
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा ने ओडिशा शॉप्स एंड कमर्शियल एस्टेब्लिशमेंट्स बिल 2025 को मंजूरी दे दी है, जिसके साथ ही 1956 के मूल अधिनियम में बड़ा बदलाव किया गया है। इस संशोधन के बाद सभी श्रेणी के दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में रोजाना काम करने की सीमा 9 घंटे से बढ़ाकर अब 10 घंटे कर दी गई है।
नया कानून इस उद्देश्य से लाया गया है कि बदलते कारोबारी माहौल में कार्यस्थलों को अधिक लचीला बनाया जा सके और राज्य में रोजगार तथा औद्योगिक गतिविधियों को गति मिल सके।
महिलाओं को नाइट शिफ्ट की अनुमति, सुरक्षा प्रावधान अनिवार्य
विधेयक में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह भी है कि अब महिलाएं नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी। हालांकि, इसके लिए संस्थानों को आवश्यक सुरक्षा उपायों का पालन करना होगा। श्रम एवं रोजगार मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया ने कहा कि यह कदम महिलाओं के लिए कार्यक्षेत्र में अधिक अवसर सृजित करेगा और उन्हें संगठित क्षेत्र में व्यापक भागीदारी का मार्ग देगा।
उत्पादकता बढ़ाने और रोजगार सृजित करने पर जोर
विधानसभा में चर्चा के दौरान मंत्री खुंटिया ने स्पष्ट किया कि नए प्रावधानों का मुख्य उद्देश्य है—
कार्य क्षमता बढ़ाना
महिला कार्यबल को अधिक रोजगार उपलब्ध कराना
आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाना
व्यापार और उद्योग को सुगमता प्रदान करना
उन्होंने बताया कि संशोधित नियम उन स्थानों पर लागू होंगे जहां 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। कार्यदिवस के दौरान किसी कर्मचारी को लगातार छह घंटे तक बिना ब्रेक के काम नहीं कराया जा सकेगा। कम से कम आधे घंटे का विश्राम अनिवार्य होगा।
संस्थानों को मिली 24×7 खुले रहने की सुविधा
नए श्रम कानूनों के बाद अब कोई भी दुकान या व्यावसायिक प्रतिष्ठान चौबीसों घंटे संचालित हो सकता है। हालांकि, इसके साथ यह शर्त भी जुड़ी है कि कर्मचारियों को ओवरटाइम का पूरा भुगतान, साप्ताहिक अवकाश और अन्य सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराई जाएं।
सप्ताहिक छुट्टी के दिन कर्मचारियों के वेतन में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी। यह नियम दिहाड़ी मजदूरी पर काम करने वालों पर भी समान रूप से लागू होगा।
ओवरटाइम सीमा में तीन गुना वृद्धि: अब 144 घंटे
विधेयक में ओवरटाइम कार्य की सीमा को भी बड़े स्तर पर संशोधित किया गया है। पहले जहां एक तिमाही में 50 घंटे तक ही ओवरटाइम की अनुमति थी, वहीं अब यह सीमा बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है। मंत्री ने बताया कि इससे नियोक्ताओं को काम के दबाव को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद मिलेगी, साथ ही इच्छुक श्रमिक दोगुने वेतन के अनुपात में अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे।
महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता, नाइट शिफ्ट से हटाई गई रोक
महिलाओं को नाइट शिफ्ट की अनुमति दिए जाने के साथ ही उनकी सुरक्षा, सम्मान और कल्याण के लिए विस्तृत प्रावधान भी शामिल किए गए हैं। मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य है—
संगठित क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना
लैंगिक असमानता को कम करना
कार्यस्थलों पर अधिक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना
8 नवंबर से लागू होंगे नए नियम
मंत्री खुंटिया ने बताया कि ये सभी संशोधित प्रावधान उसी तारीख से प्रभावी माने जाएंगे जिस दिन ओडिशा शॉप्स एंड कमर्शियल एस्टेब्लिशमेंट्स (संशोधन) अध्यादेश जारी किया गया था — यानी 8 नवंबर से। नए कानूनों के लागू होने के साथ ही राज्य में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के संचालन और श्रमिकों के अधिकारों में महत्वपूर्ण बदलाव देखे जाएंगे, जिससे ओडिशा में रोजगार, सुरक्षा और व्यापारिक लचीलापन—तीनों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।













