
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जैसे ही सर्दियों की दस्तक होती है, प्रदूषण और धुंध की समस्या तेज़ी से बढ़ने लगती है। हर साल की तरह इस बार भी हवा की गुणवत्ता तेज़ी से बिगड़ी और लोगों के लिए सांस लेना चुनौती भरा हो गया। प्रदूषण स्तर काबू से बाहर होते ही GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) लागू कर दिया गया और प्रशासन ने सख्ती भी बढ़ा दी। इसके बावजूद, नियमों की अनदेखी नहीं थमी। नतीजतन, पिछले 42 दिनों में पुलिस-प्रशासन को एक लाख से अधिक चालान काटने पड़े।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUCC) का पालन न करने में सबसे ज्यादा योगदान कारों का नहीं, बल्कि रोज़मर्रा चलने वाले टू-व्हीलर का है, जो सड़कों पर सबसे ज्यादा दिखाई देते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि GRAP के 14 अक्टूबर से लागू होने के बाद से अब तक पूरे शहर में 1,05,516 PUCC चालान दर्ज किए गए हैं। यानी हर दिन औसतन 23 सौ से अधिक चालान काटे गए। इनमें टू-व्हीलर 82,774 चालानों के साथ सबसे ऊपर रहे, जो कुल उल्लंघनों का लगभग 78% हिस्सा हैं। इनके बाद कारों के 18,579 चालान हुए, जो लगभग 20% के बराबर है।
दिल्ली के वाहन रजिस्ट्रेशन डेटा को देखें तो कुल 1.5 करोड़ से ज्यादा गाड़ियां दर्ज हैं, जिनमें 66.5% टू-व्हीलर और करीब 26% कारें व जीप शामिल हैं।
वाहन श्रेणी अनुसार काटे गए PUCC चालान
गाड़ी का प्रकार - चालानों की संख्या
टू-व्हीलर - 82,774
कार -18,579
हल्के मालवाहक वाहन - 1,615
थ्री-व्हीलर -1,266
कमर्शियल कार/वैन- 728
भारी वाहन - 253
मध्यम मालवाहक वाहन - 101
बस - 79
ग्रामीण सेवा वाहन - 4
कुल 1,05,399
इस बीच, दिल्ली सरकार ने तीस हजारी कोर्ट के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर बताया कि वैध PUCC न होने पर काटे गए 90% से ज्यादा चालान अब भी लंबित पड़े हैं। इससे प्रदूषण नियंत्रण अभियान पर सीधा असर पड़ रहा है। ट्रांसपोर्ट विभाग ने बताया कि GRAP लागू होने के दौरान बने करीब 75% चालानों का अभी तक भुगतान नहीं किया गया।
पत्र में यह भी दर्ज है कि चालान पेंडिंग रहने से वाहन चालकों पर कार्रवाई करना और मुश्किल होता जा रहा है। विभाग ने सुझाव दिया है कि इस मुद्दे पर उच्च न्यायपालिका के साथ मिलकर एक ऐसी प्रणाली बनाई जाए जिसमें बिना किसी दंड में कमी किए सारे प्रदूषण संबंधी चालान समय पर निपटाए जा सकें।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल जारी किए गए 36,225 PUCC चालानों में से 91% अभी तक अनसुलझे हैं। PUCC नहीं होने पर 10,000 रुपये का जुर्माना तय है, इसके बावजूद चालान क्लियर नहीं हो रहे।
इसके अलावा, एक अक्टूबर 2022 से एक मार्च 2023 के बीच GRAP नियम तोड़ने वाली BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल गाड़ियों के खिलाफ 1,095 चालान जारी किए गए थे, जिनमें से 75% अभी भी पेंडिंग हैं। यह आंकड़े दिखाते हैं कि एनफोर्समेंट कड़ा होने के बावजूद नियम तोड़ने वालों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही।














