जयपुर: ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने स्पष्ट किया है कि राजस्थान में बिजली की दरों में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि बीते सीजन की तुलना में वर्तमान में प्रदेश में बिजली उत्पादन की लागत में कमी आई है। इसलिए उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डालने की कोई योजना नहीं है। विद्युत भवन में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने यह जानकारी दी। इससे पूर्व नागर ने बिजली उत्पादन, प्रसारण और वितरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और पूरी व्यवस्था की समीक्षा की।
बिजली की दरों में बढ़ोतरी के सवाल पर नागर ने कहा कि फिलहाल दरों में कोई इजाफा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमने बिजली की खरीद प्रणाली को अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाया है। इसके चलते उत्पादन की लागत में 23 पैसे प्रति यूनिट की कमी आई है। बीते वित्तीय वर्ष और पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में यह उल्लेखनीय उपलब्धि है। सरकार की वर्तमान में बिजली दर बढ़ाने की कोई मंशा नहीं है, और भविष्य में भी इस दिशा में कदम नहीं उठाए जाएंगे।
बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सरकार की प्राथमिकता:
राज्यमंत्री नागर ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों के साथ बिजली आपूर्ति से संबंधित समस्याओं पर विस्तृत समीक्षा की है। उन्होंने दोहराया कि उपभोक्ताओं को पर्याप्त मात्रा में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जहां-जहां वितरण से जुड़ी दिक्कतें सामने आ रही हैं, वहां संबंधित प्रसारण अधिकारियों के सहयोग से समाधान निकाला जा रहा है। चूंकि आगामी समय में कृषि की बुवाई और सिंचाई का मौसम शुरू होने वाला है, इसलिए अभी से ही उसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
ट्रांसफार्मर और मीटर की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश:
नागर ने जानकारी दी कि ट्रांसफार्मर और मीटर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिए गए हैं। गर्मी के मौसम में जहां-जहां बिजली आपूर्ति का सिस्टम ओवरलोड हो रहा है, वहां वैकल्पिक उपायों के तहत बायपास तकनीक से आपूर्ति बहाल की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान की जा रही है और जल्द समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। पिछली सरकार के कार्यकाल में 40 जीएसएस (ग्रिड सब स्टेशन) बनाए गए थे, जबकि मौजूदा सरकार ने अपने पहले ही वर्ष में 30 जीएसएस शुरू कर दिए हैं। वर्तमान में ट्रांसमिशन निगम के तहत 160 जीएसएस पर कार्य जारी है और वर्ष 2025 में 200 नए जीएसएस बनाने की योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा।
किसानों को मिल रही है दिन में बिना ट्रिपिंग बिजली:
ऊर्जा राज्यमंत्री ने कहा कि डिस्कॉम द्वारा बिजली आपूर्ति के लिए आवश्यक स्थानों पर दो ब्लॉकों में जीएसएस बनाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में बिजली की कोई कमी नहीं है, हालांकि ट्रांसमिशन और डिस्कॉम से संबंधित कुछ तकनीकी चुनौतियाँ जरूर सामने आई थीं, जिन्हें समय रहते दूर नहीं किया गया था। अब सरकार इन समस्याओं को समयबद्ध तरीके से हल करने के लिए कटिबद्ध है, ताकि आगामी बुवाई सीजन और अगली गर्मी में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
नागर ने दावा किया कि किसानों को दिन के समय बिना किसी ट्रिपिंग के बिजली दी जा रही है, जो मौजूदा सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। कम समय में बड़ी बाधाओं को पार करते हुए सरकार ने बिजली आपूर्ति को स्थिर और सुचारू रूप से संचालित करने में उल्लेखनीय प्रगति की है।