देशभर में अभी गर्मी का दबदबा जारी है और मॉनसून के मेहरबान होने में अभी कुछ दिन लगेंगे। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली और उत्तर-पश्चिम भारत अगले एक हफ्ते तक भीषण गर्मी में रहेंगे। राजधानी दिल्ली में पारा अभी 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुका है और अगले कुछ दिनों में यह तापमान 44 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है, जो इस सीजन का सबसे गर्म सप्ताह साबित होगा। 16 मई को दिल्ली में अब तक का सबसे अधिक तापमान 42.3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था, लेकिन इस बार उस रेकॉर्ड को तोड़ने की संभावना है। इस गर्मी के बीच लोगों को मॉनसून की बारिश का इंतजार है, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार मॉनसून की सक्रियता अभी पूरी तरह से नहीं आई है।
मॉनसून की बात करें तो यह पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से अपनी गति से आगे नहीं बढ़ पाया है। इसके पीछे दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मार्ग में आ रही बाधाएं और उत्तर-पश्चिमी दिशा से शुष्क हवा का प्रवेश मुख्य कारण हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि मॉनसून 12 से 18 जून के बीच फिर से सक्रिय होगा और देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश का दौर शुरू होगा।
हालांकि, अभी तक देश के कई हिस्सों में गर्मी की स्थिति सामान्य से कम है, क्योंकि मॉनसून समय से पहले कुछ हिस्सों में पहुंच चुका है। आम तौर पर मॉनसून जून के अंत तक पूरे देश में फैल जाता है, वहीं दिल्ली में यह सामान्यत: 27 जून के आसपास पहुंचता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम राजीवन ने भी बताया है कि मॉनसून की सक्रियता कमजोर है और जून के तीसरे सप्ताह तक ही यह पूर्ण रूप से सक्रिय हो पाएगा।
इस बीच, मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिमी राजस्थान जैसे राज्यों में भीषण हीटवेव की चेतावनी जारी की है। अगले चार-पांच दिनों में इन राज्यों में तापमान सामान्य से काफी अधिक रहेगा, जिससे लोगों को गर्मी से खासा परेशान होना पड़ सकता है। नौ जून से राजस्थान में, और 10 जून से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में हीटवेव का दौर शुरू होने की संभावना है।
देश के अन्य हिस्सों की स्थिति देखें तो मानसून की सक्रियता कमजोर होने के कारण अभी सूखा मौसम जारी रहेगा। स्काइमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन जैसे मौसम तंत्र कमजोर हो गए हैं, जिससे मानसूनी बारिश में देरी हुई है। अनुमान है कि 13 जून से मानसूनी बारिश शुरू होगी और तब तक सूखे व गर्म मौसम का प्रभाव देखने को मिलेगा। 10 जून से दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में बारिश की गतिविधियां फिर से तेज होंगी। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक समेत दक्षिण भारत के राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश भी होगी। पूर्वोत्तर राज्यों में भी इस दौरान अच्छी बारिश का अनुमान है।
इस तरह, फिलहाल देश के अधिकांश हिस्सों में गर्मी बनी रहेगी, लेकिन 12 जून के बाद मॉनसून फिर सक्रिय होकर बारिश लेकर आएगा, जिससे गर्मी से राहत मिलेगी और वातावरण में ठंडक का एहसास होगा। लोगों को अपनी दिनचर्या में गर्मी के हिसाब से सावधानी बरतनी चाहिए और मॉनसून के आगमन का इंतजार धैर्य से करना होगा।