
बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। लोकप्रिय यूट्यूबर और युवा चेहरों में शुमार मनीष कश्यप ने अब जन सुराज की राह पकड़ ली है। सोमवार को उन्होंने आधिकारिक रूप से प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली जन सुराज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर माहौल में ऊर्जा और उम्मीद दोनों साफ नजर आ रहे थे।
जन सुराज में उनका स्वागत करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “बिहार की वर्तमान व्यवस्था से ऊब चुके और बदलाव की चाह रखने वाले हर नागरिक को इस मंच से जुड़ना चाहिए। यह सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि लोगों की आकांक्षाओं की आवाज है।”
इस मौके पर मनीष कश्यप ने जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा, “मैं भाजपा में 13 महीने तक रहा हूं, लेकिन अब वक्त आ गया है असल बदलाव लाने का। इस बार का चुनाव केवल सत्ता बदलने का नहीं, बल्कि बिहार के भाग्य को नई दिशा देने का चुनाव है।"
उन्होंने आत्मविश्वास से कहा कि “अगले 5 साल जनता के होंगे। आप सब बिहार की सच्चाई जानते हैं – न युवा सुरक्षित है, न महिलाएं। अब समय आ गया है एक ऐसी सरकार बनाने का जो सच में जनहित के लिए काम करे।”
"बुझी हुई आश जलाएंगे हम…"
इससे पहले, मनीष कश्यप ने सोशल मीडिया पर प्रशांत किशोर और जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह के साथ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा था:
“बुझी हुई आश जलाएंगे हम,
घर-घर रोशनी पहुंचाएंगे हम,
पलायन का दर्द मिटाएंगे हम,
फिर से नया बिहार बनाएंगे हम।”
उनकी इन पंक्तियों ने कई युवाओं के दिल को छू लिया और सोशल मीडिया पर जमकर सराहा गया।
चनपटिया से फिर लड़ सकते हैं चुनाव
गौरतलब है कि मनीष कश्यप ने 2020 में चनपटिया सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था और तीसरे स्थान पर रहे थे। अब एक बार फिर चर्चाएं हैं कि वह जन सुराज के टिकट पर चनपटिया से मैदान में उतर सकते हैं।
प्रशांत किशोर पहले ही एलान कर चुके हैं कि जन सुराज पार्टी बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
विवादों से भी रहा है नाता
हालांकि, मनीष कश्यप का विवादों से भी गहरा रिश्ता रहा है। हाल ही में पीएमसीएच में डॉक्टरों के साथ उनकी कथित मारपीट का मामला खूब सुर्खियों में रहा। इसके अलावा सारण जिला प्रशासन ने उनके यूट्यूब चैनल सहित 11 चैनलों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी।
सबसे बड़ा विवाद तब हुआ जब तमिलनाडु में बिहारियों पर हमले का फर्जी वीडियो मनीष के चैनल से प्रसारित हुआ। इस मामले में एनएसए के तहत कार्रवाई करते हुए तमिलनाडु पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ 6 मामले दर्ज किए। 9 महीने बाद मनीष को जेल से रिहाई मिली थी।
अब देखना यह होगा कि मनीष कश्यप का जन सुराज में शामिल होना बिहार की सियासी जमीन को कितना हिला पाता है। लेकिन इतना तय है कि उनके आने से पार्टी को एक नई ऊर्जा और युवा जुड़ाव ज़रूर मिला है।














