भाई मंसूर अंसारी को भी इस मामले में दोषी ठहराया गया है।
चुनाव प्रचार में दिया था विवादित बयान
दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्बास अंसारी ने प्रशासनिक अधिकारियों को धमकी भरे अंदाज़ में कहा था कि चुनाव जीतने के बाद उन सभी अफसरों से "हिसाब बराबर" किया जाएगा। उनके इस बयान को न सिर्फ आचार संहिता का उल्लंघन माना गया, बल्कि यह सांप्रदायिक और भड़काऊ भाषण की श्रेणी में भी आया। इसी को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
चुनाव आयोग ने भी लिया था संज्ञान
बयान के बाद चुनाव आयोग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए अब्बास अंसारी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे की रोक लगा दी थी। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद कानूनी प्रक्रिया चली और अब अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और असर
अब्बास अंसारी ने 2022 के चुनाव में मऊ सदर सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। उस समय समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) का गठबंधन था, जिसके तहत उन्हें टिकट मिला था। अब सुभासपा भाजपा से गठबंधन कर चुकी है, लेकिन अब्बास अंसारी की सजा का असर उनके राजनीतिक करियर पर गंभीर रूप से पड़ सकता है, खासकर यदि उच्च अदालतों से उन्हें राहत नहीं मिलती है।