देश की सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG 2025 का परिणाम शुक्रवार को जारी हुआ, जिसमें राजस्थान के विद्यार्थियों ने एक बार फिर देशभर में अपनी मेधा का परचम लहराया। इस बार हनुमानगढ़ के रहने वाले महेश कुमार ने ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल कर राज्य का नाम गौरवान्वित किया है। उन्होंने सीकर के एक निजी कोचिंग संस्थान से तैयारी की थी।
राजस्थान के चार छात्र टॉप-10 में
NEET UG 2025 के टॉप-10 रैंकधारी छात्रों में से चार राजस्थान से हैं। सबसे ऊपर हैं महेश कुमार, जिन्होंने ऑल इंडिया रैंक-1 प्राप्त की है। कोचिंग संस्थान के निदेशक ने महेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह न केवल मेधावी, बल्कि अत्यंत अनुशासित और समर्पित छात्र था। सफलता में उसके परिवार और शिक्षकों का अहम योगदान रहा।
महेश का भावुक संदेश
रिजल्ट आने के बाद मीडिया से बातचीत में महेश ने कहा, "मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि मैं पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त कर पाऊंगा, लेकिन मुझे हमेशा विश्वास रहा कि ईमानदारी और सही दिशा में की गई मेहनत का फल जरूर मिलता है।" उन्होंने अपने माता-पिता, शिक्षकों और कोचिंग संस्थान को अपनी सफलता का श्रेय दिया।
परीक्षा से जुड़ी मुख्य बातें
NEET UG 2025 की परीक्षा 4 मई 2025 को देशभर के 548 शहरों में स्थित कुल 5453 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के लिए कुल 22.76 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से लगभग 1.96 लाख छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए। यानी लगभग 20.8 लाख छात्रों ने परीक्षा दी, जो कि कुल पंजीकृत छात्रों का 91.5 प्रतिशत है। गौरतलब है कि यह उपस्थिति दर वर्ष 2021 के बाद सबसे कम रही है।
पेपर का विश्लेषण
इस वर्ष का NEET UG 2025 का प्रश्नपत्र कठिनाई स्तर के लिहाज से 'मॉडरेट से डिफिकल्ट' श्रेणी का माना गया। फिजिक्स और कैमिस्ट्री सेक्शन में अधिकतर प्रश्न एप्लिकेशन-बेस्ड थे, जिनका उत्तर देने के लिए छात्रों को गहराई से सोचने और विवेकपूर्ण विश्लेषण की आवश्यकता थी। वहीं, बायोलॉजी सेक्शन तुलनात्मक रूप से सरल और प्रत्यक्ष रहा, जिससे छात्रों को राहत मिली। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का पेपर विश्लेषणात्मक था, इसलिए संभव है कि पिछले वर्षों की तुलना में कटऑफ में कुछ गिरावट देखने को मिले।
महेश कुमार की सफलता न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश के लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा है। उनका यह संदेश कि “ईमानदार मेहनत कभी असफल नहीं होती”, युवा पीढ़ी के लिए दिशा दिखाने वाला है। सीकर जैसे छोटे शहर से निकलकर देश के सबसे कठिन परीक्षा में शीर्ष पर आना यह दर्शाता है कि समर्पण और सही मार्गदर्शन से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।