उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित राम मंदिर में गुरुवार, 5 जून को राम दरबार और परिसर के सात अन्य मंदिरों की विधिपूर्वक प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई। इस पावन अवसर पर राम दरबार की पहली तस्वीर भी सार्वजनिक की गई। प्राण प्रतिष्ठा की यह पावन विधि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में संपन्न हुई। मुख्यमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार के समक्ष पूजन-अर्चन कर अनुष्ठान की शुरुआत की।
राम मंदिर को इस विशेष अवसर पर भव्यता से सजाया गया है। देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं, क्योंकि राम मंदिर के पहले तल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा हुई है। राम दरबार में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, माता सीता, भाई लक्ष्मण और भक्त हनुमान की सुंदर मूर्तियां स्थापित की गई हैं। इस पवित्र अनुष्ठान में 101 वैदिक आचार्यों ने विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण के साथ प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न कराई।
प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत मंदिर ट्रस्ट की ओर से राम दरबार की तस्वीर साझा करते हुए लिखा गया:
"दक्षिणे लक्ष्मणो यस्य वामे च जनकात्मजा।
पुरतो मारुतिर्यस्य तं वन्दे रघुनन्दनम्॥"
अर्थात्- जिनके दक्षिण में लक्ष्मण, बाईं ओर जनकपुत्री सीता और सामने पवनपुत्र हनुमान हैं, मैं उन रघुकुल नंदन श्रीराम को वंदन करता हूँ।
सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य
इस भव्य आयोजन के मद्देनज़र प्रशासन द्वारा सुरक्षा के अत्यंत पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं। हजारों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए अयोध्या पहुंचे हैं। महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने बताया कि मुख्यमंत्री श्रीराम और अन्य देवी-देवताओं की प्रतिष्ठा के लिए आ रहे हैं। उन्होंने इसे अत्यंत हर्ष का विषय बताया और कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि एक संन्यासी मुख्यमंत्री ने प्रदेश के आध्यात्मिक मूल्यों को न केवल समझा बल्कि उन्हें ऊर्जावान बना दिया।
मंदिर परिसर में सभी तैयारियाँ पूर्ण हो चुकी हैं। एक सुंदर छोटा पंडाल भी सजाया गया है। सुरक्षा प्रभारी एसपी बलरामाचारी दुबे एवं मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव ने व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। एसपी सुरक्षा ने जानकारी दी कि मंदिर की सुरक्षा अभेद्य है और अत्याधुनिक उपकरणों से निगरानी की जा रही है। एटीएस, सीआरपीएफ, पीएसी और सिविल पुलिस बल सहित सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती की गई है।