गुजरात के अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया के प्लेन क्रैश ने भारत के साथ ही पूरी दुनिया को गहराई से झकझोर दिया है। इस दिल दहला देने वाले हादसे ने विमानन सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एयर इंडिया की दुर्घटनाग्रस्त फ्लाइट 171 को बनाने वाली जानी-मानी विमान निर्माता कंपनी बोइंग को भी इस घटना से बड़ा झटका लगा है। दुनिया की सबसे बड़ी और तकनीकी रूप से अग्रणी एयरक्राफ्ट कंपनी के एक्सपर्ट्स अहमदाबाद पहुंच गए हैं। बोइंग का कहना है कि हम हर पहलू से जांच कर पता लगाएंगे कि आखिर किस तकनीकी या मानवीय कमी के चलते यह दर्दनाक प्लेन क्रैश हुआ है।
सोमवार को सुबह ही बोइंग के एक्सपर्ट अहमदाबाद पहुंचे और अब वे घटनास्थल पर जाकर विस्तृत मुआयना करेंगे। विशेषज्ञ वहां से साक्ष्य जुटाएंगे, घटनास्थल का गहन अध्ययन करेंगे और कई तकनीकी बिंदुओं को खंगालेंगे। इसके अलावा वे प्लेन के ब्लैक बॉक्स और अन्य डेटा रिकॉर्डिंग उपकरणों का विश्लेषण कर सकते हैं, जिससे दुर्घटना के असली कारणों का पता चल सके।
इस भयावह दुर्घटना पर बोइंग के सीईओ केली ऑर्टबर्ग का भी आधिकारिक बयान सामने आया है। उन्होंने हादसे पर गहरा दुख जताया और कहा कि मैंने एयर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन से बात की है और जांच में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है। बोइंग की अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ टीम भारत सरकार के एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के साथ मिलकर इस हादसे के हर पहलू की बारीकी से जांच करेगी और तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से दुर्घटना के कारणों की तह तक जाने की कोशिश करेगी।
इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से दुर्भाग्यवश केवल एक ही शख्स जीवित बच सका। इस दुर्घटना में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी समेत 241 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अधिकतर शव बुरी तरह से जल चुके हैं और उनकी पहचान कर पाना मुश्किल हो गया है। मृतकों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण की प्रक्रिया चलाई जा रही है, जिसमें अब तक 87 शवों की डीएनए पहचान हो चुकी है। मृतकों के परिजनों का आना लगातार जारी है और जांच की यह प्रक्रिया भी लंबी चलने की संभावना है। यह भारत के विमानन इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा हादसा है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई।