
साल 2025 अब अपने आख़िरी पड़ाव पर है और कुछ ही दिनों में 2026 की शुरुआत होने जा रही है। नए साल के स्वागत के साथ यह समय बीते वर्ष पर नज़र डालने का भी होता है—यह समझने का कि हमने क्या हासिल किया और किन दर्दनाक अनुभवों से गुज़रे। पीछे मुड़कर देखना इसलिए ज़रूरी हो जाता है ताकि बीते साल हुई चूकों, लापरवाहियों और व्यवस्थागत कमियों से सबक लेकर भविष्य को अधिक सुरक्षित बनाया जा सके।
राजस्थान के लिए साल 2025 कई मायनों में भारी रहा। यह वर्ष न सिर्फ़ राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं के लिए याद किया जाएगा, बल्कि उन भयावह हादसों के लिए भी, जिन्होंने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। कहीं मासूम बच्चों की जान गई, तो कहीं मरीज अस्पताल में ही काल का शिकार हो गए। आइए, साल 2025 में राजस्थान में घटित उन 5 बड़े हादसों पर एक नज़र डालते हैं, जिन्होंने लोगों के दिलों में गहरी टीस छोड़ दी।
1 — झालावाड़ स्कूल हादसा
साल 2025 के जुलाई महीने में झालावाड़ जिले से आई एक खबर ने पूरे राज्य को सन्न कर दिया। 25 जुलाई को पिपलोदी गांव स्थित एक सरकारी स्कूल की छत अचानक भरभराकर गिर गई। इस दर्दनाक हादसे में 7 मासूम बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। बारिश के मौसम के बीच हुई इस घटना ने सरकारी स्कूलों की जर्जर इमारतों की भयावह सच्चाई उजागर कर दी।
इस हादसे के बाद राजस्थान के अलग-अलग जिलों से स्कूल भवनों के गिरने और दीवारें ढहने की खबरें सामने आने लगीं, जिससे यह मुद्दा प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन गया। झालावाड़ हादसे के बाद सरकार को हरकत में आना पड़ा और जर्जर इमारतों की पहचान कर उन्हें दुरुस्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया।

2 — जयपुर एसएमएस हॉस्पिटल अग्निकांड
अक्टूबर 2025 में जयपुर स्थित राज्य के सबसे बड़े अस्पताल, एसएमएस हॉस्पिटल, में हुआ अग्निकांड बेहद भयावह साबित हुआ। अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू वार्ड में अचानक आग लग गई, जिसमें 8 मरीजों की ज़िंदा जलने से मौत हो गई। इनमें से 6 मरीज आईसीयू में ही फंसे रह गए, जबकि 2 अन्य की जान उन्हें पास के दूसरे आईसीयू में शिफ्ट करते समय चली गई।
इस हादसे में 5 लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे। शुरुआती जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया। प्रदेश के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण अस्पताल में हुई इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था और सुरक्षा इंतज़ामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। इसके बाद सरकार ने प्रदेशभर के अस्पतालों में फायर सेफ्टी और अन्य व्यवस्थाओं की सख़्त निगरानी शुरू करवाई।
3 — जैसलमेर बस अग्निकांड
अक्टूबर महीने में ही जैसलमेर से एक और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई। 14 अक्टूबर की दोपहर करीब 3 बजे जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक प्राइवेट बस जोधपुर रोड पर थईयात के पास हादसे का शिकार हो गई। अचानक बस में आग लग गई और देखते ही देखते वह आग का गोला बन गई।
बस में कुल 57 यात्री सवार थे, जिनमें से 29 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई। 20 यात्रियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। जांच में सामने आया कि यह बस अवैध तरीके से मॉडिफाई कर स्लीपर एसी बस बनाई गई थी। इस हादसे के बाद राज्य सरकार ने ऐसी अवैध रूप से मॉडिफाइड बसों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई शुरू की।
4 — मनोहरपुर बस हादसा
जयपुर ग्रामीण क्षेत्र के मनोहरपुर इलाके में 28 अक्टूबर को एक और दर्दनाक हादसा हुआ। मजदूरों से भरी एक प्राइवेट स्लीपर बस हाईटेंशन बिजली लाइन की चपेट में आ गई। जैसे ही बस से बिजली का तार टकराया, उसमें तेज़ करंट दौड़ गया और भीषण आग लग गई।
इस दुर्घटना में बस में सवार 10 मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए, जिनमें से एक पिता और उसकी बेटी की मौके पर ही मौत हो गई। यह बस उत्तर प्रदेश से मनोहरपुर के टोडी स्थित ईंट भट्टे की ओर जा रही थी। बस की छत पर भारी मात्रा में ओवरलोड सामान रखा हुआ था, जिसके कारण बिजली के तार से संपर्क हुआ। बस में गैस सिलेंडर भी मौजूद थे, हालांकि सौभाग्य से उनमें विस्फोट नहीं हुआ। हादसे के बाद पूरे प्रदेश में ओवरलोडिंग के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया।
5 — अजमेर हाईवे सिलेंडर ब्लास्ट हादसा
अक्टूबर की ही 7 और 8 तारीख की दरम्यानी रात दूदू जिले में अजमेर हाईवे पर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, लेकिन इसके दृश्य बेहद डरावने थे। सड़क किनारे खड़े एक एलपीजी सिलेंडर से भरे ट्रक को पीछे से आ रहे दूसरे ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही करीब 200 गैस सिलेंडर एक के बाद एक फटने लगे।
धमाकों की आवाज़ें लगभग 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दीं, जिससे आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई। इस हादसे में ट्रक चालक की मौत हो गई। हालांकि समय रहते यातायात को डायवर्ट कर दिया गया, वरना हाईवे से गुजर रहे कई अन्य वाहन भी आग की चपेट में आ सकते थे। इस घटना ने हाईवे सुरक्षा और खतरनाक सामान के परिवहन को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दीं।













