जयपुर। राजस्थान की सबसे बड़ी जेल मानी जाने वाली जयपुर सेंट्रल जेल में बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें कैदियों ने जेल से बाहर निकल कर होटल में समय बिताया, गर्लफ्रेंड्स और पत्नियों से मुलाकात की और बाकायदा नाश्ता भी किया। इस पूरे घटनाक्रम में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें पाँच सिपाही, चार कैदी और चार परिजन शामिल हैं।
25,000 में तय हुई "आजादी", पुलिस ने खोली पोल
सूत्रों के अनुसार, यह पूरा “आउटिंग प्लान” करीब ₹25,000 में तय किया गया था। यह रकम एक बिचौलिए के ज़रिए संबंधित सुरक्षाकर्मियों तक पहुंचाई गई, जिन्हें प्रत्येक को ₹5,000 देने की पेशकश की गई थी। इन कैदियों ने एसएमएस अस्पताल में मेडिकल चेकअप के नाम पर अनुमति ली थी, लेकिन वे सीधे अस्पताल नहीं गए, बल्कि होटल और शहर भ्रमण के लिए निकल पड़े।
कैदियों की पहचान और गतिविधियां
चारों आरोपी कैदी—रफीक बकरी, भंवरलाल, अंकित बंसल और करण गुप्ता—को मेडिकल चेकअप की स्वीकृति मिली थी, लेकिन सिर्फ एक ही कैदी अस्पताल पहुंचा। बाकियों ने गर्लफ्रेंड्स और पत्नियों के साथ होटल में समय बिताया।
रफीक और भंवरलाल—जालूपुरा के एक होटल में पत्नी और एक्स-गर्लफ्रेंड से मिले।
रफीक की पत्नी के पास से नशे का सामान मिला, जिस पर NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
अंकित और करण—हवाई अड्डे के पास एक होटल में पोहे का नाश्ता करते हुए देखे गए।
होटल का कमरा अंकित की गर्लफ्रेंड ने बुक कराया था।
गिरफ्तारी और सबूत
करण के एक रिश्तेदार को ₹45,000 नकद और कई कैदी पहचान पत्र के साथ पकड़ा गया। इसके बाद पूरी योजना की परतें खुलने लगीं।
जेल सूत्रों का कहना है कि यह पूरी साज़िश एक अंदर से ऑपरेट कर रहे गैंगस्टर ने रची थी, जो पहले से ही वसूली के मामलों में सजायाफ्ता है।
VIP को धमकाने की भी साजिश?
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि अप्रैल से अब तक 200 से ज़्यादा कॉल्स इंटरसेप्ट किए गए हैं, जिनमें न केवल रिश्वत और गैरकानूनी मोबाइल उपयोग की बात सामने आई है, बल्कि कथित तौर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जैसे वीआईपी को धमकाने की कोशिशें भी सामने आई हैं।
जांच जारी, जेल में सर्च ऑपरेशन शुरू
इस पूरे मामले में सवाई मान सिंह थाने में केस दर्ज किया गया है और जयपुर सेंट्रल जेल में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। जेल प्रशासन, जेल सुरक्षा और पुलिस महकमा अब कठघरे में हैं।