जोधपुर: कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली द्वारा जोधपुर में बजरी माफिया के बढ़ते कृत्यों को लेकर लगाए गए आरोपों पर कड़ा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के पांच साल के कार्यकाल में केवल बजरी माफिया ही नहीं, बल्कि जल माफिया, पेपर माफिया सहित कई अन्य प्रकार के माफिया सक्रिय हुए और पनपे। गुरुवार को जोधपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान पटेल ने स्पष्ट किया कि पिछली सरकार ने जनप्रतिनिधियों को इस प्रकार की छूट दी थी, जिससे माफियाओं का बोलबाला बढ़ गया था। वहीं, वर्तमान सरकार इन सभी माफिया गिरोहों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है और लगाम कस रही है।
पटेल ने अपने विधानसभा क्षेत्र लूणी में पुलिस द्वारा बजरी माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की सराहना की और कहा कि यह सरकार का कर्तव्य है कि अवैध गतिविधियों को रोकना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अवैध बजरी पर नियंत्रण लगाना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है ताकि जनता को उचित मूल्य पर बजरी मिल सके। इससे उपभोक्ताओं का हित सुनिश्चित होगा।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि लूणी विधानसभा क्षेत्र में अवैध बजरी के परिवहन को रोकने वाले पुलिसकर्मी सुनील खिलेरी की हत्या राजस्थान में कानून व्यवस्था की विफलता का उदाहरण है। गहलोत ने कहा कि पुलिस प्रशासन और सरकार माफियाओं के सामने कमजोर पड़ रही है। इसी प्रकार नेता प्रतिपक्ष जूली ने भी इस मामले को लेकर सरकार और प्रशासन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि खनन माफिया बेखौफ हैं, जबकि सरकार और प्रशासन चुप्पी साधे हैं, जो स्पष्ट रूप से माफियाओं को संरक्षण मिलने का संकेत देता है।
तेज गर्मी के कारण बिजली और पानी की समस्या बढ़ने पर जोगाराम पटेल ने बताया कि हाल ही में आए अंधड़ से बिजली व्यवस्था प्रभावित हुई थी, लेकिन इसे जल्द ठीक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पानी की आपूर्ति में देरी हुई है, लेकिन सरकार ने इसके लिए कंटिजेंसी प्लान तैयार किया है और आवश्यकतानुसार जलापूर्ति के लिए टैंकर भी लगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री खुद लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला प्रशासन को निर्देश दे रहे हैं और इस पर निगरानी रखी जा रही है ताकि जनता को समय पर बिजली और पानी की सुविधा मिल सके।