रणथंभौर में एक भयावह टाइगर अटैक की घटना में राधेश्याम माली की मौत हो गई है। वन विभाग ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर अस्पताल के मोर्चरी में सुरक्षित रखा है। यह शव जैन मंदिर से लगभग 30 से 40 मीटर दूर झाड़ियों में मिला था। मृतक की गर्दन पर बाघ के केनाइन के घातक निशान थे, साथ ही जांघ के हिस्से को भी बाघ ने काट लिया था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रणथंभौर किले के क्षेत्र में विशेषकर गणेश धाम और मंदिर क्षेत्र के बीच के रास्तों पर बाघों की उपस्थिति तेजी से बढ़ रही है, जो मानव और वन्यजीव संघर्ष को बढ़ावा दे रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना जंगल और इंसानों के बीच के खतरनाक टकराव की ओर संकेत करती है।
मृतक राधेश्याम माली जैन मंदिर में कार्यरत थे, जहां उनका लंबे समय से सेवा दे रहे थे। प्रशासन ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस दुखद घटना की जानकारी साझा की है।
हालांकि, 8 जून को किले के अंदर बाघ की हलचल के कारण त्रिनेत्र गणेश मार्ग को बंद कर दिया गया था और गणेश धाम के प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं को रोक दिया गया था। इसके बावजूद यह सवाल उठता है कि इतनी सुरक्षा के बीच मृतक व्यक्ति किले के अंदर कैसे पहुंच गया।
स्थानीय लोग इस घटना को लेकर गुस्से में हैं और उन्होंने गणेश धाम के पास जाम लगा दिया है। पुलिस इस स्थिति को नियंत्रित करने और लोगों को समझाने में लगी हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग को सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने चाहिए ताकि ऐसी जानलेवा घटनाएं भविष्य में न हों।