आईपीएल 2025 में जब यह खबर सामने आई कि केएल राहुल नीलामी पूल में शामिल होने जा रहे हैं, तो क्रिकेट जगत में ज़्यादा हैरानी नहीं हुई। लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए 38 मैचों में 1410 रन, 2 शतक और 10 अर्धशतकों के बावजूद राहुल पर लगातार यह आरोप लगता रहा कि वो टी20 की मांग के हिसाब से तेज़ नहीं खेलते। उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइक रेट 136.13 को भी आलोचना का शिकार होना पड़ा और “स्ट्राइक रेट ओवररेटेड है” जैसे बयान उन्हें ट्रोल का केंद्र बना गए।
लखनऊ की टीम शुरुआती दो सीज़न में प्लेऑफ़ तक पहुंची लेकिन पिछली बार टीम बिखर गई। इसके बाद राहुल और टीम मैनेजमेंट के बीच मतभेद की खबरें आईं और राहुल का लखनऊ अध्याय भी समाप्त हो गया। नीलामी में जब उनका नाम आया, तो वैसी चर्चा नहीं हुई जैसी श्रेयस अय्यर या ऋषभ पंत को लेकर थी। पंत को लखनऊ ने 27 करोड़ में खरीदा, जबकि दिल्ली कैपिटल्स ने राहुल को 14 करोड़ में अपने साथ जोड़ लिया — और अब ये डील "साल की सबसे समझदारी भरी खरीद" साबित हो रही है।
पुराना अंदाज़, नया जोश — दिल्ली में राहुल को मिली नई पहचान
राहुल इस सीज़न में मैदान पर पहले से कहीं ज़्यादा निडर और आक्रामक नजर आ रहे हैं। उन्होंने खुलकर कहा कि बीते एक साल में उन्होंने अपने सफेद गेंद के खेल को बेहतर करने के लिए काफी मेहनत की है और इसके लिए भारत के बल्लेबाज़ी कोच अभिषेक नायर का उन्होंने खासतौर पर धन्यवाद भी दिया।
हाल ही में राहुल ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था, "मैंने पिछले एक साल में अपने खेल पर बहुत काम किया है। अभिषेक नायर के साथ घंटों बैठकर इस बात पर चर्चा की कि मैं कैसे और बेहतर बन सकता हूं। अब मैं सिर्फ गेंद पर ध्यान देता हूं, आक्रामक खेलता हूं और बाउंड्री लगाने का आनंद लेता हूं।"
पुरानी टीमों के खिलाफ 'राहुल' बनते हैं काल
केएल राहुल की खासियत रही है कि जब वो अपनी पूर्व टीमों के खिलाफ उतरते हैं, तो उनका बल्ला और भी ज़ोर से बोलता है। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 17 मुकाबलों में 741 रन, औसत 74.1 और एक पारी में 132 रन के साथ वो आरसीबी को कई बार चोट पहुँचा चुके हैं। इस सीज़न में चिन्नास्वामी स्टेडियम में उनकी पारी और ‘कांतारा स्टाइल’ जश्न ने यह साफ कर दिया कि वह किसी ज़माने में जहां खेलते थे, आज भी वहां के मालिक वही हैं।
22 अप्रैल को लखनऊ में होगा राहुल बनाम पुराना ठिकाना
अब राहुल एक बार फिर लौट रहे हैं उस एकाना स्टेडियम में, जिसे वो तीन सीज़न तक अपना घर कहते थे। दिल्ली की टीम फिलहाल प्लेऑफ़ की दौड़ में मजबूत स्थिति में है और इसका बड़ा श्रेय राहुल के प्रदर्शन को जाता है। वहीं लखनऊ के लिए ये मुकाबला करो या मरो जैसा है, लेकिन उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस बार सामने वो केएल राहुल नहीं है, जो धीमे खेलने के लिए बदनाम था — यह एक बदला हुआ, अधिक समझदार और खतरनाक राहुल है।