पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा कमांडर सैफुल्लाह कसूरी ने कबूल किया है कि भारत की एयर स्ट्राइक में उसके साथी आतंकी मुदस्सर के शव के परखच्चे उड़ गए थे। यह हमला 7 मई को मुरीदके (जेयूडी/एलईटी मुख्यालय) पर हुआ था। मुदस्सर उस स्ट्राइक में मारा गया था, जिसमें भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पीओके और पाकिस्तान में लश्कर और जैश के नौ ठिकानों पर हमला कर 100 से अधिक आतंकियों को खत्म किया था।
हाल ही में आतंकी सैफुल्लाह कसूरी और मुजम्मिजल हाशमी ने कुछ भड़काऊ तकरीरें दीं। इसी दौरान कसूरी ने कबूल किया कि उसके एक साथी आतंकी मुदस्सर के शव के परखच्चे सात मई को मुरीदके (जेयूडी/एलईटी मुख्यालय) पर की गई भारतीय एयर स्ट्राइक में उड़ गए थे। भारत ने यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था। पहलगाम में 26 लोग मारे गए थे। कसूरी ने कहा, ''मुझे उसके जनाजे में शिरकत करने की मंजूरी नहीं दी गई। उसके जनाजे के दिन मैं खूब रोया।'' उसने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि मुदस्सर के जनाजे में शामिल होने से किसने रोका।
पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड है कसूरी
दूसरी ओर, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शीर्ष सैन्य, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने मुदस्सर और दो अन्य जेयूडी सदस्यों के जनाजे में हिस्सा लिया और इसकी तस्वीर सामने आई है। कसूरी ने कहा, ''जब पहलगाम की घटना हुई, तब मैं अपने क्षेत्र में लोगों से मिल रहा था। भारत ने मुझे इस हमले का मास्टरमाइंड बनाया। भारत ने मेरे शहर कसूर को दुनिया भर में मशहूर कर दिया।'' उसने कहा, ''हम अगली पीढ़ी को जिहाद के लिए तैयार कर रहे हैं...हमें मौत का खौफ नहीं है।''
पाक सेना ने दिया था गार्ड ऑफ ऑनर
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कई बड़े आतंकी ढेर हो गए थे। इसमें जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के दस सदस्य भी शामिल थे। इसके अलावा, चार अन्य करीबी लोग भी मारे गए। इसी हमले में लश्कर कमांडर मुदस्सर भी ढेर हो गया था। वह मरकज तैयबा मुरीदके का प्रभारी था। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उसे गार्ड ऑफ ऑनर दिया और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने मिट्टी देते हुए उसके लिए फातिहा पढ़ा था।