World Cup 2023 : स्टेडियम पहुँचते ही ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने खींची पिच की तस्वीर, कहा मैं अच्छा पिच रीडर नहीं हूँ
By: Rajesh Bhagtani Sat, 18 Nov 2023 9:25:58
अहमदाबाद। भारत और आस्ट्रेलिया के मध्य कल अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में विश्व कप 2023 का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। आम तौर मुकाबले से पहले पिच देखने की रस्म है। मेहमान टीम के कप्तान ने जहाँ इस रस्म को पूरा किया वहीं मेजबान टीम के कप्तान ने पिच को नहीं देखा है। दोनों कप्तानों ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए पिच को लेकर अपनी राय जाहिर की। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच को लेकर कहा कि वो अच्छे पिच रीडर नहीं हैं। स्टेडियम पहुंचते ही ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने सबसे पहले पिच की तस्वीर खींची थी। वहीं दूसरी तरफ टीम इंडिया के कप्तान ने कहा कि वे कल पिच का निरीक्षण करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि पिच स्लो होगी।
खिताबी मुकाबले से पहले शनिवार को कंगारू टीम के कप्तान से प्रेस कॉन्फ्रेंस में पिच को लेकर सवाल पूछा गया, जिसका जवाब देते हुए उन्होंने नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच को अच्छा बताया। उन्होंने कहा, “मैं एक बार फिर बता रहा हूं कि मैं अच्छा पिच रीडर नहीं हूं। लेकिन पिच ठोस लग रही है। उन्होंने इसमें सिर्फ पानी डाला है। इसलिए, इसको 24 घंटे दें और फिर देखें। हालांकि ये विकेट अच्छा नज़र आ रहा है।”
ज्ञातव्य है कि वर्ल्ड कप 2023 का पहला मुकाबला इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के बीच इसी मैदान पर खेला गया था।
यहाँ टूर्नामेंट के कुल 4 लीग मैच खेले गए। वहीं भारत और ऑस्ट्रेलिया की
टीमों ने 1-1 लीग मैच इस मैदान पर खेला है। भारतीय टीम ने 14 अक्टूबर को
यहां पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेला था, जिसमें रोहित ब्रिगेड ने 7 विकेट से
एकतरफा जीत अपने नाम की थी। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया की 04 नवंबर को नरेंद्र
मोदी स्टेडियम में इंग्लैंड से भिड़ंत हुई थी, जिसमें कंगारू टीम ने 33
रनों विजय हासिल की थी। लीग मैचों में मैदान दोनों ही फाइनलिस्ट टीमों के
लिए अच्छा रहा।
पेसर के साथ स्पिनर्स को भी मिलती है मदद
मैदान
पर खेले गए टूर्नामेंट के 4 लीग मैचों में तेज़ गेंदबाज़ों के अलावा
स्पिनर्स को भी मदद मिली है। 4 मुकाबलों में तेज़ गेंदबाज़ों ने कुल 35
विकेट झटके हैं, जबकि स्पिनर्स ने 22 बल्लेबाज़ों को अपने जाल में फंसाया
है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि फाइनल मुकाबले में किस तरह गेंदबाज़ों
को ज़्यादा मदद मिलती है।